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राजपथ-जनपथ : तबादलों के पहले की खामोशी
28-Apr-2024 2:17 PM
राजपथ-जनपथ : तबादलों के पहले की खामोशी

तबादलों के पहले की खामोशी

राजधानी में कलेक्टोरेट को छोड़ दें तो बाकी प्रशासनिक दफ्तरों में खामोशी है। महानदी भवन से लेकर इंद्रावती भवन तक रूटीन की ही फाइलें दौड़ रही हैं। इसमें भी स्टाफ ज्यादा रुचि नहीं ले रहा है। आचार संहिता का बहाना बनाकर ज्यादा से ज्यादा काम को टालने की कोशिश हो रही है।  अफसर भी इसलिए रुचि नहीं ले रहे हैं, क्योंकि दो माह बाद  एक बार फिर फील्ड से लेकर मुख्यालयों में बदलाव होना है।

जो फील्ड पर हैं, वे अपनी पोस्टिंग बचाने या बेहतर पाने की आस में हैं और जो लूप लाइन में हैं, वे फील्ड पोस्टिंग की उम्मीद से हैं। इस बार तबादले परफार्मेंस बेस्ड होंगे। यानी 11 सीटों के नतीजों का नफा नुकसान देखा जाएगा। जहां हार होगी वहां के कलेक्टर, एडिशनल कलेक्टर, एसपी-एडिशनल एसपी को नवा रायपुर लौटना पड़ सकता है। सभी सीटें आने पर भी जिलेवार समीक्षा होगी, और कमजोर प्रदर्शन होने पर संबंधित जिला प्रशासन पर गाज गिरना तय है।

मे-डे, बदल जाएगी थाली

तीन दिन बाद अंतरराष्ट्रीय श्रम दिवस मे-डे मनेगा। यह दिन छत्तीसगढ़ में पिछले चार वर्षों तक नए अंदाज में मनता रहा है। अघोषित रूप से इसे बोरे बासी दिवस कहा जाने लगा था। यह नाम भी 2018 में सरकार बदलने के बाद कांग्रेस सरकार ने दिया था।

 चार वर्ष तक गांव जंगल, महल झोपड़ी तक में अफसर-नेता ने सरकार को दिखाने के लिए बासी की थाली सजाते रहे। इसकी तैयारी महीने भर पहले से करते थे।

 यह बासी मानो अफसरों के सीआर का हिस्सा जैसी रही। सबने खाया और सेल्फी सरकार तक पहुंचाया। अब यह बीते दिनों की बात हो गई। सरकार जो बदल गई है। परंपरा के दिखावे के चोचले से नई सरकार दूर है। वह असल में श्रम के सम्मान, कल्याण के लिए नई योजना लाने जा रही है। जिसका खुलासा आचार संहिता खत्म होने के बाद होगा।

दोनों उम्मीद से हैं

प्रदेश में पहले और दूसरे चरण की कुल 4 सीटों पर चुनाव हो चुके हैं। बाकी 7 सीटों पर 7 मई को मतदान होगा। दिल्ली में कांग्रेस के रणनीतिकार मानकर चल रहे हैं कि प्रदेश में कम से कम 4 सीट पर जीत हासिल होगी।

ये बात अलग है कि राज्य बनने के बाद लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन वर्ष-2019 में रहा है। तब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी, और 11 में से मात्र 2 सीटें जीत पाई थी। वह भी तब जब कांग्रेस सरकार ने किसानों का कर्ज माफ किया था। किसानों को बोनस और 25 सौ रुपए क्विंटल में धान खरीद हुई थी।

दूसरी तरफ, भाजपा के लोग मानकर चल रहे हैं कि प्रदेश में सभी सीटों पर कमल खिलेगा। मगर यह भी सच है कि वर्ष-2014 में मोदी की लोकप्रियता चरम पर थी, तब भी कांग्रेस एक सीट झटकने में सफल रही थी। इस बार क्या होता है, यह तो चुनाव नतीजे आने के बाद ही पता चलेगा।

कामचलाऊ हिफाजत

वैसे तो दुपहियों पर बच्चों को किसी भी तरह से लेकर जाना कुछ हद तक खतरनाक होता ही है, लेकिन मध्यम वर्ग या निम्न-मध्यम वर्ग की मजबूरी रहती है कि बच्चों को कहीं साथ ले जाना है, तो या स्कूटर पर सामने खड़ा किया जाए, या मोटरसाइकिल की टंकी पर बिठाया जाए, या पीछे बिठाकर अपना बड़ा सा पेट उनकी छोटी बांहों के घेरे में कुछ हद तक थमा दिया जाए। लोग अपने-अपने हिसाब से तय करते हैं कि कम खतरनाक क्या है। कई मामलों में तो आगे या पीछे बिठाए गए बच्चे हवा लगने से सो भी जाते हैं, और उन पर बहुत बड़ा खतरा रहता है। ऐसे में  आज रायपुर के जयस्तंभ चौक पर दिखा यह नजारा थोड़ी सी सावधानी बताने वाला है कि पीछे बिठाए बच्चे को चुन्नी या गमछे सरीखे किसी कपड़े से दुपहिया चला रहे व्यक्ति ने अपने पेट से बांध रखा है। अब यह कानूनी रूप से सबसे महफूज बात तो नहीं है लेकिन कुछ हद तक सुरक्षा तो इससे मिली ही है। तस्वीर/ ‘छत्तीसगढ़’

बस्तर भी कोई छिपने की जगह है?

बस्तर को लेकर बाकी लंबे समय से धारणा रही है कि यह अबूझ इलाका है। पर्यटन के अनेक ठिकाने हैं, पर नक्सलियों का हर तरफ खौफ है। बाकी देश दुनिया से यह कटा हुआ इलाका है। मुंबई के अभिनेता साहिल खान ने जब मुंबई पुलिस के शिकंजे से बचने के लिए जगदलपुर में छिपने का इरादा बनाया तो शायद उसके दिमाग में यही बात रही होगी। कहा जा रहा है कि मुंबई एसटीएफ टीम ने उसे कथित रूप से महादेव सट्टा ऐप में संलिप्त होने की वजह से गिरफ्तार किया। जिस छत्तीसगढ़ की गली-गली में महादेव सट्टा ऐप जाना पहचाना नाम हो चुका हो, वहां की कोई भी जगह सुरक्षित कैसे रहेगी? छत्तीसगढ़ से तो इससे जुड़े आरोपी फरार हैं। कुछ दिन पहले कोलकाता से छत्तीसगढ़ पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया। छत्तीसगढ़ के लिए वे वहीं से सट्टा ऑपरेट कर रहे थे। एक्ट्रेस तमन्ना भाटिया के बाद हाल के दिनों में यह मुंबई पुलिस की दूसरी गिरफ्तारी है। हालांकि इसके सरगना बताये जाने वाले मुकेश चंद्राकर की दुबई में हुई शादी में बॉलीवुड के एक से एक नामी सितारों ने परफॉर्मेंस दिया था। इन पर यह भी आरोप लगा कि उन्होंने अपनी फीस हवाला के जरिये भारत में नगदी में हासिल की। इनमें से कई लोगों से पूछताछ हो चुकी है पर कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। शायद, जांच एजेंसियां मान रही हो कि सट्टा के कारोबार से उनका सीधा संबंध नहीं है। जबकि तमन्ना भाटिया की तरह साहिल खान पर भी आरोप लगा है कि उन्होंने महादेव बेटिंग ऐप को प्रमोट किया।

कितनी चर्चा चाहिए विधायक को?

विधायक रिकेश सेन सैलून में बाल काटते हुए दिखे थे तब चर्चा हुई। फिर, नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत के मोदी के खिलाफ दिए गए बयान पर कंह दिया कि कोई भी उनके परिवार के बाल नहीं काटेगा। (बाद में उनकी इस चेतावनी को समाज के दूसरे नेताओं ने खारिज कर दिया।) इसके बाद वे एक गार्डन में पहुंच गए, जहां युवक-युवतियों को साथ बैठकर समय बिताने पर उन्होंने ऐतराज किया। मगर, ऐसा लगता है कि वे इतनी चर्चा और विवादों से संतुष्ट नहीं हैं। बीते हनुमान जयंती के दिन कथित रूप से उन्होंने धर्मांतरण कराने वालों के बारे में कहा कि उनका सिर काट देना चाहिए। उनके इस बयान की कांग्रेस ने निंदा की है, पर भाजपा में चुप्पी है। बस, इतना ही है कि पहले के बयान और गतिविधि उकसाने वाले नहीं थे। कांग्रेस ने तो चुनाव आयोग से शिकायत करने की बात कही है, पर असल मुद्दा यह है कि उनकी पार्टी इस मामले को किस तरह लेती है।

संतुलन के साथ सफर

तरबूज इन दिनों बाजार में खूब आ रहे हैं। इसे हाथ में पकड़े-पकड़े कैसे ले जाना मुश्किल काम है। पर, ऐसा नहीं सोचेंगे यदि आप सचमुच सिर पर बोझ उठाने के लिए तैयार हो जाएं। पेंड्रा से अमरकंटक की ओर जाते हुए यह तस्वीर प्रिया महाडिक ने ली है। ([email protected])

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