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रायपुर, 19 मार्च। पूर्व वन मंत्री महेश गागड़ा ने वर्ष 2019 से 2022 यानी 3 वर्षों में प्रदेश के 3 टाइगर रिजर्व में 183.77 करोड़ रुपये खर्च होने पर सवाल उठाए थे। इस खर्च की जानकारी सरकार ने विस में कांग्रेस विधायक अरूण वोरा के प्रश्नों के जवाब में दी थी।इस पर वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने दस्तावेज जारी कर बताया है कि, पूर्व वन मंत्री महेश गागड़ा के कार्यकाल में 4 साल में 3 टाइगर रिजर्व में 229.10 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे।अकबर ने महेश गागड़ा से पूछा है कि, इतनी बड़ी राशि खर्च किए जाने के बावजूद गागड़ा के कार्यकाल में प्रदेश में बाघों की संख्या 46 से घटकर मात्र 19 क्यों रह गई, इसका जवाब उन्हें देना चाहिए।
पूर्व मंत्री महेश गागड़ा ने वर्तमान सरकार से 183.77 करोड़ रुपये खर्च के बारे में स्थिति स्पष्ट करने कहा था। इसका जवाब देते हुए वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने बताया कि, प्रदेश में 3 टाइगर रिजर्व अचानकमार, उदंती-सीतानदी और इंद्रावती टाइगर रिजर्व है. बीते 3 साल में इन टाइगर रिजर्व में क्रमशः 81.98, 32.80 और 68.99 करोड़ रुपये खर्च हुए. महेश गागड़ा ने कहा था कि 19 बाघों पर 183.77 करोड़ रुपये खर्च कर दिए गए।इसके बारे में अकबर ने कहा है कि, वन मंत्री रहे महेश गागड़ा को इतना तो मालूम रहना चाहिए कि, टाइगर रिजर्व में केवल बाघ ही नहीं बल्कि अन्य प्राणी भी रहते हैं, जिनके लिये समेकित रूप से पारिस्थितिकीय तंत्र का संरक्षण एवं विकास के कार्य किए जाते हैं, जो केवल बाघ के लिए ही नहीं बल्कि सभी प्राणियों के लिए होता है।महेश गागड़ा ने जिस तरह सवाल उठाए हैं. उससे स्पष्ट होता है कि, वन मंत्री रहने के बावजूद उन्हें टाइगर रिजर्व के बारे में कुछ भी जानकारी नहीं है।