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उत्तराखंड में वनाग्नि से निपटने का अभियान जारी, आग लगाने की कोशिश करते पांच गिरफ्तार
28-Apr-2024 9:45 PM
उत्तराखंड में वनाग्नि से निपटने का अभियान जारी, आग लगाने की कोशिश करते पांच गिरफ्तार

photo : RAJESH DOBRIYAL/bbc

देहरादून, 28 अप्रैल उत्तराखंड के जंगलों में भड़की आग बुझाने का अभियान रविवार को दूसरे दिन भी वायु सेना के हेलीकॉप्टर की मदद से जारी रहा और अनेक स्थानों पर वनाग्नि पर काबू पा लिया गया जबकि गढ़वाल के खिर्सू में जंगल में आग लगाने की कोशिश करते पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया।

वन अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश में हल्द्वानी, नैनीताल और चंपावत वन प्रभागों के जंगलों समेत प्रदेश के विभिन्न वन क्षेत्रों में भड़की आग को बुझाने के प्रयास युद्धस्तर पर किए जा रहे हैं।

वन विभाग द्वारा जारी दैनिक बुलेटिन के अनुसार, पिछले 24 घंटों में प्रदेश भर में वनाग्नि की आठ नई घटनाएं सामने आयीं जिनमें से चार कुमाउं क्षेत्र में, दो गढ़वाल क्षेत्र में और दो अन्य वन्यजीव क्षेत्रों में हैं । इन घटनाओं में 11.75 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ।

अपर प्रमुख वन संरक्षक, वनाग्नि और आपदा प्रबंधन, निशांत वर्मा ने बताया कि भारतीय वन सर्वेक्षण की ओर से सुबह चंपावत, नैनीताल और हल्द्वानी वन प्रभाग में आग लगने का अलर्ट मिला था।

उन्होंने बताया कि उनमें 60 प्रतिशत से ज्यादा जगहों पर आग बुझाई जा चुकी है जबकि बाकी स्थानों पर आग बुझाने के प्रयास जारी हैं।

वर्मा ने कहा कि प्रदेश में वनाग्नि की स्थिति नियंत्रण में है ।

कुमांउ क्षेत्र में वनाग्नि की स्थिति का शनिवार रात जायजा लेने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा था कि नैनीताल के आस पास के जंगलों में लगी आग भारतीय वायु सेना के हेलीकॉप्टर की मदद से धीरे-धीरे नियंत्रण में आ रही है।

नैनीताल के पास लड़ियाकाटा और पाइन्स के जंगलों में लगी आग को बुझाने के लिए एक एमआई-17 वी 5 हेलीकॉप्टर की सहायता ली गयी । शुक्रवार सुबह लगी आग शाम तक पाइन्स स्थित हाईकोर्ट कॉलोनी के पास तक पहुंच गयी थी तथा उससे क्षेत्र में यातायात भी प्रभावित हो रहा था।

आग के वायु सेना के एक बेस के पास पहुंचने की आशंका को देखते हुए हेलीकॉप्टर की सेवाएं ली गयीं जिसने नैनी झील और भीमताल से पानी लेकर प्रभावित क्षेत्र में डाला।

अधिकारियों ने रविवार को बताया कि यह आग अब बुझ चुकी है ।

कुमाउं आयुक्त दीपक रावत ने कहा कि प्रभावित वन क्षेत्रों में आग बुझाने के लिए वनकर्मियों के साथ ही हर वन प्रभाग को अतिरिक्त सरकारी वाहन उपलब्ध कराए गए हैं ।

रावत ने कहा कि वनाग्नि को बुझाने में वन पंचायत अधिकारियों के साथ ही स्थानीय लोगों की भी सहायता ली जा रही है क्योंकि वे ही इसके 'फर्स्ट रिस्पांडर' होते हैं।

गढ़वाल के प्रभागीय वन अधिकारी स्वप्निल अनिरूद्ध ने पौडी में संवाददाताओं को बताया कि वनाग्नि के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए वन विभाग के कर्मचारी पहाड़ों में गांव-गांव जा रहे हैं ।

उनके मुताबिक, लाउडस्पीकर के माध्यम से लोगों को बताया जा रहा है कि आसपास के क्षेत्र में जंगल में आग लगने की सूचना तत्काल वन अधिकारियों तक पहुंचाए ।

उन्होंने बताया कि उनसे खुले में कूड़ा न जलाने तथा जली सिगरेट या बीड़ी के टुकड़े लापरवाही से इधर-उधर न फेंकने को कहा जा रहा है ।

इसके अलावा, अपने मवेशियों के लिए नई घास उगाने के लिए उत्तराखंड में जंगलों में आग लगाने की प्रथा भी है।

अपर मुख्य वन संरक्षक वर्मा ने बताया कि लोगों में जागरूकता फैलाने के साथ ही जानबूझकर आग लगाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई भी की जा रही है ।

उन्होंने बताया कि रविवार को गढ़वाल वन प्रभाग की खिर्सू रेंज में जंगलों में आग लगाने की कोशिश करते पांच लोगों को वनकर्मियों ने गिरफ्तार किया।

वर्मा ने बताया कि इनके खिलाफ भारतीय वन अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जा रहा है ।

उन्होंने बताया कि इससे पहले, प्रदेश में 196 लोगों के खिलाफ भारतीय वन अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जा चुका है ।

वर्मा के मुताबिक, 23 व्यक्तियों के विरूद्ध नामजद मुकदमा दर्ज किया गया है और 29 लोगों की गिरफ्तारी भी की गयी है ।

उधर, मुख्यमंत्री ने वनाग्नि पर पूरी तरह नियंत्रण न होने तक वन विभाग के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की छुट्टी रदद कर दी हैं । धामी ने कहा कि केवल गंभीर बीमारियों की स्थिति में ही छुट्टी दी जाएगी ।  (भाषा)

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