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सुप्रीम कोर्ट ने महिलाओं से जुड़े इन शब्दों पर लगाई रोक
17-Aug-2023 1:37 PM
सुप्रीम कोर्ट ने महिलाओं से जुड़े इन शब्दों पर लगाई रोक

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को 'हैंडबुक ऑन कॉम्बैटिंग जेंडर स्टीरियोटाइप्स' जारी की है.

इस क़दम का मक़सद अदालत में सुनवाई के दौरान ऐसे शब्दों के इस्तेमाल पर रोक लगाना है, जो सालों से इस्तेमाल होते आ रहे हैं और ये स्टीरियोटाइप्ड कहलाते हैं. स्टीरियोटाइप्ड का मतलब उस चलन से है, जिसमें तार्किकता और संवेदनशीलता समय सापेक्ष नहीं होती हैं.

अदालतों की बहसों में इस्तेमाल होने वाले टर्म को बदलने का मक़सद लैंगिक संवेदनशीलता को सुनिश्चित करना है. कहा जाता है कि इन टर्मों के इस्तेमाल से भेदभाव वाले व्यवहार को प्रमाणिकता मिलती है.

सुप्रीम कोर्ट ने इन शब्दों को हटाकर इनकी जगह कौन से शब्द इस्तेमाल किए जाएं, इसकी लिस्ट भी जारी की है.

कोर्ट ने ये भी बताया है कि स्टीरियोटाइपिंग क्या होता है और क्यों इसे बदलते हुए किन शब्दों के इस्तेमाल की ज़रूरत है.

अदालतों के फ़ैसलों, दलीलों, बहसों के दौरान इन शब्दों का इस्तेमाल जजों और वकीलों को करना होगा.

भारत के मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने क्या कहा?

बीबीसी के सहयोगी पत्रकार सुचित्र मोहंती के मुताबिक़ भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, ''इस गाइडबुक का मक़सद क़ानून की भाषा और कोर्ट की सुनवाई के दौरान जो लैंगिक भेदभाव वाले शब्द इस्तेमाल होते रहे हैं, उनकी पहचान करना और उनके इस्तेमाल पर रोक लगाना है.''

चंद्रचूड़ ने कहा, ''इस हैंडबुक के आने से जेंडर स्टोरियोटाइपिंग पर रोक लगाने में जजों को मदद मिलेगी. साथ ही नए वैकल्पिक शब्दों को भी मुहैया कराया गया है.''

मुख्य न्यायाधीश ने कहा, ''लीगल कम्युनिटी और जजों के सहयोग के लिए इसे बनाया गया है ताकि क़ानून के विषयों में महिलाओं को लेकर स्टीरियोटाइप को ख़त्म किया जा सके. ये हैंडबुक जजों और वकीलों के लिए है.''

इस हैंडबुक की प्रस्तावना में डीवाई चंद्रचूड़ ने लिखा है, ''शब्द वो ज़रिया हैं, जिसके सहारे क़ानून के मूल्यों का संचार किया जाता है. ये शब्द ही होते हैं जो क़ानून निर्माता या न्यायाधीश के इरादे देश तक पहुँचाते हैं. एक न्यायाधीश जिस भाषा का इस्तेमाल करता है वो न सिर्फ़ क़ानून की व्याख्या को दिखाता है बल्कि समाज को लेकर उनकी धारणा को भी बयां करता है.''

इसी साल मार्च में महिला दिवस के मौक़े पर चंद्रचूड़ ने कहा था कि लैंगिक भेदभाव को बढ़ावा देने वाले शब्दों को हटाने पर काम चल रहा है, जल्द एक गाइडलाइन जारी की जाएगी.

सुप्रीम कोर्ट ने अब बताया है कि इस हैंडबुक पर काम कोविड के दौरान शुरू हुआ था.

हैंडबुक के लॉन्च के वक़्त चंद्रचूड़ बोले, ''इसका मक़सद किसी फ़ैसले पर संदेह करना या आलोचना करना नहीं है बल्कि स्टीरियोटाइपिंग, ख़ासकर औरतों को लेकर इस्तेमाल होने वाले शब्दों को लेकर जागरूकता फैलाना है. हैंडबुक इस बात पर गौर करेगी कि स्टीरियोटाइप क्या है.''

सुप्रीम कोर्ट ने बताया- क्या है स्टीरियोटाइपिंग?

इस हैंडबुक को सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर भी अपलोड किया गया है.

इस हैंडबुक में ये भी बताया गया है कि स्टोरियोटाइपिंग क्या होती है और लैंगिक असमानता को लाने में ये कैसे अहम भूमिका निभाते हैं.

इस हैंडबुक में उदाहरण देते हुए बताया गया है कि स्टीरियोटाइपिंग ये होती है- ''कोई औरत ऐसा कपड़े पहने, जिसे पारंपरिक नहीं माना जाता है, तो वो मर्द के साथ शारीरिक संबंध बनाना चाहती है. ऐसे में अगर कोई मर्द औरत की मर्ज़ी के बगैर उसे छूता है तो इसके लिए औरत ज़िम्मेदार है.''

हैंडबुक में इस स्टीरियोटाइपिंग के साथ हक़ीक़त भी बताई गई है.

हैंडबुक में लिखा है, ''किसी औरत का लिबास ये नहीं बताता है कि वो किसी को शारीरिक संबंध बनाने के लिए इशारा कर रही है. औरतें इतनी सक्षम हैं कि वो इस बात को कह सकें. बिना मर्ज़ी के औरत को छूने वाले मर्द ये नहीं कह सकते कि ख़ास तरह के कपड़े पहनकर औरत ने ऐसा करने के लिए उकसाया.''

एक उदाहरण देते हुए कहा गया है कि ये कहना स्टीरियोटाइपिंग है कि एक पुरुष सेक्स वर्कर का रेप नहीं कर सकता क्योंकि ये संभव है कि एक पुरुष सेक्स वर्कर का रेप करे.

सुप्रीम कोर्ट ने इस हैंडबुक में ऐसे कई और उदाहरण दिए हैं.

साथ ही नई हैंडबुक में एलजीबीटीक्यूआईए+ अधिकारों का भी ध्यान रखा गया है.

कौन से शब्दों पर रोक लगाई गई और विकल्प में क्या शब्द लाए गए?

आगे पढ़िए किन शब्दों के इस्तेमाल पर रोक लगाई गई है और विकल्प के तौर पर कौन से शब्द या वाक्य बताए गए हैं.

अडल्टरनेस यानी व्याभिचार: शादी से बाहर किसी महिला का किसी के साथ शारीरिक संबंध बनाना
अफेयर: शादी से बाहर रिश्ता
बास्टर्ड यानी नाजायज़: ऐसा बच्चा, जिसके मां-बाप ने शादी नहीं की थी
बायोलॉजिकल सेक्स/ बायोलॉजिकल पुरुष या मर्द: जन्म के समय जो लिंग था
बॉर्न ए गर्ल- बॉय: जन्म के वक़्त लड़का या लड़की
करियर वीमन: वीमन या महिला
कार्नल इंटरकोर्स : सेक्सुअल इंटरकोर्स
चैस्ट वीमेन यानी वर्जिन महिला: महिला
चाइल्ड प्रोस्ट्यूिट: बच्चा जिसकी तस्करी की गई
ड्यूटीफुल वाइफ, गुड वाइफ: वाइफ या पत्नी
इज़ी वर्चु यानी आसानी से उपलब्ध महिला: महिला
ईव टीज़िंग: स्ट्रीट सेक्सुअल हैरेसमेंट
फगट: व्यक्ति जो है, उसे वैसे ही बयां किया जाए. जैसे- होमोसेक्शुअल या बायोसेक्शुअल
फॉलेन वीमेन यानी ख़राब चरित्र वाली महिला: महिला
फेमिनिन हाइजीन प्रोडक्टस: मेंस्ट्रुल प्रोडक्ट्स
फोर्सिबल रेप यानी जबरदस्ती रेप: रेप
हैरलॉट यानी पैसे के बदले सेक्स करने पर मजबूर महिलाएं: महिला
हमैफ़्रडाइट यानी द्विलिंगी: इंटरसेक्स
हुकर यानी वेश्या: सेक्स वर्कर या यौनकर्मी
हाउसवाइफ: होम मेकर
इंडियन वीमन/ वेस्टर्न वीमन: महिला
हॉर यानी वेश्या: महिला
अनैतिक महिला: महिला
ट्रांससेक्शुअल: ट्रांसजेंडर
ट्रांसवेसटाइट: क्रॉस ड्रेसर
अनवेड मदर यानी बिन ब्याही माँ: माँ
स्लट: महिला
सेक्स चेंज: सेक्स रीअसाइनमेंट या जेंडर ट्रांजिशन
सिडक्टर्स यानी शारीरिक संबंध बनाने के लिए लुभाने वाली महिला: महिला
स्पिनसटर: अविवाहित महिला
प्रोवेक्टिव क्लोदिंग, ड्रेस यानी भड़काऊ कपड़े: क्लोदिंग या ड्रेस
मिस्ट्रेस: शादी से बाहर किसी महिला का किसी पुरुष के साथ रोमांटिक या शारीरिक संबंध होना
मैरिजेबल एज यानी शादी योग्य उम्र: महिला, जिसकी क़ानून के हिसाब से शादी योग्य उम्र हो गई हो
हाल ही में 15 अगस्त के मौक़े पर पीएम मोदी ने लाल किले से कहा था- अब सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसलों को क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध करवाया जा रहा है, इसके लिए मैं सुप्रीम कोर्ट का धन्यवाद करता हूं.

पीएम मोदी ने जब ये कहा, तब डीवाई चंद्रचूड़ ने हाथ जोड़कर पीएम मोदी की कही बात का अभिवादन किया था.(bbc.com)

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