ताजा खबर

माँ-बाप का सर पर साया नहीं था, अधीक्षक ने आश्रम में रखकर दी शिक्षा
01-Apr-2024 1:40 PM
माँ-बाप का सर पर साया नहीं था, अधीक्षक ने आश्रम में रखकर दी शिक्षा

धुर नक्सल प्रभावित इलाकों के 6 बच्चों का नवोदय में चयन

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
भोपालपटनम, 1 अप्रैल।
धुर नक्सल प्रभावित पीलूर, अन्नापुर, एडापल्ली आश्रम में अध्यानरथ 6 बच्चों ने जिले में नवोदय विद्यालय की परीक्षा में टॉप 10 हासिल किया है।

सकनपल्ली में विस्थापित सेंड्रा इलाके के एडापल्ली, अन्नापुर, पीलूर आश्रम शालाओं के बच्चे हर हाल किसी न किसी परिक्षा में उच्च स्तर का दर्जा प्राप्त करते है, यह के शिक्षक जगदीश तोर्रेम की आश्रम में बच्चो के साथ परवरिश का नतीजा है।
इस वर्ष नवीन वासम सेंड्रा, नागेश चिडेम बड़ेककलेड, निहाल मोरल रेड्डीपल्ली, विजय गोटे सेंड्रा, कार्तिक सवलम नरोनपल्ली ,राजू मेंट्टा पेनकुदुर के बच्चों ने टॉप टेन में है। जिले का नाम हर साल रौशन करने व बच्चों को अच्छी शिक्षा देने का प्रयास रहता है। इससे पहले भी उनके यह से बच्चों ने नवोदय की परीक्षा में सफलता प्राप्त की है। इतना ही नहीं जगदीश तोर्रेम का प्रयास रहा है कि दुर्गम इलाके के बच्चों को रायपुर, भिलाई में प्रतियोगी परीक्षा देकर उन्हें एडमिशन करवाया है। उनका पढ़ाया हुआ एक बच्चा भिलाई में इंजीनियरिंग कर रहा है। नेशनल पार्क एरिया सेंड्रा इलाके के बड़ेककलेड, छोटेककलेड, एडापल्ली, सेंड्रा, अन्नापुर, पल्सेगुंडी, पोककेर, चेरपल्ली, गरतुल, मुग्तुषा, जारेगुडा, आरेपल्ली, टेकमेंट्टा, मारवाड़, सप्पीमरका, पेनकुदुर, पुल्सगुंडम, पीलूर व अन्य 32 गांवों के बच्चे विस्तापित आश्रम शाला वरदल्ली में पढ़ाई कर अच्छी शिक्षा हासिल कर रहे है। उनके प्रयास व लगन मेहनत से आदिवासी बहुल इलाके के बच्चों को ब्लॉक में पहला स्थान पाकर 26 बच्चों का प्रतियोगिता पेपर से सफलता पूर्वक नंबर हासिल करवाकर नवोदय विद्यालय में दाखिल करवाया है, और इतना ही नहीं 100 से अधिक बच्चे का उन्होंने एकलव्य आवासीय विद्यालय में एडमिशन करवाया है। अधीक्षक की इस उपलब्धि से उन्हें सोशल मीडिया पर बधाई मिल रही है।

बचपन में माँ-बाप साया उठ गया पिता बनकर पाला है अधीक्षक ने
 

कहते है जिसका कोई नहीं होता उसका ऊपर वाला ही सहारा होता है, ऐसा ही एक सुदूर आँचल के गांव पेनकुदुर में रोहित कुरसम का सहारा बने जगदीश तोर्रेम। पेनकुदुर गांव के राजू मेंट्टा को नवोदय विद्यालय में टॉप श्रेणी के सफर तक पहुंचने तक कि बड़ी ही दुखभरी कहानी है। उनके पिता का बचपन में देहांत हो गया था, उसके बाद उनकी माँ भी उन्हें छोडक़र चली गई। बच्चे की देखरेख के लिए कोई नहीं था। एडापल्ली के अधीक्षक जगदीश तोर्रेम ने उन्हें अपने आश्रम में रखकर परवरिश की और बच्चे को इस काबिल बनाया की वह आज नवोदय की परीक्षा में जिले में टॉप किया है।

आश्रम में एक्ट्रा क्लास लगाकर दी शिक्षा
 

नक्सल प्रभावित इलाके के बच्चों को आश्रम शाला में एक्स्ट्रा क्लास लेकर बच्चों को प्रतियोगिता परीक्षा के लिए तैयार किया जाता है। हर साल यह से बच्चे उच्च शिक्षा की ओर अग्रसर हो रहे है, पिछले साल दो बच्चों ने इस आश्रम से नवोदय विद्यालय में एडमिशन दिलवाया है।
 

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news