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‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 1 अप्रैल। बीती शाम एक घर में आग लग जाने से मां और उसके 6 साल के बेटे की मौत हो गई। घर के मालिक की हालत भी गंभीर बनी हुई है। पहली मंजिल के किरायेदार छात्रों ने नीचे कूदकर अपनी जान बचाई। पुलिस के मुताबिक प्रारंभिक जांच से पता चला है कि घर में रखे तारपीन तेल के कारण शार्ट सर्किट ने भीषण रूप ले लिया।
कोतवाली थाने के अंतर्गत कतियापारा में राशन दुकानदार रोमी कश्यप का मकान है। वह तारपीन तेल का व्यवसाय भी करता है। शाम करीब 6.30 बजे पड़ोसियों ने उसके घर से तेजी से आग की लपटें उठती हुई देखीं। उन्होंने तुरंत फायर ब्रिगेड और पुलिस को सूचना दी और घर के अंदर फंसे बच्चे और मां को बचाने की कोशिश की। मगर आग घर के बाहरी हिस्से में लगा था। भीतर जाने का कोई सुरक्षित रास्ता नहीं दिख रहा था। पानी डालकर आग बुझाने की कोशिश भी नाकाम हो रही थी। इस बीच घर का मालिक रोमी अपने भाई मुन्ना के साथ वहां पहुंच गया।
घर के भीतर जाने की कोशिश में वह बुरी तरह झुलस गया। इसी दौरान फायर ब्रिगेड पहुंची और आग पर काबू पाया गया। आग कम होने पर घर में बंद नम्रता कश्यप (30 वर्ष) और उसके बेटे अर्श ( 6 वर्ष) को एक पड़ोसी वैभव दुबे ने भीतर घुसकर दोनों को बाहर निकाला। दम घुटने के कारण वे बेहोशी की हालत में थे, नम्रता झुलस भी गई थी। आनन-फानन में उनको अपोलो अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें नहीं बचाया जा सका। मां और बेटे दोनों को कुछ ही देर में डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। रोमी कश्यप को भी गंभीर हालत में अस्पताल दाखिल कराया गया है। मकान की पहली मंजिल पर कुछ छात्र किराये से हैं। इनमें से दो घटना के समय मौजूद थे। कमरे में धुआं भरने पर वे बाहर निकलने के लिए सामने की सीढ़ियों की तरफ बढ़े लेकिन आग की लपटें देखकर रुक गए। उन्होंने बालकनी से कूदकर अपनी जान बचाई। आग इतना फैल चुकी थी कि आसपास के घरों में उसके फैलने की आशंका होने लगी। घर के सामने खड़ी दो स्कूटी भी जलकर राख हो गई।
कोतवाली पुलिस का कहना है कि रोमी कश्यप तारपीन तेल का व्यापारी है। प्रारंभिक जांच से मालूम हुआ है कि उसके घर के सामने वाले हिस्से में चार प्लास्टिक ड्रम में तारपीन तेल रखे थे। शार्ट सर्किट के कारण इसमें आग लगी और पलक झपकते ही फैल गई। घटना की जांच फोरेंसिक व इलेक्ट्रिल के विशेषज्ञों की मदद से की जाएगी।