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कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने नई दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित इंडिया गठबंधन की 'लोकतंत्र बचाओ' रैली में बीजेपी को राम के जीवन से सीखने की नसीहत दी है.
प्रियंका गांधी ने कहा, "हर साल इस मैदान में दशहरे के दिन रावण के पुतले का दहन होता है. आज जो सत्ता में हैं वे अपने आप को राम भक्त कहते हैं. मुझे लगता है कि वे कर्मकांड में उलझ गए हैं. मैं आज उन्हें याद दिलाना चाहती हूं कि हज़ारों साल पुरानी कहानी क्या है. भगवान राम जब सत्य के लिए लड़े तो उनके पास सत्ता नहीं थी. उनके पास संसाधन नहीं थे, उनके पास तो रथ भी नहीं था. संसाधन रावण के पास था."
उन्होंने कहा, "भगवान राम के पास सत्य, आशा, आस्था, प्रेम, परोपकार, धीरज और साहस था. मैं सत्ता में बैठे हुए अपने प्रधानमंत्री मोदी को याद दिलाना चाहती हूं कि भगवान राम के जीवन का क्या संदेश था सत्ता सदैव नहीं रहती. सत्ता आती है, जाती है, अहंकार चूर-चूर हो जाता है."
अपने संबोधन में प्रियंका गांधी ने सरकार के सामने इंडिया गठबंधन की पांच मांगों को रखा.
उन्होंने कहा, "पहली मांग, भारत के चुनाव आयोग को लोकसभा चुनाव में समान अवसर सुनिश्चित करना चाहिए. दूसरी मांग, चुनाव आयोग को चुनाव में हेरा-फेरी करने के उद्देश्य से विपक्षी दलों के ख़िलाफ़ हो रही आयकर विभाग, ईडी और सीबीआई की कार्रवाई को बलपूर्वक रोकना चाहिए."
प्रियंका गांधी के अनुसार, "तीसरी मांग, हेमंत सोरेन और अरविंद केजरीवाल को तत्काल रिहा किया जाए. चौथी मांग, चुनाव के दौरान विपक्षी दलों का आर्थिक रूप से गला घोटने की ज़बरन कार्रवाई तुरंत बंद हो. और पांचवी मांग, चुनावी बॉन्ड के ज़रिए बीजेपी द्वारा की गई ज़बरन वसूली और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच हो. इसके लिए सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एक एसआईटी बनाई जाए." (bbc.com/hindi)