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पिछले 9 वर्षों में देश महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास की ²ष्टि से आगे बढ़ा : पीएम
10-Mar-2023 1:15 PM
पिछले 9 वर्षों में देश महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास की ²ष्टि से आगे बढ़ा : पीएम

नई दिल्ली, 10 मार्च | महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण पर महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने शुक्रवार को पोस्ट बजट वेबिनार का अयोजन किया। इस वेबिनार का उद्देश्य महिलाओं के स्वामित्व और नेतृत्व वाले व्यावसायिक उद्यमों के सतत विकास के लिए मंथन और मार्ग तैयार करना है। साथ ही केंद्रीय बजट 2023-24 में की गई घोषणा के कार्यान्वयन के लिए एक रणनीति और खाका विकसित करना है। सरकार द्वारा आयोजित 12 पोस्ट-बजट वेबिनार की श्रृंखला में यह 11वां है।

प्रधानमंत्री मोदी ने इस वेबीनार को संबोधित करते हुए कहा देश इस साल के बजट को 2047 तक विकास भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए एक शुभ शुरूआत के रूप में देख रहा है। इस साल का बजट महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास के प्रयासों को एक नई गति देगा। महिला सशक्तिकरण के प्रयासों के परिणाम दिखाई दे रहे हैं और हम देश के सामाजिक जीवन में क्रांतिकारी बदलाव महसूस कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि पीएम आवास ने महिलाओं को घर के आर्थिक फैसले लेने में एक नई आवाज दी है। पिछले 9 वर्षों में 7 करोड़ से अधिक महिलाएं स्वयं सहायता समूहों में शामिल हुई हैं। महिलाओं के सम्मान और समानता की भावना के स्तर को ऊपर उठाकर ही भारत आगे बढ़ सकता है।

प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि देश ने इस वर्ष के बजट को 2047 तक विकास भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए एक शुभ शुरूआत के रूप में देखा है। बजट को भविष्य के अमृत काल के ²ष्टिकोण से देखा और परखा गया है। यह देश के लिए शुभ संकेत है कि देश के नागरिक भी अगले 25 वर्षों को इन लक्ष्यों से जोड़कर देख रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने दोहराया कि पिछले 9 वर्षों में देश महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास की ²ष्टि से आगे बढ़ा है। उन्होंने कहा कि भारत इन प्रयासों को वैश्विक मंच पर ले गया है क्योंकि भारत की अध्यक्षता में जी-20 बैठक में यह प्रमुखता से आ रहा है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष का बजट महिला नेतृत्व वाले विकास के इन प्रयासों को नई गति देगा।

प्रधानमंत्री ने 'मातृ शक्ति' के प्रतिबिंब के रूप में नारी शक्ति का ²ढ़ संकल्प, इच्छा शक्ति, कल्पना, लक्ष्यों के लिए काम करने की क्षमता और अत्यधिक कड़ी मेहनत को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि ये गुण इस सदी में भारत की गति और पैमाने को बढ़ाने में प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं की संख्या बढ़ रही है, और पिछले 9-10 वर्षों में हाई स्कूल और उसके बाद तक पढ़ने वाली लड़कियों की संख्या तीन गुना हो गई है। विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित में लड़कियों का नामांकन आज 43 प्रतिशत है, जो अमेरिका, ब्रिटेन और जर्मनी जैसे देशों से अधिक है। चिकित्सा, खेल, व्यापार या राजनीति जैसे क्षेत्रों में न केवल महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है बल्कि वे आगे बढ़कर नेतृत्व कर रही हैं।

कौशल विकास की आवश्यकता पर बल देते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बजट में लाई गई विश्वकर्मा योजना एक प्रमुख भूमिका निभाएगी और एक सेतु के रूप में कार्य करेगी और महिला सशक्तिकरण के लिए इसके अवसरों का लाभ उठाने की आवश्यकता है। इसी तरह जेम और ई-कॉमर्स महिलाओं के व्यवसाय के अवसरों के विस्तार का जरिया बनते जा रहे हैं, स्वयं सहायता समूहों को जो प्रशिक्षण दिया जा रहा है, उसमें नई तकनीकों को प्राथमिकता देने की जरूरत है।

प्रधानमंत्री ने दोहराया कि देश 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास' की भावना के साथ आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि जिस तरह देश की बेटियों को राष्ट्रीय सुरक्षा की भूमिकाओं में और राफेल विमान उड़ाते हुए देखा जा सकता है, और जब वे उद्यमी बन जाती हैं और निर्णय और जोखिम लेती हैं, तो उनके बारे में सोच बदल जाती है। उन्होंने नागालैंड में पहली बार दो महिला विधायकों के हाल के चुनाव का उल्लेख किया, उनमें से एक ने मंत्री के रूप में भी शपथ ली। "महिलाओं के सम्मान और समानता की भावना के स्तर को बढ़ाकर ही भारत आगे बढ़ सकता है। मैं आप सभी का आह्वान करता हूं कि सभी महिलाओं-बहनों-बेटियों के रास्ते में आने वाली हर बाधा को दूर करने के संकल्प के साथ आगे बढ़ें।" (आईएएनएस)

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