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भोपाल, 26 जनवरी। पिछले साल सितंबर के मध्य में नामीबिया से लाकर मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में छोड़े गए आठ अफ्रीकी चीतों में से एक में हेपेटोरेनल (गुर्दे और यकृत से जुड़ा) संक्रमण पाया गया है। एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी है।
उन्होंने कहा कि यह अस्वस्थ चीता मादा है और इसे ‘साशा’ के नाम से जाना जाता है। वह चार साल से थोड़ी अधिक उम्र की है।
मध्यप्रदेश के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) जे एस चौहान ने फोन पर ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘साशा नाम के चीते की हालत में सुधार हुआ है। इसका इलाज तीन पशु चिकित्सकों द्वारा किया जा रहा है और वे नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका के चीता विशेषज्ञों के साथ लगातार संपर्क में हैं। इसे गुर्दे और यकृत की कुछ समस्याएं हैं।’’
उन्होंने कहा कि उसकी यह समस्या सोमवार को सामने आई। भोपाल स्थित वन विहार राष्ट्रीय उद्यान के पशु चिकित्सक डॉ. अतुल गुप्ता को तुरंत कूनो राष्ट्रीय उद्यान भेजा गया।
उन्होंने कहा कि हेपेटोरेनल संक्रमण से पीड़ित इस चीता को पृथक रखा गया है और उसका इलाज किया जा रहा है। मालूम हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 1952 में भारत में विलुप्त हुए चीतों की आबादी को पुनर्जीवित करने की परियोजना के तहत इन आठ चीतों को 17 सितंबर को कूनो राष्ट्रीय उद्यान में एक मंच से लीवर घुमाकर लकड़ी के पिंजरे के दरवाजे खोलकर विशेष बाड़ों में छोड़ा था। इनमें से पांच मादा एवं तीन नर चीते हैं। (भाषा)