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सलमान ख़ान के घर के बाहर फायरिंग का मामला: पुलिस कस्टडी में एक अभियुक्त की मौत
02-May-2024 8:37 AM
सलमान ख़ान के घर के बाहर फायरिंग का मामला: पुलिस कस्टडी में एक अभियुक्त की मौत

-प्रशांत ननावरे

सलमान ख़ान के घर पर फायरिंग मामले में एक अभियुक्त ने बुधवार को पुलिस कस्टडी में कथित तौर पर आत्महत्या करने की कोशिश की.

अभियुक्त अनुज कुमार थापन अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. वे पंजाब के रहने वाले थे.

सुबह करीब 11.30 बजे 32 साल के अनुज एक चादर लेकर लॉकअप के साथ लगे टॉयलेट में गए, जहां उन्होंने उस चादर से आत्महत्या करने की कोशिश की.

जानकारी मिलते ही पुलिस, अभियुक्त को गोकुलदास तेजपाल अस्पताल लेकर गई. समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक डॉक्टरों ने अभियुक्त को मृत घोषित कर दिया.

दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान पुलिस स्टेशन में एक्सिटेंडल मौत का मामला दर्ज किया गया है. समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि अभियुक्त ने आत्महत्या जैसा कदम क्यों उठाया.

अभियुक्तों के बारे में क्या पता है?

पुलिस ने पंजाब के फाजिल्का ज़िले से अनुज कुमार थापन (32 वर्ष) और सोनू कुमार बिश्नोई (35 वर्ष) को गिरफ्तार किया था.

गिरफ़्तार किए गए इन दोनों लोगों पर ये आरोप है कि उन्होंने बांद्रा में सलमान ख़ान के घर पर हमला करने वाले अभियुक्त को दो पिस्टल और ज़िंदा कारतूस मुहैया कराए थे.

14 अप्रैल, 2024 की सुबह लगभग पांच बजे दो अज्ञात हमलावरों ने मुंबई में गैलेक्सी अपार्टमेंट की दिशा में फायरिंग की थी.

मुंबई के बांद्रा इलाके में स्थित गैलेक्सी अपार्टमेंट में सलमान ख़ान रहते हैं. फ़ायरिंग के वक़्त सलमान ख़ान और उनके परिवार के लोग घर में ही थे.

फ़ायरिंग की वारदात सीसीटीवी कैमरे में भी रिकॉर्ड हुई है. हमलावरों ने घटना को अंज़ाम देते वक़्त जिस मोटर साइकिल का इस्तेमाल किया था, वो मौका-ए-वारदात से थोड़ी दूर पर ही बरामद कर ली गई थी.

घटना के 72 घंटों के भीतर मुंबई क्राइम ब्रांच ने विकी कुमार गुप्ता (24 वर्ष) और सागर कुमार (23 वर्ष) नाम के दो संदिग्धों को गुजरात के भुज से गिरफ़्तार किया था.

इन पर फ़ायरिंग की घटना में शामिल होने का आरोप है. दोनों ही अभियुक्तों को 14 दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है. जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के भाई अनमोल बिश्नोई ने घटना की जिम्मेदारी लेने का दावा किया है.

लॉरेंस बिश्नोई गैंग के ख़िलाफ़ कड़ा कदम उठाते हुए इस केस में क्राइम ब्रांच ने मकोका क़ानून (महाराष्ट्र प्रिवेंशन ऑफ़ ऑर्गनाइज़्ड क्राइम एक्ट) के तहत एक केस दर्ज किया है.

इस केस में लॉरेंस बिश्नोई, उनके छोटे भाई अनमोल बिश्नोई और छह अन्य लोगों को अभियुक्त बनाया है.

वकील का क्या कहना है?

अनुज कुमार थापन और सोनू बिश्नोई 15 मार्च को राजगढ़ ज़िले के पनवेल आए थे.

उनके आने का मक़सद विकी कुमार गुप्ता और सागर कुमार पाल को दो देसी पिस्टल और 38 ज़िंदा कारतूस हैंडओवर करना था.

हालांकि वकील अजय दुबे ने अदालत में ये दावा किया कि अनुज और सोनू ने न तो अन्य अभियुक्तों को हथियार दिए थे और न ही वे पनवेल गए थे और न ही उनका बिश्नोई गैंग से कोई रिश्ता है.

उन्होंने ये भी कहा कि उनके मुवक्किल के ख़िलाफ़ लगाए गए तमाम आरोप बेबुनियाद हैं और उन्हें झूठे मामले में फंसाया जा रहा है. (bbc.com/hindi)

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