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मध्य प्रदेश विधानसभा ने बीबीसी के ख़िलाफ़ कार्रवाई की माँग करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया है.
बीजेपी के विधायक शैलेंद्र जैन ने प्रस्ताव पेश किया था कि गुजरात के 2002 के दंगों की पड़ताल करने वाली बीबीसी की डॉक्युमेंट्री के प्रसारण के लिए उसके ख़िलाफ़ कार्रवाई की जाए.
बीबीसी की दो भागों में प्रसारित डॉक्युमेंट्री 'इंडिया, द मोदी क्वेश्चन' का भारत में किसी भी रूप में प्रसारण नहीं किया गया था. कुछ लोगों ने अनधिकृत तरीक़े से इस डॉक्युमेंट्री को शेयर करने की कोशिश की थी जिसे केंद्र सरकार ने रोकने का प्रयास किया था.
केंद्र सरकार की इस कोशिश को चुनौती देने वाली याचिका इस समय सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस भेजकर जवाब माँगा है.
वरिष्ठ पत्रकार एन राम, तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा और वकील प्रशांत भूषण की इस याचिका पर अप्रैल महीने में अगली सुनवाई होगी. इससे पहले गुजरात विधानसभा में भी इसी तरह का प्रस्ताव पारित किया गया था.
मध्य प्रदेश विधानसभा में पारित प्रस्ताव के बारे में राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, "यह भारत की संप्रभुता और संविधान पर हमला है, भारत को बदनाम करने का बीबीसी ने जो प्रयास किया वह निंदनीय है और इसके लिए कार्रवाई होनी चाहिए."
बीबीसी ने कहा है कि उसने पत्रकारिता के सभी मानदंडों के अनुरूप डॉक्युमेंट्री बनाई है और उसने सभी पक्षों को अपनी बात रखने का मौक़ा दिया था, इस डॉक्युमेंट्री में बीजेपी के सांसद रहे वरिष्ठ पत्रकार स्वप्न दासगुप्ता ने भी हिस्सा लिया था और दंगों के समय गुजरात के मुख्यमंत्री रहे नरेंद्र मोदी का बचाव किया था.
इस डॉक्युमेंट्री के प्रसारण के तीन सप्ताह बाद आयकर विभाग के अधिकारियों ने तीन दिन तक बीबीसी के दिल्ली-मुंबई स्थित दफ़्तरों में दस्तावेज़ों की पड़ताल की थी और दोनों जगहों पर वरिष्ठ अधिकारियों से पूछताछ की थी, इस आयकर विभाग का सर्वे बताया गया था.
बीबीसी ने आयकर अधिकारियों को पूरा सहयोग देने की बात कही है. (bbc.com/hindi)