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‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 25 अगस्त। अखिल भारतीय कांग्रेस पार्टी ने छत्तीसगढ़ राज्य के अपने पदाधिकारियों की एक नई लिस्ट कल घोषित की है जिसमें डेढ़ सौ से अधिक पदाधिकारी बनाए गए हैं, लेकिन इनमें दलित, आदिवासी, ओबीसी, और महिलाओं की क्या हालत है इस बारे में छत्तीसगढ़ के एक राजनितिक विश्लेषक सुदीप श्रीवास्तव ने कड़ा हमला बोला है।
उन्होंने लिखा है कि छत्तीसगढ़ के जातिगत ढांचे को पूरी तरह अनदेखा करते हुए छत्तीसगढ़ कांग्रेस के पदाधिकारियों की यह लिस्ट बनाई गई है। उन्होंने इस लिस्ट को राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, के.सी.वेणुगोपाल, और मल्लिकार्जुन खडग़े को भी टैग किया है। उन्होंने लिखा है कि 23 जनरल सेक्रेटरी में से कुल 5 ओबीसी हैं जबकि इस तबके की आबादी 42 फीसदी है, और इनमें भी ओबीसी की 20 जातियों में से कुल 3 को जगह दी गई है।
उन्होंने आगे लिखा है कि प्रदेश में साढ़े 12 फीसदी आबादी दलितों की है लेकिन कुल 2 दलित जनरल सेक्रेटरी बनाए गए हैं, और वे भी सिर्फ सतनामी समाज से हैं। उन्होंने लिखा कि 32 फीसदी आदिवासी आबादी है, लेकिन उसकी 10 प्रमुख जातियों में से कुल 3 जातियों के 4 महासचिव बनाए गए हैं। जबकि 2 फीसदी मुस्लिम आबादी पर 2 मुस्लिम जनरल सेक्रेटरी हैं, 10 फीसदी ऊंची जाति की आबादी में से 10 महासचिव बनाए गए हैं।
इस लिस्ट में 140 सेक्रेटरी बनाए गए हैं लेकिन इनमें से कुल 6 दलित हैं, 14 आदिवासी हैं, और 37 ओबीसी हैं। इनके मुकाबले 10 फीसदी आबादी वाली ऊंची जातियों के 70 सचिव बनाए गए हैं। सुदीप श्रीवास्तव का कहना है कि इस लिस्ट में क्षेत्रीय संतुलन का भी ख्याल नहीं रखा गया है।
उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस के जयपुर अधिवेशन में महिलाओं को 33 फीसदी प्रतिनिधित्व देने की बात की गई थी, लेकिन 23 जनरल सेक्रेटरी में से कुल 4 महिलाएं हैं, और 140 सेक्रेटरी में से कुल 12 महिलाएं हैं।
उन्होंने ‘छत्तीसगढ़’ अखबार से फोन पर आगे बताया कि बिलासपुर संभाग में सबसे ज्यादा 24 विधानसभा सीटें हैं, वहां से कुल एक जनरल सेक्रेटरी बनाया गया है। सरगुजा संभाग में 14 सीटें हैं, वहां कुल 2 जनरल सेक्रेटरी बनाए गए, और दोनों ही पत्थलगांव से हैं। बस्तर में 12 सीटें हैं, और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज वहीं के हैं, वहां 4 जनरल सेक्रेटरी हैं। सबसे अधिक 17 जनरल सेक्रेटरी रायपुर और दुर्ग संभाग से बनाए गए हैं।