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प्रधानमंत्री ने अविश्वास प्रस्ताव को लेकर साधा निशाना, कहा- विपक्ष ने मणिपुर पर चर्चा नहीं होने दी
12-Aug-2023 7:47 PM
प्रधानमंत्री ने अविश्वास प्रस्ताव को लेकर साधा निशाना, कहा- विपक्ष ने मणिपुर पर चर्चा नहीं होने दी

कोलाघाट (पश्चिम बंगाल), 12 अगस्त। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अविश्वास प्रस्ताव के दौरान संसद से बहिर्गमन करने पर विपक्षी दलों की आलोचना करते हुए ‘‘चर्चा से भागने’’ का आरोप लगाया और कहा कि उनकी सरकार ने विपक्ष द्वारा देश भर में “फैलाई जा रही नकारात्मकता’’ को पराजित कर दिया है।

प्रधानमंत्री ने विपक्षी दलों पर मणिपुर पर चर्चा के बारे में ‘‘गंभीर नहीं होने’’ का भी आरोप लगाया क्योंकि ‘‘इससे उन्हें सबसे अधिक नुकसान होता।’’ मोदी ने कहा कि संसद में चर्चा के माध्यम से समाधान खोजने के अवसर का उपयोग नहीं किया जा सका क्योंकि विपक्षी दलों ने ‘‘लोगों के कल्याण की जगह अपनी राजनीति को प्राथमिकता दी।’’

प्रधानमंत्री के आरोप का परोक्ष रूप से संदर्भ देते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दावा किया कि केंद्र ने ‘‘मणिपुर में अत्याचार करने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है।’’

प्रधानमंत्री पश्चिम बंगाल में पंचायती राज परिषद को डिजिटल माध्यम से संबोधित कर रहे थे। मोदी ने पिछले महीने बंगाल में हुए ग्रामीण चुनाव के दौरान विपक्ष को डराने के लिए ‘‘आतंक और धमकियों’’ का इस्तेमाल करने को लेकर राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की आलोचना भी की।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “दो दिन पहले ही, हमने संसद में विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को हरा दिया। हमने उनके द्वारा फैलाई जा रही नकारात्मकता को पराजित किया है। विपक्ष को सदन से भागते हुए पूरे देश ने देखा है। दुर्भाग्य से, उन्होंने मणिपुर के लोगों को धोखा दिया।’’

मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव लोकसभा से विपक्षी सांसदों के बहिर्गमन के बाद ध्वनि मत से बृहस्पतिवार को गिर गया था। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सत्र शुरू होने से पहले सरकार ने विपक्षी दलों को पत्र लिखकर कहा था कि केंद्र मणिपुर मुद्दे पर चर्चा करना चाहता है।

मोदी ने कहा, ‘‘लेकिन क्या हुआ, आप सबने देखा है? विपक्ष ने ऐसा नहीं होने दिया। ऐसे संवेदनशील विषय पर चर्चा होती तो मणिपुर के लोगों को राहत महसूस होती। उस समस्या के समाधान के लिए कुछ समाधान सामने आए होते।’’

प्रधानमंत्री ने भाजपा के कार्यक्रम में कहा, ‘‘लेकिन विपक्षी दल इस पर चर्चा नहीं करना चाहते थे क्योंकि वे जानते थे कि मणिपुर की सच्चाई उन्हें सबसे ज्यादा चुभेगी।’’ उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि विपक्षी दल किसी भी चर्चा को लेकर ‘‘गंभीर नहीं थे’’ और वे मणिपुर मुद्दे पर ‘‘सिर्फ राजनीति करना चाहते थे।’’

मोदी ने कहा, ‘‘उन्हें (विपक्षी दल) लोगों के दर्द और पीड़ा की परवाह नहीं है। उन्हें केवल राजनीति की परवाह है। यही कारण है कि उन्होंने चर्चा से बचने का फैसला किया और अविश्वास प्रस्ताव लाकर राजनीतिक बहस को प्राथमिकता दी।’’

हालांकि, बनर्जी ने दावा किया कि केंद्र की भाजपा नीत सरकार ने ‘‘पूर्वोत्तर राज्य में अत्याचारों में शामिल लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है।’’

मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए मेइती समुदाय की मांग के विरोध में पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ आयोजित किए जाने के बाद हुई जातीय झड़पों के बाद से 160 से अधिक लोगों की जान चली गई और कई लोग घायल हो गए।

प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने 140 करोड़ भारतीयों के आशीर्वाद से संसद में विपक्षी दलों के अविश्वास प्रस्ताव को हरा दिया। उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं से देश के लोगों के सामने विपक्षी दलों को बेनकाब करने का भी आग्रह किया। मोदी ने कहा, ‘‘विपक्ष सदन की कार्यवाही को बाधित कर सकता है, लेकिन भाजपा कार्यकर्ताओं और प्रतिनिधियों को जनता के सामने उनका पर्दाफाश करना होगा।’’

संसद में अविश्वास प्रस्ताव के गिरने का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘लोगों का विश्वास मुझे प्रेरित करता है और मेरे आत्मविश्वास और उत्साह को बढ़ाता है।’’

पश्चिम बंगाल में टीएमसी पर पंचायत चुनाव के दौरान आतंक का माहौल बनाने का आरोप लगाते हुए मोदी ने कहा कि ऐसे खतरों के बावजूद भाजपा के उम्मीदवारों को लोगों ने अपना आशीर्वाद दिया।

उन्होंने आरोप लगाया, “हाल में बंगाल में पंचायत चुनाव हुए थे। पूरे देश ने देखा कि कैसे टीएमसी ने खूनी खेल खेला। हिंसा का इस्तेमाल विपक्ष को धमकाने के साधन के रूप में किया गया। टीएमसी की ‘तोलाबाज’ सेना ने वोट लूटे। ये टीएमसी की राजनीति है। लेकिन इसके बावजूद बंगाल की जनता के प्यार ने भाजपा उम्मीदवारों को जीत दिलाई है।’’

प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी दावा किया कि ‘‘जो लोग लोकतंत्र के हिमायती के रूप में कार्य करते हैं और इलेक्टॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) पर सवाल उठाते हैं’’ उन्होंने बंगाल में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को ‘‘कमजोर’’ कर दिया है। हालांकि, ममता बनर्जी ने कहा, ‘‘पश्चिम बंगाल में, हाल के ग्रामीण चुनावों के दौरान उनके (भाजपा) द्वारा 15-16 लोगों की हत्या कर दी गई। ’’  (भाषा)

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