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कांग्रेस की गारंटी मालूम नहीं किसानों को
कांग्रेस नेता राहुल गांधी बिलासपुर की जनसभा के बाद चकरभाठा एयरपोर्ट के रास्ते पर सडक़ से गुजर रहे किसानों के पास रुक गए थे। वे उनके परिवार से मिलने घर गए, वहां चाय पी। सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर कल इसे साझा करते हुए राहुल गांधी ने लिखा है कि- एक बार फिर उस हिंदुस्तान से मिला जो नरेंद्र मोदी की प्राथमिकताओं से बहुत दूर है। यह देखकर बड़ी खुशी हुई कि कांग्रेस का मेनिफेस्टो किसानों, आदिवासियों, महिलाओं, युवाओं सबके दिलों को छू रहा है। इंडिया गठबंधन की सरकार हिंदुस्तानियों की सरकार होगी।
वह आदिवासी समाज के बुधराम का घर था। राहुल गांधी के आने की खबर मिलने पर कुछ और ग्रामीण वहां पहुंच गए थे। बुधराम ने बताया कि उसकी खेती की जमीन का कागज नहीं है जिसके चलते उसे अपना धान बाजार में औने पौने दाम पर बेचना पड़ता है। राहुल गांधी ने एकत्र लोगों से पूछा कि क्या उन्होंने कांग्रेस का मेनिफेस्टो पढ़ा है? किसानों ने कहा, नहीं पढ़ा। एक ने जरूर कहा कि किसानों के बारे में उसमें कुछ है। तब राहुल गांधी ने उन्हें एमएसपी की कानूनी गारंटी और किसानों की कर्ज माफी के बारे में बताया। महिलाओं को उन्होंने महालक्ष्मी योजना की जानकारी दी। मनरेगा में 400 रुपये मजदूरी मिलेगी, यह भी बताया।
ग्रामीणों ने बताया कि पिछले 4 महीने से उन्हें मनरेगा का पैसा नहीं मिला है। दिन भर में डेढ़ सौ 200 कमाते हैं। हम कहां से एक हजार रुपए में गैस भरवाएंगे। सब चीज महंगी कर दी गई है। महिलाओं ने मांग रखी कि पेयजल के लिए बांध से पानी टंकी और पाइपलाइन दीजिये, पानी खराब आता है। वहां मौजूद कुछ किसानों ने बताया कि उनकी खेती की जमीन रिकॉर्ड में दर्ज नहीं है इसलिए उन्हें खुले बाजार में धान बेचना पड़ता है और एमएसपी पर बड़े किसान ही बेच पा रहे हैं।
राहुल गांधी ने उनसे पूछा कि बीमार होने पर कहां जाते हो। जब लोगों ने बताया कि प्राइवेट अस्पताल जाते हैं। तब उन्हें हर गरीब के लिए 25 लाख रुपए के स्वास्थ्य बीमा की गारंटी के बारे में राहुल ने बताया। बीकॉम फर्स्ट ईयर की छात्रा को राहुल गांधी ने बताया कि हर ग्रेजुएट को एक साल की अप्रेंटिस नौकरी मिलेगी।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल उनके साथ थे। उन्होंने बताया कि हमने उनकी सहूलियत के लिए ग्राम पंचायत के प्रस्ताव के आधार पर एसटी एससी प्रमाण पत्र बनाने का प्रावधान किया था, जिसे इस सरकार ने बंद कर दिया है। हमारी सारी योजनाएं बंद कर दी गई हैं।
इस पूरी चर्चा से यह बात साफ हुई कि कांग्रेस के घोषणा पत्र में दी गई गारंटियों की जानकारी जिला मुख्यालय से लगे और एयरपोर्ट के रास्ते पर पडऩे वाले गांव में भी मतदाताओं तक नहीं पहुंची है। राहुल एक गांव में रुके, ग्रामीणों को इस बारे में बताया-पर कांग्रेस के प्रचार अभियान पर सवाल तो खड़ा हो गया है कि उनके जमीनी कार्यकर्ता प्रचार के लिए कहां जा रहे हैं और कांग्रेस की घोषणा के बारे में किसे बता रहे हैं।
गरीब का कोई नहीं...
राजधानी के एक रसूखदार परिवार के यहां सगाई समारोह का आयोजन किया गया। इसमें आए मेहमानों को हुक्का परोसा गया। किसी ने इसका वीडियो बनाकर पुलिस को भेज दिया। पुलिस भी सगाई कार्यक्रम में जा धमकी। पुलिस को देखकर हडक़ंप मच गया। पुलिस भी वर्दी का रौब दिखाने लगी। सबको थाना चलने के लिए कहां गया। आयोजक भी हड़बड़ा गए। उन्होंने धीरे से तीन वेटर आगे कर दिए। बोले इन तीनों पर कार्रवाई कर केस को रफा दफा कर दीजिए। पुलिस भी रहस्यमय वजह से तीनों गऱीबों को उठाकर ले गई और कार्रवाई कर दी। तीनों वेटर मिन्नते करते रहे। हाथ पैर जोड़ते रहे, लेकिन थानेदार को गरीब पर कार्रवाई करते हुए रहम नहीं आई। उन्होंने आयोजक और फार्म हाउस मालिक को पकड़ा ही नहीं। यह कार्रवाई राजधानी में बहुत चर्चा है कि गरीब का कोई नहीं होता। अब इसमें कोई रहस्य तो है नहीं।
दुबारा जगह कैसे बने?
जगदलपुर के पूर्व विधायक संतोष बाफना इन दिनों मायूस हैं। वजह यह है कि पार्टी नेता उन्हें तव्वजो नहीं दे रहे हैं। पिछले दिनों जगदलपुर में चुनाव प्रभारी नितिन नबीन सहित कई नेताओं का प्रवास हुआ लेकिन किसी ने उनकी पूछ परख नहीं की।
दरअसल, विधानसभा टिकट कटने पर खुले तौर तेवर दिखाए थे और उन्होंने भाजपा प्रत्याशी किरण देव का प्रचार करने से मना कर दिया। और पूरे चुनाव में जगदलपुर से बाहर रहे। अब परिस्थितियां बदल चुकी है। किरण देव, संतोष बाफना के विरोध के बाद भी चुनाव जीतने में कामयाब रहे। और अब वो प्रदेश भाजपा की कमान संभाल रहे हैं।
किरण के अध्यक्ष बनने के बाद संतोष बाफना के लिए जगह नहीं बन पा रही है। उन्होंने पिछले दिनों पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर के साथ अपना दर्द बयां किया। चंद्राकर ने उन्हें समझाइश दी कि उन्हें किसी से पूछे बिना प्रचार करना चाहिए। पहले पार्टी चाहती थी तो वो प्रचार से दूर हो गए थे अब लोकसभा में पार्टी का काम करना चाहते हैं तो पार्टी को उनकी परवाह नहीं है।--------------
बड़ी नेत्री कहने का मतलब...
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह चुनाव प्रचार के दौरान किसी-किसी प्रत्याशी के बारे में कह देते हैं- इन्हें जिताएं, बड़ा आदमी बनेगा, भविष्य उज्ज्वल है। विधानसभा चुनाव के दौरान अमित शाह ने प्रत्याशी ओपी चौधरी के बारे में कहा था- इन्हें जिताइये बड़ा आदमी बनेंगे। कोरबा में प्रचार के दौरान प्रत्याशी लखन लाल देवांगन के बारे में कहा था, इन्हें जितायें, इनका भविष्य उज्ज्वल है। सरकार बनने के बाद हालांकि चौधरी को लेकर चर्चा डिप्टी सीएम की थी पर वित्त जैसा महत्वपूर्ण विभाग मिला। इसी तरह देवांगन के पास भी उद्योग, श्रम, वाणिज्य जैसे बड़े विभाग हैं। अब लोकसभा प्रत्याशी सरोज पांडेय के लिए कटघोरा में सभा लेने के दौरान शाह ने कहा है- लोग विकास के लिए हमारे नेता को बड़ा बनाइये, आपके यहां तो जो उम्मीदवार हैं, वह पहले से ही बड़ी नेत्री हैं। भाजपा कार्यकर्ता कह रहे हैं कि यह इशारा है कि केंद्र में यदि फिर भाजपा की सरकार बनीं और सरोज पांडेय जीत गईं तो उन्हें मंत्रिमंडल में लिया जाएगा। मगर, दूसरी ओर कुछ लोग कह रहे हैं कि पांडेय को बड़ी नेत्री तो पहले ही मान लिया गया है, और बड़ा बनाएंगे यह तो नहीं कहा। ([email protected])