अंतरराष्ट्रीय
नाइजीरिया में 1999 में सैन्य शासन समाप्त होने के बाद से अब तक के सबसे कठिन राष्ट्रपति चुनाव में वोटों की गिनती जारी है.
इस बार के चुनाव में मतदान का प्रतिशत काफी अच्छा दिखाई दे रहा है. शनिवार को मतदान केंद्रों पर कुछ कुछ जगह से बैलेट बॉक्स छीनने और हथियारबंद लोगों के हमलों की छिटपुट खबरें भी आईं.
कुछ पार्टियों ने अनियमितताओं के आरोपों पर चिंता जताई है.
अफ्रीका में 8 करोड़ 70 लोग वोटर हैं. 24 साल पहले लोकतंत्र की बहाली के बाद से दो ही दलों का नाइजीरिया की राजनीति में वर्चस्व रहा है. इसमें सत्तारूढ़ ऑल प्रोग्रेसिव कांग्रेस(एपीसी) और पीडीपी शामिल हैं.
लेकिन इस बार राष्ट्रपति मुहम्मदु बुहारी के उत्तराधिकारी की दौड़ लेबर पार्टी के पीटर ओबी से भी कड़ी चुनौती मिल रही है. उन्हें पसंद करने वालों में युवाओं की अच्छी खासी संख्या हैं.
हजारों मतदान केंद्रों पर मतगणना हो रहा है जिन्हें मिलाकर आखिर में राजधानी अबुजा में चुनावी मुख्यालय भेजा जाएगा.
1960 में ब्रिटेन से आज़ादी के बाद से ही नाइजीरिया में कई बार तख़्तापलट और धांधली से भरपूर चुनाव हो चुके हैं. इन चुनावों में ख़तरनाक इलाक़ाई और राजनीतिक मतभेद सतह पर उभरकर आ गए हैं. (bbc.com/hindi)