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दिल्ली की महिलाएं हो रहीं हैं घरेलू हिंसा की शिकार
14-Aug-2023 3:56 PM
दिल्ली की महिलाएं हो रहीं हैं घरेलू हिंसा की शिकार

दिल्ली महिला आयोग ने एक रिपोर्ट में कहा कि जुलाई 2022 से जून 2023 तक उसकी हेल्पलाइन नंबर 181 पर 6.3 लाख से अधिक कॉल आईं, जिनके आधार पर 92,004 मामले दर्ज किए गए.

  डॉयचे वैले पर आमिर अंसारी की रिपोर्ट- 

दिल्ली में महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ अपराध की शिकायत के लिए दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू ) की हेल्पलाइन नंबर 181 पर पिछले एक साल में 6.3 लाख कॉल्स मिलीं. ये कॉल्स ज्यादातर घरेलू हिंसा से जुड़ी थीं. कॉल्स की इतनी बड़ी संख्या से पता चलता है कि देश की राजधानी में महिलाएं और लड़कियां बड़े पैमाने पर घरेलू हिंसा की शिकार हैं.

दिल्ली महिला आयोग की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक दर्ज मामलों में घरेलू हिंसा के सबसे ज्‍यादा 38,342 मामले हैं. यानी हर दिन करीब 115 मामले सामने आते हैं, जिसमें कई महिलाएं और लड़कियां अपने ही घर में हिंसा से पीड़ित हैं.

इसके बाद पड़ोसियों के साथ झगड़ों के 9,516 मामले, बलात्‍कार और यौन उत्‍पीड़न के 5,895 मामले, पॉक्सो के 3,647 मामले, अपहरण के 4,229 और साइबर अपराध के 3,558 मामले हैं.

घरों में ही सुरक्षित नहीं हैं महिलाएं
डीसीडब्ल्यू की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा, "पिछले सात वर्षों में हमें 40 लाख कॉल प्राप्त हुए हैं और एक साल में हमने 181 हेल्पलाइन पर 6.3 लाख से अधिक कॉलों को पूरा किया और इन कॉलों के आधार पर 92,000 से अधिक मामले दर्ज किए गए."

उन्होंने कहा, "आयोग हमेशा 181 हेल्पलाइन नंबर के माध्यम से संकटग्रस्त महिलाओं और लड़कियों की मदद

करने का प्रयास करता है. हम यह रिपोर्ट केंद्र और राज्य सरकारों को भेजेंगे और राजधानी में महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ बढ़ते अपराधों पर नियंत्रण में उनका सहयोग मांगेंगे."

आंकड़ों से पता चलता है कि मासिक रुझानों के संदर्भ में आयोग को जुलाई 2022 में सबसे अधिक (10,442 मामले) और जनवरी 2023 में सबसे कम (3,894 मामले) प्राप्त हुए. साप्ताहिक रुझानों से संकेत मिलता है कि ज्यादातर मामले सोमवार को रिपोर्ट किए गए, जबकि सबसे कम मामले रविवार को रिपोर्ट किए गए. दैनिक औसत पर सबसे अधिक कॉल वॉल्यूम दोपहर 12 बजे से शाम 5 बजे के बीच होता है, आधी रात के दौरान कम मामले दर्ज किए जाते हैं.

यौन उत्पीड़न से लेकर पुलिस उत्पीड़न तक की शिकायतें
डीसीडब्ल्यू के आंकड़ों के मुताबिक सेवा से संबंधित 1,319 मामले, संपत्ति विवाद के 421, पुलिस उत्पीड़न के 354, आश्रय गृहों के लिए अनुरोध के 348 मामले, महिलाओं पर खतरनाक हमले के 298 मामले और चोरी के 235 मामले भी शामिल थे. इसके अलावा आयोग को ट्रांसजेंडर व्यक्तियों से 58 शिकायतें और पुरुषों से 137 शिकायतें मिलीं.

आयोग को ये शिकायतें नरेला इलाके से सबसे ज्यादा 2,976 मामले, भलस्वा डेयरी से (1,651), बुराड़ी (1,523), कल्याणपुरी (1,371) और जहांगीरपुरी इलाके से (1,221) से मिली. मालीवाल का कहना है कि आयोग कई साल से देख रहा है कि सबसे ज्यादा शिकायतें घरेलू हिंसा से जुड़ी आती हैं.

रिपोर्ट किए गए मामलों में से लगभग 41.5 प्रतिशत (38,140) 21 से 30 वर्ष की आयु की महिलाओं से जुड़े थे. इसके बाद 21.8 प्रतिशत (20,058) 31 से 40 आयु वर्ग से मिले. वहीं 11 से 20 वर्ष की महिलाओं से 18.41 प्रतिशत (16,939) प्राप्‍त हुए जबकि 7.26 प्रतिशत (6,686) 41 से 50 आयु वर्ग से हैं.

मालीवाल का कहना है कि हर रोज हमारे पास इतनी कॉल्स आ रही हैं जिससे पता चलता है कि महिलाओं के साथ गलत हो रहा है और सरकारों को कार्रवाई करने की जरूरत है. उन्होंने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई जाए और इस बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय गृह मंत्री करे और दिल्ली के उपराज्यपाल, दिल्ली के मुख्यमंत्री, दिल्ली पुलिस कमिश्नर और दिल्ली महिला आयोग को इस विषय पर चर्चा के लिए बुलाया जाए. (dw.com)

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