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संगठन पर चर्चा, महंत, ताम्रध्वज, और सिंहदेव दिल्ली में डटे
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 4 अप्रैल। छत्तीसगढ़ कांग्रेस के बड़े नेता इस वक्त दिल्ली में हैं। इस कड़ी में सीएम भूपेश बघेल की सोमवार की रात पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल, और प्रदेश प्रभारी शैलजा के साथ बैठक हुई। कहा जा रहा है कि बैठक में विधानसभा चुनाव के चलते संगठन में बदलाव पर मंथन हुआ।
पार्टी के प्रभारी राष्ट्रीय महासचिव वेणुगोपाल के निवास पर बैठक घंटेभर चली। बताया गया कि सीएम श्री बघेल, राहुल गांधी की जमानत याचिका के सिलसिले में सूरत गए थे। इसके बाद वो प्रभारी महासचिव वेणुगोपाल के साथ ही दिल्ली पहुंचे, और उनके निवास गए। इसके बाद प्रदेश प्रभारी सुश्री शैलजा भी वहां पहुंची।
प्रदेश कांग्रेस में बड़े बदलाव की अटकलें लगाई जा रही है। प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम को भी बदले जाने का हल्ला है। इन सबके बीच वेणुगोपाल के साथ शैलजा, और सीएम भूपेश बघेल की बैठक को काफी अहम माना जा रहा है। इससे परे, प्रदेश अध्यक्ष मरकाम को भी दिल्ली जाना था, लेकिन पारिवारिक वजहों से वो कोंडागांव में ही रूक गए।
दूसरी तरफ, स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव, स्पीकर डॉ. चरणदास महंत, और गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू भी दिल्ली में है। स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव को यह कहा गया कि वो किसी खास मुहिम के तहत तो नहीं लेकिन अपने स्वयं की भावी योजना को लेकर गए हैं। पिछले दिनों उन्होंने कहा था कि इस बार वे चुनाव नहीं लड़ेंगे।
सिंहदेव अपनी जगह अपने भतीजे को लड़वाना चाहते हैं। और फिर स्वयं अगले साल राज्य सभा सदस्य बनना चाह रहे हैं। जहां तक पार्टी छोडऩे की बात है तो वे कहते रहें हैं कि कांग्रेस छोडऩे की बात सोच भी नहीं सकते हैं। कहा जा रहा है कि वो इस बार कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से मिलकर ही लौटने वाले हैं। सिंहदेव ,खडग़े, सोनिया, राहुल और प्रियंका गांधी से मिलने की कोशिश करेंगे।
इससे परे गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू को लेकर यह बताया गया कि वे अपने रूटीन मेडिकल चेकअप के लिए गए हैं। । साहू, दिल्ली के एम्स में अपना चेकअप करवाने हर माह जाते हैं । हालांकि उनको लेकर भी कई तरह की चर्चाएं चल रहीं हैं। स्पीकर चरण दास महंत को लेकर यह बताया गया कि हाल में ही विधानसभा का बजट सत्र निपटा है। और यहां उससे संबंधित कोई काम शेष नहीं रह गया है और दिल्ली में संसद सत्र जारी है। उनकी पत्नी ज्योत्सना महंत सांसद हैं। सो अपने परिवार के साथ समय बिताने गए हैं न कि किसी खास मुहिम के तहत।
बहरहाल, छत्तीसगढ़ कांग्रेस या हर बड़ा नेता दिल्ली में है। और इन पर सबकी नजरें हैं। संगठन को लेकर आगे क्या कुछ होता है, यह तो कुछ दिनों बाद स्पष्ट हो पाएगा।