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झारखंड में चुनावी जंग में इस बार महिला नेताओं का बड़ा इम्तिहान
08-Apr-2024 12:48 PM
झारखंड में चुनावी जंग में इस बार महिला नेताओं का बड़ा इम्तिहान

रांची, 8 अप्रैल । झारखंड में इस बार चुनावी जंग में महिला नेताओं का बड़ा इम्तिहान है। भारतीय जनता पार्टी ने राज्य में पहली बार तीन महिलाओं को उम्मीदवार बनाया है। “इंडिया” गठबंधन की ओर से भी एक महिला प्रत्याशी मैदान में उतर चुकी हैं, जबकि दो अन्य सीटों पर महिला नेताओं की उम्मीदवारी पर विचार चल रहा है।

अन्नपूर्णा देवी कोडरमा से भाजपा की सांसद हैं और केंद्र में शिक्षा राज्यमंत्री भी। उन्हें पार्टी ने दूसरी बार इस सीट पर प्रत्याशी बनाया है। अन्नपूर्णा देवी राजनीति में 26 सालों से सक्रिय हैं। सियासी मैदान में उनकी एंट्री पति रमेश प्रसाद यादव के साल 1998 में निधन के बाद हुई थी। रमेश प्रसाद यादव कोडरमा से राजद के विधायक थे। उनके निधन के बाद इस सीट पर उपचुनाव हुआ तो वो पहली बार बिहार विधानसभा पहुंचीं। उन्हें बिहार की राबड़ी देवी सरकार में मंत्री बनाया गया।

इसके बाद उन्होंने राजद के टिकट पर साल 2000, 2005 और 2009 के विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की। झारखंड में साल 2013 में बनी हेमंत सोरेन की सरकार में भी अन्नपूर्णा देवी को मंत्री बनाया गया था। साल 2014 में उन्हें कोडरमा विधानसभा सीट से हार का सामना करना पड़ा। 2019 में वह भाजपा में शामिल हुईं और पार्टी ने उन्हें कोडरमा सीट पर लोकसभा का प्रत्याशी बनाया। जीत के बाद उन्हें केंद्र की सरकार में राज्य मंत्री के तौर पर जगह मिली।

इस बार उनका मुकाबला सीपीआई एमएल के प्रत्याशी विनोद सिंह से होने की संभावना है। विनोद सिंह बगोदर इलाके के विधायक हैं।

उधर सिंहभूम सीट पर भाजपा ने मौजूदा सांसद गीता कोड़ा को प्रत्याशी बनाया है। वह झारखंड के पूर्व सीएम मधु कोड़ा की पत्नी हैं और उन्होंने पिछला चुनाव कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर जीता था। करीब दो महीने पहले उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी। उनका मुकाबला इस बार झामुमो के उम्मीदवार से होगा। झामुमो ने अब तक अपना प्रत्याशी तय नहीं किया है। महीने भर पहले उम्मीदवारी घोषित होने के साथ ही वह क्षेत्र में प्रचार अभियान में पसीना बहा रही हैं।

भाजपा की ओर से चुनाव मैदान में उतारी गईं तीसरी महिला हैं - सीता सोरेन। उन्हें दुमका सीट पर प्रत्याशी बनाया गया है। वह झामुमो के प्रमुख शिबू सोरेन की बड़ी बहू हैं। दुमका लोकसभा के अंतर्गत आने वाली जामा विधानसभा सीट से तीन बार विधायक रह चुकी हैं। उन्होंने करीब महीना भर पहले परिवार और झामुमो से बगावत कर दी और भाजपा में शामिल हो गईं।

दुमका सीट पर उनका मुकाबला झामुमो के वरिष्ठ नेता नलिन सोरेन से होगा। नलिन सोरेन दुमका लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली शिकारीपाड़ा सीट से लगातार सात बार विधायक चुने गए हैं। जाहिर है, यहां कांटे का मुकाबला है।

उधर, राजद ने पलामू सीट पर ममता भुइयां को प्रत्याशी बनाया है। वह महीने भर पहले तक भाजपा में थीं। उनका ताल्लुक भी सियासी परिवार से है। वह जुगसलाई विधानसभा क्षेत्र से कई बार विधायक रहे दुलाल भुइयां के भाई की पत्नी हैं। यहां उनका मुकाबला भाजपा के दो टर्म के सांसद बीडी राम से होगा।

“इंडिया” गठबंधन की ओर से राज्य की 14 में से सात सीटों पर प्रत्याशी का ऐलान अब तक नहीं हुआ है। इनमें से दो सीटों पर महिला प्रत्याशी उतर सकती हैं। गोड्डा में कांग्रेस की ओर से दीपिका पांडेय सिंह और जमशेदपुर में झामुमो की ओर से स्नेहा महतो की उम्मीदवारी पर विचार चल रहा है। ऐसा हुआ तो राज्य के इतिहास में पहली बार होगा, जब दो प्रमुख सियासी गठबंधनों की ओर से तीन-तीन महिला प्रत्याशी मैदान में होंगी।

इतिहास की बात करें तो झारखंड बनने के बाद अब तक तीन महिलाएं लोकसभा पहुंच पाईं हैं। वर्ष 2004 में कांग्रेस की सुशीला केरकेट्टा ने खूंटी लोकसभा सीट से जीत दर्ज की थी। इसके बाद वर्ष 2019 में कोडरमा से अन्नपूर्णा देवी और सिंहभूम से गीता कोड़ा विजयी हुई थीं।

(आईएएनएस)

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