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प्रधानमंत्री मोदी ने साधा शरद पवार पर निशाना, कृषि मंत्री के रूप में उनके कार्यों की आलोचना की
30-Apr-2024 9:10 PM
प्रधानमंत्री मोदी ने साधा शरद पवार पर निशाना, कृषि मंत्री के रूप में उनके कार्यों की आलोचना की

मालशिरस (महाराष्ट्र), 30 अप्रैल। वरिष्ठ नेता शरद पवार को एक ‘भटकती आत्मा’ बताने के एक दिन बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख पर अपना हमला जारी रखते हुए कहा कि केंद्रीय कृषि मंत्री रहते हुए उन्होंने किसानों के लिए बहुत कुछ नहीं किया और अब उन्हें दंडित करने का समय आ गया है।

मोदी ने विपक्षी कांग्रेस पर यह कहते हुए तंज कसा कि वह मौजूदा लोकसभा चुनाव में 275 उम्मीदवार भी खड़े नहीं कर सकी है। उन्होंने लोगों से कांग्रेस के पक्ष में मतदान कर अपना वोट बर्बाद ना करने की भी अपील की।

प्रधानमंत्री यहां सोलापुर जिले के मालशिरस में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार रंजीत सिंह नाइक निम्बालकर के पक्ष में एक रैली को संबोधित कर रहे थे। निम्बालकर माढा संसदीय सीट से चुनाव लड़ रहे हैं।

शरद पवार का नाम लिए बिना मोदी ने कहा, ‘‘15 वर्ष पहले एक बहुत बड़े नेता यहां चुनाव लड़ने आए थे और तब उन्होंने डूबते सूरज की शपथ लेकर कहा था कि यहां सूखे से प्रभावित क्षेत्रों तक पानी पहुचाएंगे। क्या लोगों को पानी मिला? क्या आपको याद है? उन्होंने अपना वादा पूरा नहीं किया, अब उन्हें दंडित करने का समय आ गया है। उसके बाद उस नेता ने यहां से चुनाव लड़ने की हिम्मत नहीं की।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि विदर्भ हो या मराठवाड़ा हो, वर्षों से यहां के लोगों को बूंद-बूंद पानी के लिए तरसाने का ‘पाप’ होता रहा है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस को देश ने 60 वर्ष तक राज करने का मौका दिया और इन 60 वर्षों में दुनिया के अनेक देश पूरी तरह से बदल गए लेकिन कांग्रेस किसानों के खेत तक पानी नहीं पहुंचा पाई।

उन्होंने कहा, ‘‘वर्ष 2014 में करीब 100 सिंचाई परियोजनाएं ऐसी थीं जो कई दशकों से लटकी पड़ी थीं। इसमें से 26 परियोजनाएं महाराष्ट्र से थीं। सोचिए, कितना बड़ा धोखा कांग्रेस ने महाराष्ट्र को दिया है। वर्ष 2014 में सरकार बनने के बाद मैंने पूरी शक्ति इन सिंचाई परियोजनाओं पर लगा दी। कांग्रेस की लटकाई 100 परियोजनाओं में से 63 हमने पूरी की हैं। हर खेत में, हर घर तक पानी पहुंचाना मेरे जीवन का बहुत बड़ा मिशन है।’’

पवार पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि जब वह ‘रिमोट कंट्रोल’ सरकार में कृषि मंत्री थे, तब गन्ने का उचित और लाभकारी मूल्य (एफआरपी) 200 रुपये था, लेकिन अब मोदी के सेवाकाल के तहत यह 340 रुपये प्रति क्विंटल है।

उन्होंने कहा, ‘‘जब यह दिग्गज नेता दिल्ली में कृषि मंत्री थे, गन्ना किसान अपने बकाए के लिए इधर-उधर भागते थे। आज स्थिति बदल गई है क्योंकि 100 प्रतिशत बकाया भुगतान हो रहा है।’’

उन्होंने कहा कि 2014 में, किसानों को भुगतान किए गए गन्ना बकाया की राशि 57,000 करोड़ रुपये थी, लेकिन इस वर्ष उन्हें बकाया के रूप में 1,14,000 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है।

उन्होंने कहा कि आयकर के कारण देश की चीनी मिल प्रभावित हो रहे थे।

मोदी ने कहा, ‘‘जब दिग्गज नेता कृषि मंत्री के रूप में दिल्ली में थे तो मैं उन्हें बार-बार बताता था लेकिन उन्होंने आयकर के मुद्दे को हल नहीं किया। जब हम सत्ता में आए तो हमने समाधान दिया और आयकर माफ कर सहकारी चीनी मिलों को 10,000 करोड़ रुपये की राहत दी।’’

उन्होंने कहा कि कृषि मंत्री के रूप में पवार के कार्यकाल के दौरान, सरकार ने किसानों से केवल 7.5 लाख करोड़ रुपये की कृषि उपज खरीदी लेकिन पिछले 10 वर्ष में किसानों से 20 लाख करोड़ रुपये की उपज खरीदी गई है।

गौरतलब है कि मोदी ने सोमवार को पुणे में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा था, ‘‘महाराष्ट्र में एक ‘भटकती आत्मा’ है। यदि उसे सफलता हासिल नहीं होती है तो वह दूसरों के अच्छे काम को खराब करती है। महाराष्ट्र इसका शिकार रहा है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह खेल 45 वर्ष पहले इसी नेता ने शुरू किया था। यह सिर्फ उनकी निजी महत्वाकांक्षा के लिए था और फिर महाराष्ट्र हमेशा एक अस्थिर राज्य रहा। इसी का नतीजा था कि कई मुख्यमंत्री अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए।’’

मालशिरस में मोदी ने कहा कि महाराष्ट्र सहकारी क्षेत्र का केंद्र है और वह सहकारी क्षेत्र का दायरा बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘इसीलिए, 2019 में सत्ता में आने के बाद, हमने इस क्षेत्र के लिए एक अलग केंद्रीय सहकारी मंत्रालय बनाया।’’

उन्होंने राज्य में किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के काम की प्रशंसा की।

उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों के दौरान केंद्र द्वारा प्रदान किया गया धन कांग्रेस की हथेली से लूटा जाता था लेकिन उनकी सरकार में दिल्ली से जारी किया गया पैसा किसानों के खातों में जा रहा है।

मोदी ने मौजूदा चुनावों में पर्याप्त उम्मीदवार नहीं उतारने के लिए कांग्रेस का मजाक भी उड़ाया।

उन्होंने कहा, ‘‘एक समय था, जब कांग्रेस के पास 400 सांसद थे, आज वह पार्टी 250-275 उम्मीदवार नहीं उतार पाती है। अगर किसी को सरकार बनानी है तो कम से कम 272 सीटें होनी चाहिए, लेकिन वे उतनी सीटों पर चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। अगर वे इतनी सीटों पर चुनाव नहीं लड़ रहे हैं तो क्या वे बहुमत हासिल करेंगे, इसलिए उस पार्टी के लिए अपना वोट क्यों बर्बाद करें जो सरकार बनाने के लिए चुनाव भी नहीं लड़ रही है।’’

उन्होंने जोर देकर कहा कि जब देश में एक मजबूत सरकार होती है, तो उसका ध्यान वर्तमान के साथ-साथ भविष्य पर भी होता है।

मोदी ने कहा कि लोग उनकी सरकार के 10 वर्ष और कांग्रेस के 60 वर्ष के शासन के बीच अंतर देख रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस 60 वर्ष में जो नहीं कर पाई, आपके इस सेवक ने 10 वर्ष में करके दिखाया है।’’

उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता हर चुनाव में गरीबी हटाने की बात करते रहे लेकिन कभी कोई ठोस कदम नहीं उठाया।

मोदी ने कहा कि पिछले 10 वर्ष में उनकी सरकार 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकालने में सफल रही है और 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन मिल रहा है। (भाषा)

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