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महाराष्ट्र: ठाणे के अस्पताल में एक रात में 17 मरीज़ों की मौत, अस्पताल ने क्या बताई वजह
14-Aug-2023 9:41 AM
महाराष्ट्र: ठाणे के अस्पताल में एक रात में 17 मरीज़ों की मौत, अस्पताल ने क्या बताई वजह

महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई के करीब ठाणे के म्युनिसिपल अस्पताल में एक ही रात में 17 मरीजों की मौत की ख़बर सामने आई है.

मरीज़ों की मौत की वजह अपर्याप्त सुविधाओं और मरीज़ों की संख्या में अचानक हुई बढ़ोतरी को बताया जा रहा है.

रिपोर्टों के अनुसार ठाणे में कलवा के छत्रपति शिवाजी महाराज अस्पताल में एक ही रात में 17 मरीज़ों की मौत हुई है. अस्पताल प्रशासन का कहना है कि बीते 48 घटों में अस्पताल में कुल 18 मौतें हुई हैं.

अस्पताल ने क्या कहा?
ठाणे के म्युनिसिपल कमिश्नर अभिजीत बांगर ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा कि अस्पताल में 48 घंटों में 18 मौतें हुई हैं और इस मामले में उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री को जानकारी दी है.

उन्होंने बताया, "अस्पताल में बीते 48 घंटों में 18 मौतें हुई हैं. मरने वाले मरीज़ों का यहां इलाज चल रहा था. इनमें से कुछ का किडनी की गंभीर बीमारी के लिए, निमोनिया के लिए, केरोसीन की वजह से हुई परेशानी, सड़क हादसे और अन्य बीमारी के लिए इलाज हो रहा था."

"मैंने मुख्यमंत्री को इस घटना के बारे में ख़बर दी है. इस मामले की निष्पक्ष जांच के लिए एक समिति बनाई जाएगी जो ये पता लगाएगी कि मरीज़ों को उचित इलाज मिल रहा था या नहीं."

इससे पहले अस्पताल के अधीक्षक ने मीडिया से बात करते हुए मौतों के साथ-साथ अस्पताल में मौजूदा सुविधाओं के बारे में भी बताया था.

उन्होंने कहा था, "रात में मरने वालों में पांच मरीज़ बुखार से पीड़ित थे, उन्हें सांस लेने में भी तकलीफ थी. उनके फेफड़े ज़ख्मी हो गये थे. एक मरीज़ में प्लेटलेट्स की संख्या 6000 थी. एक मरीज़ ने केरोसिन पी लिया था. एक और अनाम मरीज़ के सिर में चोट थी. एक को मस्तिष्क आघात हुआ था. चार मरीज़ों में मल्टीऑर्गन फेल्योर था."

अस्पताल में मौजूद सुविधाओं के बारे में उन्होंने कहा, "अस्पताल में कुल 500 बेड हैं. हालांकि हमने स्थिति देखते हुए यहां 600 मरीज़ों को भर्ती किया था. कई ग़रीब आदिवासी यहां आते हैं जो आर्थिक दिक्कतों से जूझ रहे होते हैं. हम उन्हें भी भर्ती करते हैं और उनका इलाज करते हैं."

"हमारे पास अस्पताल में 124 डॉक्टर और क़रीब 150 रेजिडेंट डॉक्टर हैं. 500 बेड के हिसाब से देखा जाए तो इतने डॉक्टर पर्याप्त हैं. लेकिन अधिक मरीज़ आने से हम पर लोड बढ़ गया. दरअसल, अस्पताल में ज़्यादा मरीजों के लिए जगह नहीं है. इतने मरीज पहले कभी नहीं आये थे, अचानक इनकी संख्या बढ़ गई."

मौतों को लेकर उठ रहे सवाल
इस खबर के बाद राजनीतिक दलों के नेता अस्पताल पहुंचे और प्रशासन से जवाब मांगा है.

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के ठाणे नेता अविनाश जाधव और शिवसेना-उद्धव ठाकरे गुट के ज़िला प्रमुख केदार दिघे अपने कार्यकर्ताओं के साथ अस्पताल पहुंचे. उन्होंने अस्पताल प्रशासन से सवाल पूछे. इस दौरान अस्पताल के अधीक्षक और डॉक्टरों के साथ उनकी कहासुनी होने की भी ख़बर है.

ठाणे से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता और पूर्व मंत्री जीतेंद्र अवध भी अस्पताल पहुंचे.

उन्होंने इस बारे में 13 अगस्त को सोशल मीडिया पर पोस्ट किया.

उन्होंने लिखा, "आज सुबह उठते ही पत्रकारों का फ़ोन आया कि कलवा के छत्रपति शिवाजी महाराज अस्पताल में 17 मरीज़ों की मौत हो गई है. बहुत बुरी खबर थी. लेकिन मुझे नहीं लगता कि ठाणे नगर निगम प्रशासन इसे गंभीरता से लेगा. अगर दो दिन पहले के मामले को गंभीरता से लिया गया होता तो आज ये नौबत नहीं आती."

जीतेंद्र अवध ने मांग की कि इस पूरे मामले की ज़िम्मेदारी लेते हुए पूरे अस्पताल का ऑडिट किया जाए और इसके नतीजों के बारे में जानकारी दी जाए.

पांच मौतों के बाद भी प्रशासन नहीं जागा- शरद पवार
एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने भी इस मामले पर नाराज़गी ज़ाहिर की है.

उन्होंने ट्वीट कर लिखा, "ठाणे नगर निगम के छत्रपति शिवाजी महाराज अस्पताल में कल रात एक दिल दहला देने वाली घटना हुई."

उन्होंने लिखा, "यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पिछले कुछ दिनों में यहां पांच मरीजों की मौत की घटना के बाद भी प्रशासन नहीं जागा. मृतकों के परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं."

पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने इस मामले में सरकार को दोषी ठहराया.

उन्होंने कहा, "शासन उनके दरवाजे पर है- ये दावा करने वाले मुख्यमंत्री के दरवाज़े पर ही स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव है. अस्पतालों में पर्याप्त स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं हैं, डॉक्टर नहीं है, कर्मचारी नहीं है इसलिए मरीज़ों के इलाज में साफ तौर पर कमियां हैं. इसकी परेशानी आम लोगों को झेलनी पड़ती है. सरकार को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए."

कार्रवाई करेंगे, रिपोर्ट का इंतज़ार - तानाजी सावंत
घटना के बाद मीडिया से बात करते हुए महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री तानाजी सावंत ने कहा, "यह अस्पताल मेरे विभाग के अंतर्गत नहीं आता है. पहले चिकित्सा शिक्षा विभाग के अंतर्गत पांच मौतें हुईं और अब शहरी विकास विभाग के अंतर्गत अस्पतालों में मौतें हुईं. मैं इन मौतों के मामले में रिपोर्ट मांगूंगा और फिर उचित कार्रवाई करूंगा."

उन्होंने कहा, "इस मामले में तत्काल एक समिति गठित की गई है और रिपोर्ट मांगी गई है. दो दिन में रिपोर्ट आ जाएगी."

इस मामले में दूसरी पार्टियों के आरोपों पर उन्होंने कहा, "मुझे नहीं लगता कि इस समय राजनीतिक टिप्पणी करना सही है."

तीन दिन पहले, यानी 13 अगस्त को इसी अस्पताल में एक ही दिन में पांच लोगों की मौत हो गई थी.

उस वक्त यहां से विधायक जीतेंद्र अवध और अन्य दलों ने अस्पताल जाकर विरोध प्रदर्शन किया था.

उस वक्त उन्होंने आरोप लगाया था, कि "यह अस्पताल ग़रीबों को धोखा दे रहा है, उन्हें लूट रहा है. लोगों के बिल बढ़ते जा रहे हैं, डॉक्टर समय पर काम पर नहीं आ रहे हैं."

ये घटना मुख्यमंत्री एननाथ शिंदे ने गृहक्षेत्र ठाणे में घट है, जिस कारण इसे लेकर सियासी हंगामा खड़ा हो गया है.

मौजूदा वक्त में छत्रपति शिवाजी महाराज अस्पताल ठाणे नगर निगम के अंतर्गत आता है. इस नगर निगम पर कई वर्षों से शिवसेना का कब्ज़ा है और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे भी ठाणे में शिवसेना का नेतृत्व कर रहे हैं.

कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने ठाणे में सुपर स्पेशलिटी कैंसर अस्पताल की आधारशिला रखी थी. इसके अलावा यहां एक मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पताल का भी बनाया जा रहा है.

इन सबके बीच अब ये सवाल उठ रहा है कि क्या अस्पताल में आने वाले मरीज़ों की अनदेखी की जा रही है. (bbc.com/hindi)

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