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नई दिल्ली, 16 मार्च। लोकसभा चुनाव 2024 की तारीख़ों का एलान करने के लिए चुनाव आयोग ने आज यानी शनिवार को अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस शुरू कर दी है.
कान्फ्रेंस में मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार, सुखबीर सिंह संधू और ज्ञानेश कुमार समेत वरिष्ठ चुनाव अधिकारी मौजूद हैं.
चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस में कही ख़ास बातें:-
17 वीं लोकसभा 16 जून को समाप्त हो रही है. जम्मू कश्मीर में भी चुनाव होने बाक़ी हैं. इसके अलावा आंध्र प्रदेश, सिक्किम, ओडिशा और अरुणाचल प्रदेश में भी चुनाव होने हैं.
2024 लोकसभा चुनावों में 97 करोड़ रजिस्टर्ड वोटर हैं. 10.5 लाख पोलिंग स्टेशन हैं. 1.5 करोड़ चुनाव कर्मचारी होंगे. चुनाव में 55 लाख ईवीएम मशीन इस्तेमाल होंगी.
क़रीब एक करोड़ 82 लाख नए वोटर 2024 चुनावों में वोट डालेंगे.
21 से 31 साल के वोटर्स की संख्या क़रीब 19 करोड़ 70 लाख है.
85 साल से ऊपर के मतदाताओं की संख्या 82 लाख है. क़रीब 88 लाख विकलांग मतदाता हैं, इनके लिए ख़ास इंतज़ाम किए गए हैं.
बीएलओ के साथ राजनीतिक पार्टी अपने एजेंट लगा सकते हैं.
देश भर के 800 ज़िलों में हमने एसपी, डीएम, कमिश्रनर, पार्टियां, निगरानी एजेंसियों से मुलाकात करके हमने तैयारियों की समीक्षा की है.
दुनिया के सबसे बड़े और सबसे जीवंत लोकतंत्र पर सबकी नजर है. यह चुनाव का पर्व देश का गर्व है.
हम पूरी तरह तैयार हैं. हमारी पूरी टीम तैयार है.
पिछले चुनाव शांतिपूर्वक हुए हैं. कैंपेन के दौरान शोर शराबा कम हुआ. जब्तियां बढ़ीं. कोर्ट केस कम हुए. पिछले दो सालों में हमने काफी काम किया है.
हम पूरी तरह तैयार हैं. हमारी पूरी टीम तैयार है.
पिछले चुनाव शांतिपूर्वक हुए हैं. कैंपेन के दौरान शोर शराबा कम हुआ. जब्तियां बढ़ीं. कोर्ट केस कम हुए. पिछले दो सालों में हमने काफी काम किया है.
हिमालय से लेकर कन्याकुमारी, राजस्थान के रेगिस्तान से लेकर अरुणाचल के जंगलों तक पोलिंग बूथ बनेंगे.
पिछले चुनाव शांतिपूर्वक हुए हैं. कैंपेन के दौरान शोर शराबा कम हुआ. जब्तियां बढ़ीं. कोर्ट केस कम हुए. पिछले दो सालों में हमने काफी काम किया है.
हिमालय से लेकर कन्याकुमारी, राजस्थान के रेगिस्तान से लेकर अरुणाचल के जंगलों तक पोलिंग बूथ बनेंगे.
85 साल से ऊपर के मतदाताओं के घर जाकर वोट लिए जाएंगे.
फार्म 12 डी पहुंचाकर मतदान लेंगे. पहली बार देश में ये व्यवस्था लागू होगी. 40 प्रतिशत से अधिक विकलांगता है तो वे यह आवेदन कर सकते हैं.
जिस का क्रिमिनल रिकार्ड है उसे तीन बार न्यूज पेपर मे देना पड़ेगा. क्रिमिनल कैंडिडेट के बारे में पार्टियों को सफाई देनी पड़ेगी.
नो योर कैंडिडेट ऐप से आप अपने उम्मीदवारों के बारे में जान सकते हैं.
चार चुनौतियां-
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने चुनाव की तैयारियों का ज़िक्र करते हुए चुनाव में चार चुनौतियां बताईं.
राजीव कुमार बोले- 4 एम से निपटना होगा. ये चार चुनौतियां हैं,
मसल्स (बाहुबल)
मनी (धन)
मिसइन्फ़र्मेशन (ग़लत सूचनाएं)
एमसीसी (आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन)
राजीव कुमार ने 4M के बारे में और क्या कहा
''पर्याप्त संख्या में सीएपीएफ़ तैनात होंगे. इस बार मसल पावर को कम करने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं. खून खराबा और हिंसा को हम नियंत्रित करेंगे. चाहे वो चुनाव से पहले, उसके दौरान या बाद में हो.
हर ज़िले में कंट्रोल रूम बनाए जाएंगे. एक सीनियर अफसर मौजूद रहेगा. जहां से भी शिकायत मिलेगी पूरे देश में उसका निराकरण होगा.
जिला जजों को हिदायत दी है. जितने तीन साल से पुराने लोग हैं उन्हें बदल दीजिए. ठेका कर्मचारियों को चुनाव प्रक्रिया में नहीं लगाए जाएंगे. डबल वोटिंग की शिकायत आए तो उनके खिलाफ एक्शन लिया जाए.
मनी- धन बल का उपयोग. पिछले दो साल के चुनावों में हमने 3400 करोड़ रुपये रोका गया.
पैसे का गलत इस्तेमाल नहीं होने देंगे. हर राज्य में एनफोर्समेंट एजेंसियों से चौकन्ना रहने को कहा गया है. मुफ्त वितरण, पैसे बांटना आदि पर लगाम लगाई जाएगी. ड्रग्स को रोकने की कोशिश होगी.
अगर कैश की डिमांड बढ़ेगी तो बैंक अलर्ट करेंगे. बैंक रोजाना संदिग्ध भुगतान की सूचना देंगे.