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हाईकोर्ट ने दिया मुआवजे का आदेश, 10 दिन के भीतर ऐसा दूसरा फैसला
‘छत्तीसगढ़’ संवादाता
बिलासपुर, 1 मई। तहसीलदार ने अपने अधिकारों का दुरुपयोग करते हुए पेड़ कटाई के आरोपी को रात में जेल दाखिल करा दिया। हाईकोर्ट ने इस पर 25 हजार रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट में 10 दिन के भीतर आया यह दूसरा फैसला है, जिसमें गलत गिरफ्तारी के लिए मुआवजा देने का आदेश दिया गया है।
रायपुर की आरंग तहसील के ग्राम बेहर में पेड़ों की अवैध कटाई की शिकायत कलेक्टर रायपुर से की गई थी। आरंग के तत्कालीन तहसीलदार नरेंद्र बंजारा इसकी जांच के लिए गए थे। मौके पर याचिकाकर्ता शब्द शरण साहू से उनका विवाद हो गया। तहसीलदार ने पुलिस में इसकी शिकायत दर्ज कराई। याचिकाकर्ता के खिलाफ 107, 116 तथा 151 के तहत अपराध दर्ज किया गया और तहसीलदार के ही न्यायालय में रात के समय याचिकाकर्ता को पेश किया गया। रात में ही तहसीलदार ने उसे रायपुर जेल भेजने का आदेश दे दिया। उसे एक सप्ताह बाद जमानत मिली। अपनी गिरफ्तारी को शब्द शरण साहू ने हाईकोर्ट में चुनौती दी। इसमे पुलिस व तहसीलदार की कार्रवाई को गलत बताया गया। जिस तहसीलदार ने शिकायत दर्ज कराई उन्होंने ही रात में वारंट जारी कर उन्हें जेल भेज दिया। जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रजनी दुबे की डिवीजन बेंच ने तहसीलदार की कार्रवाई को विधि विरुद्ध बताते हुए पीड़ित को 25 हजार रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया है।
ज्ञात हो कि पिछले अप्रैल महीने में भी बिलासपुर की रिटायर्ड शिक्षिका व उसकी इंजीनियरिंग छात्रा की बेटी की गिरफ्तारी के मामले में चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस रविंद्र कुमार अग्रवाल की डिवीजन बेंच ने शासन को 3 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया था। इस मामले में उन्हें सिविल लाइन बिलासपुर पुलिस ने घर से उठा लिया था और मजिस्ट्रेट ने उनको जेल भेज दिया था।