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इंदौर (मध्यप्रदेश), 15 फरवरी लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने बृहस्पतिवार को कहा कि सरकार ने चुनावी बॉन्ड योजना के जरिये राजनीतिक दलों के लिए चंदे के इंतजाम के वास्ते "अच्छी पद्धति" पेश की थी क्योंकि सभी पार्टियों को कोष की जरूरत होती है।
चुनावी बॉन्ड योजना पर रोक के उच्चतम न्यायालय के फैसले के बारे में पूछे जाने पर महाजन ने इंदौर में संवाददाताओं से कहा,‘‘मैंने उच्चतम न्यायालय का पूरा फैसला पढ़ा नहीं है और मुझे पूरा मामला मालूम नहीं है, लेकिन चुनावी बॉन्ड योजना के जरिये राजनीतिक दलों को चंदा देने के लिए एक अच्छी पद्धति पेश की गई थी। इतना ही हो सकता है कि अगर इसमें (चुनावी बॉन्ड योजना) कुछ कमियां हों, तो इन्हें दूर किया जाएगा।’’
सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी की 80 वर्षीय नेता ने कहा कि सभी राजनीतिक दलों को कोष की जरूरत होती है और चुनावी बॉन्ड योजना पार्टियों के कोष के इंतजाम के लिए लाई गई थी।
उन्होंने कहा,‘‘अगर उच्चतम न्यायालय (चुनावी बॉन्ड योजना के बारे में) कुछ कहता है, तो ऊपर के लोग (सरकार के शीर्ष पदों पर बैठे व्यक्ति) सोचेंगे।’’
उच्चतम न्यायालय ने चुनावी बॉन्ड योजना को बृहस्पतिवार को रद्द कर दिया और कहा कि यह संविधान प्रदत्त सूचना के अधिकार और बोलने तथा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन करती है।
इस योजना को सरकार ने दो जनवरी, 2018 को अधिसूचित किया था। दूरगामी परिणाम वाले इस ऐतिहासिक फैसले में शीर्ष अदालत ने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को छह वर्ष पुरानी योजना के तहत राजनीतिक दलों को चंदा देने वाले लोगों के नामों की जानकारी निर्वाचन आयोग को देने के निर्देश भी दिए। (भाषा)
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