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FB/RAHULGANDHI
-रवि प्रकाश
झारखंड के चाईबासा में चल रहे मानहानि के एक पुराने मामले में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को तात्कालिक राहत मिली है.
झारखंड हाई कोर्ट ने राहुल की अपील मानते हुए उन्हें व्यक्तिगत तौर पर पेश होने से एक महीने की छूट दी है.
चाईबासा की एक विशेष अदालत (एमपी-एमएलए कोर्ट) के न्यायाधीश ऋषि कुमार ने राहुल गांधी को 27 मार्च को कोर्ट में मौजूद रहने का आदेश दिया था. झारखंड हाई कोर्ट ने इस आदेश पर एक महीने के लिए रोक लगा दी है.
राहुल गांधी के ख़िलाफ़ बीजेपी नेताओं पर अपमानजनक टिप्पणी करने का ये मामला साल 2018 से लंबित है. तब बीजेपी से जुड़े प्रताप कटियार ने चाईबासा सिविल कोर्ट में उनके ख़िलाफ़ मानहानि का मुक़दमा दर्ज कराया था.
प्रताप कटियार ने चाईबासा के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में यह केस किया गया था. वहां से यह मामला तब रांची के एमपी-एमएलए कोर्ट में ट्रांसफर किया गया. बाद के दिनों में इसे चाईबासा एमपी-एमएलए कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया गया था. तबसे इसकी सुनवाई इसी कोर्ट में चल रही है.
इस मामले से जुड़े अधिवक्ता केशव प्रसाद ने बताया कि अप्रैल, 2022 में कोर्ट ने राहुल गांधी के ख़िलाफ़ ज़मानती वारंट जारी किया लेकिन उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं आया. इसके बाद बीते 27 फरवरी को उनके ख़िलाफ़ गैर ज़मानती वारंट जारी किया गया.
इसके बाद राहुल गांधी ने अपने वकील के माध्यम से आवेदन देकर व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट मांगी थी. लेकिन, अदालत ने बीती 14 मार्च को उनका आवेदन खारिज कर दिया और उन्हें 27 मार्च को व्यक्तिगत तौर पर उपस्थित होने का आदेश दिया. वे इसके ख़िलाफ़ हाईकोर्ट गए, जहां से उन्हें फ़िलहाल राहत मिली है.