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हिंडनबर्ग रिसर्च के ख़िलाफ़ अदानी समूह के क़ानूनी कदम उठाने के बयान के बाद हिंडनबर्ग रिसर्च ने कहा है कि वो किसी भी तरह के क़ानूनी कार्रवाई के लिए तैयार हैं और अपनी रिपोर्ट पर कायम हैं.
उन्होंने एक बयान जारी कर कहा, "हमारी रिपोर्ट आने के बाद पिछले 36 घंटों में अदानी ने एक भी गंभीर मुद्दे पर जवाब नहीं दिया है. हमने रिपोर्ट के निष्कर्ष में 88 सटीक सवाल पूछे थे जो कि हमारे मुताबिक कंपनी को अपने आप को निर्दोष साबित करने का मौका देता है."
"अभी तक अदानी ने एक भी जवाब नहीं दिया है. साथ ही जैसा कि हमें उम्मीद थी, अदानी ने धमकी का रास्ता चुना. मीडिया को एक बयान में अदानी ने हमारी 106 पन्नों की, 32 हज़ार शब्दों की और 720 से ज़्यादा उदाहरण के साथ दो सालों में तैयार की गई रिपोर्ट को "बिना रिसर्च का" बताया और कहा कि वो हमारे ख़िलाफ़, "दंडात्मक कार्रवाई के लिए अमेरिकी और भारतीय कानूनों के तहत प्रासंगिक प्रावधानों का मूल्यांकन कर रहे हैं."
"जहां तक कंपनी के द्वारा क़ानूनी कार्रवाई की धमकी की बात है, तो हम साफ़ करते हैं, हम उसका स्वागत करेंगे. हम अपनी रिपोर्ट पर पूरी तरह से कायम हैं, और हमारे ख़िलाफ़ उठाए गए क़ानूनी कदम आधारहीन होंगे."
"अगर अदानी गंभीर हैं, तो उन्हें अमेरिका में केस दायर करना चाहिए. दस्तावेज़ों की एक लंबी लिस्ट है जिसकी क़ानूूनी प्रक्रिया के दौरान हम डिमांड करेंगे."
इससे पहले अदानी समूह ने कहा था कि वो हिंडनबर्ग रिसर्च के ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्रवाई कर सकते हैं.
अदानी की तरफ़ से गुरुवार को जारी एक बयान में कहा गया, "24 जनवरी 2023 को हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा दुर्भावनापूर्ण और बिना शोध के प्रकाशित रिपोर्ट ने अदानी समूह, हमारे शेयरधारकों और निवेशकों पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है."
"रिपोर्ट ने कारण भारतीय शेयर बाजारों में अस्थिरता बहुत चिंता का विषय है और इसने भारतीय नागरिकों को बिना वजह परेशान किया है."
"स्पष्ट रूप से, रिपोर्ट और इसकी निराधार सामग्री को अदानी समूह की कंपनियों के शेयर मूल्यों पर बुरा प्रभाव डालने के लिए डिज़ाइन किया गया था, क्योंकि हिंडनबर्ग रिसर्च ने खुद माना है कि अदानी के शेयरों में गिरावट से उसे फ़ायदा होगा.
"निवेशक और आम जनता को गुमराह करने, अदानी समूह और उसके अधिकारियों की प्रतिष्ठा को कम करने, और अदानी से एफ़पीओ (फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफरिंग) को नुकसान पहुंचाने के लिए एक विदेशी इकाई द्वारा जानबूझकर और लापरवाही से किए गए प्रयास से हम बहुत परेशान हैं."
"हम हिंडनबर्ग रिसर्च के ख़िलाफ़ दंडात्मक कार्रवाई के लिए अमेरिकी और भारतीय कानूनों के तहत प्रासंगिक प्रावधानों का मूल्यांकन कर रहे हैं."
अमेरिका की फ़ाइनैन्शियल फ़ोरेंसिक कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने आरोप लगाया है कि अदानी समूह स्टॉक मार्केट के "बहुत बड़े हेरफेर" और "अकाउन्टिंग फ़्रॉड स्कीम" में शामिल है.
मंगलवार को छपी एक एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 218 बिलियन डॉलर वाला अदानी समूह "कारोबारी इतिहास की सबसे बड़ी धोखाधड़ी" कर रहा है.(bbc.com/hindi)