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नयी दिल्ली, 22 अप्रैल। राज्यसभा सदस्य और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने ‘संपत्ति बांटे जाने’ संबंधी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की टिप्पणी को लेकर सोमवार को कहा कि स्वतंत्र भारत के इतिहास में राजनीतिक विमर्श इतना नीचे कभी नहीं गिरा और इस मामले में निर्वाचन आयोग को तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी के भाषण के बाद करोड़ों लोग निराश होंगे। 1950 के बाद से संभवत: किसी अन्य प्रधानमंत्री ने ऐसा बयान नहीं दिया है। इस भाषण में कहा गया है कि हमारे अल्पसंख्यक, जो वर्षों से भारत में रह रहे हैं, वे घुसपैठिए हैं। यह किस तरह की राजनीति है?’’
सिब्बल ने कहा, ‘‘आप राम मंदिर की बात करते हैं, मंदिर का उद्घाटन करते हैं, राम के आदर्शों के बारे में बात करते हैं और दूसरी ओर आप नफरत फैलाते हैं। 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास' कहां है।’’
उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग को प्रधानमंत्री को नोटिस जारी करना चाहिए और कार्रवाई करनी चाहिए।
प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को राजस्थान की एक चुनावी सभा में कहा था कि अगर कांग्रेस केंद्र में सत्ता में आती है, तो वह लोगों की संपत्ति लेकर मुसलमानों को बांट देगी।
मोदी ने यह बात पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के एक बयान का हवाला देते हुए कही, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर कहा था कि देश के संसाधनों पर ‘पहला हक’ अल्पसंख्यक समुदाय का है। (भाषा)