ताजा खबर

महिला के खिलाफ क्रूरता: उच्चतम न्यायालय ने केंद्र से बीएनएस में बदलाव करने पर विचार करने को कहा
03-May-2024 10:29 PM
महिला के खिलाफ क्रूरता: उच्चतम न्यायालय ने केंद्र से बीएनएस में बदलाव करने पर विचार करने को कहा

नयी दिल्ली, 3 मई। उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को केंद्र से कहा कि वह भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के दुरुपयोग से बचने के लिए इसकी धारा 85 और 86 में आवश्यक बदलाव करने पर विचार करे, ताकि झूठी एवं अतिरंजित शिकायतें दर्ज करने के लिए इसका दुरुपयोग न हो।

भारतीय न्याय संहिता की धारा 85 में कहा गया है, "किसी महिला का पति या पति का रिश्तेदार उस महिला के साथ क्रूरता करेगा तो उसे तीन साल कैद की सजा दी जाएगी और उसे जुर्माना भी भरना पड़ सकता है।’’

धारा 86 में "क्रूरता" की परिभाषा के तहत महिला को मानसिक और शारीरिक दोनों तरह की हानि पहुंचाना शामिल है।

शीर्ष अदालत ने कहा कि उसने 14 साल पहले केंद्र से दहेज विरोधी कानून पर फिर से विचार करने को कहा था, क्योंकि बड़ी संख्या में दर्ज कराई गयी शिकायतों में घटना को बढ़ा-च़ढ़ाकर दिखाया जाता है।

न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि वह भारतीय न्याय संहिता, 2023 की क्रमशः धारा 85 और 86 पर गौर करेगी, ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या विधायिका ने न्यायालय के सुझाव पर गंभीरता से गौर किया है या नहीं। बीएनएस को एक जुलाई से लागू किया जाना है।

एक महिला द्वारा पति के खिलाफ दायर दहेज-उत्पीड़न के मामले को रद्द करते समय शीर्ष अदालत की यह टिप्पणी आई। महिला की ओर से दर्ज कराई गई प्राथमिकी के अनुसार, व्यक्ति और उसके परिवार के सदस्यों ने कथित तौर पर दहेज की मांग की और उसे मानसिक एवं शारीरिक आघात पहुंचाया।

प्राथमिकी में कहा गया है कि महिला के परिवार ने उसकी शादी के समय एक बड़ी रकम खर्च की थी और अपना "स्त्रीधन" भी पति और उसके परिवार को सौंप दिया था। हालांकि, शादी के कुछ समय बाद, पति और उसके परिवार वालों ने झूठे बहाने बनाकर उसे परेशान करना शुरू कर दिया।

पीठ ने कहा कि प्राथमिकी और आरोप पत्र को पढ़ने से पता चलता है कि महिला द्वारा लगाए गए आरोप काफी अस्पष्ट, सामान्य और व्यापक हैं, जिनमें आपराधिक आचरण का कोई उदाहरण नहीं दिया गया है।

शीर्ष अदालत ने रजिस्ट्री को इस फैसले की एक-एक प्रति केंद्रीय कानून और गृह सचिवों, केंद्र सरकार को भेजने का निर्देश दिया, जो इसे कानून और न्याय मंत्री के साथ-साथ गृह मंत्री के समक्ष भी रख सकते हैं। (भाषा)

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news