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वाराणसी, 7 अगस्त श्रावण मास के सोमवार के मद्देनजर काशी विश्वनाथ मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ के कारण ज्ञानवापी परिसर में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की टीम का सर्वेक्षण कार्य तीन घंटे की देरी से शुरू हुआ।
सरकारी वकील राजेश मिश्रा ने बताया कि श्रावण मास के सोमवार के अवसर पर ज्ञानवापी परिसर के ठीक बगल में स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को ध्यान में रखते हुए एएसआई का सर्वे चौथे दिन तीन घंटे की देरी से पूर्वाह्न 11 बजे शुरू हुआ।
मिश्र के मुताबिक, रविवार को ज्ञानवापी मस्जिद के तीनों गुंबद और तहखाने का सर्वेक्षण कार्य किया गया। उन्होंने बताया कि इस दौरान तीनों गुंबद और तहखाने की मैपिंग और फोटोग्राफी की गई, जो सोमवार को भी जारी रहेगी।
रविवार को सर्वे का काम खत्म होने के बाद हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने बताया था कि तीनों गुंबद की वैज्ञानिक जांच की जा रही है।
उन्होंने कहा था, “फोटोग्राफी और मैपिंग का काम हो चुका है। तहखाने का सर्वेक्षण भी किया जा चुका है। सर्वेक्षण कार्य में अभी समय लगेगा।”
मुस्लिम पक्ष ने रविवार को आरोप लगाया था कि सर्वे के दौरान परिसर में मूर्ति और त्रिशूल मिलने की अफवाह फैलाई जा रही है, जिससे जनता में उन्माद फैल सकता है। उसने प्रशासन से इन अफवाहों के प्रसार पर रोक लगाने की मांग की थी।
मुस्लिम पक्ष के वकील मुमताज अहमद ने दावा किया था कि जिन हिस्सों में अभी सर्वे नहीं हुआ है, वहां भी मूर्ति और त्रिशूल मिलने की अफवाह फैलाई जा रही है।
उन्होंने कहा था, “इस तरह की अफवाह जनता में उन्माद पैदा कर सकती है। प्रशासन को कानून-व्यवस्था बनाए रखने पर ध्यान देना चाहिए।” (भाषा)