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लोकसभा चुनाव: तीसरे चरण में '400 पार का नारा गायब'
07-May-2024 12:33 PM
लोकसभा चुनाव: तीसरे चरण में '400 पार का नारा गायब'

लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में 12 राज्यों की 94 सीटों के लिए मंगलवार को वोट डाले जाएंगे. चुनावी रैलियों में मोदी के निशाने पर कांग्रेस का घोषणा पत्र है तो वहीं कांग्रेस मोदी की विफलताओं के लिए उन्हें घेर रही है.

  डॉयचे वैले पर आमिर अंसारी की रिपोर्ट- 

लोकसभा चुनाव के दो चरण के मतदान हो चुके हैं और तीसरे चरण के लिए मंगलवार, 7 मई को वोट डाले जाएंगे. मंगलवार को 12 राज्यों की 94 सीटों के लिए वोट डाले जाएंगे. इनमें बिहार की 5, मध्य प्रदेश की 9, असम की 4, छत्तीसगढ़ की 7, कर्नाटक की 14, गोवा की 2, गुजरात की 25, महाराष्ट्र की 11, उत्तर प्रदेश की 10, पश्चिम बंगाल की 4, दादर नगर हवेली और दमन एवं द्वीप की 2 सीटें शामिल हैं.

दो चरणों के मतदान के बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष में जुबानी बयानबाजी चरम पर है. बयानबाजी कांग्रेस के घोषणा पत्र को लेकर खूब हो रही है. आम चुनाव में शायद ही इससे पहले कभी विपक्ष के घोषणा पत्र की इतनी चर्चा हुई हो, लेकिन इन चुनावों में चर्चा का केंद्र कांग्रेस का घोषणा पत्र बन गया है. बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निशाने पर कांग्रेस का घोषणा पत्र है और वह इसे "मुस्लिम लीग" का घोषणा पत्र बता रहे हैं.

वहीं कांग्रेस का कहना है कि मोदी बिना किसी आधार के उसके घोषणा पत्र को "मुस्लिम लीग" का दस्तावेज कह रहे हैं. कांग्रेस का कहना है कि मोदी और बीजेपी के पास ऐसा कुछ नहीं जिसके साथ वह जनता के बीच जा सके.

कांग्रेस: बीजेपी के पास कहने को कुछ नहीं
कांग्रेस का कहना है कि दो चरणों के चुनावों के बाद बीजेपी ने 400 पार का नारा लगाना बंद कर दिया है और सारा ध्यान कांग्रेस के विरोध में लगा दिया है. कांग्रेस कह रही है कि ना बीजेपी और ना ही प्रधानमंत्री मोदी महंगाई, बेरोजगारी और दो करोड़ नौकरी देने के वादे के बारे में बात करते हैं. उसका आरोप है कि बीजेपी ने देश में धर्म, जाति और संप्रदाय के नाम पर अभियान चलाया है जिससे लोगों के मन में अविश्वास भर दिया है.

मोदी: कांग्रेस की नजर लोगों की संपत्ति पर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जहां कहीं भी रैली कर रहे हैं वहां वे विपक्षी नेताओं के कथित भ्रष्टाचार, परिवारवाद और विपक्ष द्वारा हिंदू धर्म के अपमान का मुद्दा उठा रहे हैं. उत्तर प्रदेश के धौरहरा में रविवार को एक सभा को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, "कांग्रेस और इंडी (इंडिया) गठबंधन वालों की नजर अब आपकी संपत्ति पर है. वे खुलेआम कहते हैं कि आपके पास जो है, उसका एक्स रे निकालेंगे और आपके पास जो अतिरिक्त संपत्ति है, उसको वे लूट लेंगे."

मोदी ने आगे कहा, "मनमोहन सिंह जी जब प्रधानमंत्री थे, तब उन्होंने कहा था कि हमारे देश की संपत्ति पर पहला अधिकार मुसलमानों का है. यानी आपकी संपत्ति को लेकर, जिनका पहला अधिकार है, अपने वोट बैंक को दे देंगे."

कांग्रेस ने मोदी के बयान पर पहले भी सख्त आपत्ति दर्ज कराई है और उसका कहना था कि मनमोहन सिंह के बयान को गलत तरीके से पेश किया गया.

वरिष्ठ पत्रकार युसूफ अंसारी 2024 के लोकसभा चुनाव को पिछले दो लोकसभा चुनावों से बिल्कुल अलग बताते हैं. वह कहते हैं कि यह वह चुनाव है जिसमें मोदी को कांग्रेस के एजेंडे पर जवाब देना पड़ रहा है, कांग्रेस के घोषणा पत्र का सबसे ज्यादा प्रचार पीएम मोदी ने किया है.

अंसारी ने डीडब्ल्यू से कहा, "इसका उन्हें फायदा नहीं बल्कि नुकसान ही होगा‌. जो पीएम मोदी 400 पार का नारा लेकर चुनाव मैदान में उतरे थे वह अब जनता को कांग्रेस की सरकार आने के नुकसान गिनाने लगे हैं. इसका मतलब है कि मोदी मान के चल रहे हैं कि इस बार कांग्रेस का पलड़ा भारी है."

अंसारी का मानना है कि केंद्र में कांग्रेस की सरकार बन सकती है.

प्रज्वल रेवन्ना मामले का कर्नाटक में असर
तीसरे चरण में कर्नाटक की 14 सीटों पर भी मतदान होना है. दूसरे चरण के मतदान के पहले जेडीएस के सांसद प्रज्वल रेवन्ना द्वारा महिलाओं के कथित यौन उत्पीड़न के वीडियो सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद वहां राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है. जेडीएस ने रेवन्ना को पार्टी से निकाल दिया है और मामले की जांच विशेष जांच दल कर रही है.

कर्नाटक में बीजेपी और जेडीएस ने गठबंधन किया है और प्रज्वल रेवन्ना के मामले के बाद वह राज्य में घिरती नजर आ रही है. क्या बीजेपी और जेडीएस पर इस मामले का असर होगा इस पर अंसारी कहते हैं कि निश्चित तौर पर बीजेपी और जेडीएस गठबंधन को प्रज्वल रेवन्ना केस का भारी नुकसान उठाना होगा.

उनके मुताबिक, "बृजभूषण शरण सिंह के बाद प्रज्वल रेवन्ना के मामले में पीएम नरेंद्र मोदी ने साबित कर दिया है कि महिलाओं के सम्मान से उनका दूर-दूर तक कोई सरोकार नहीं है."

उन्होंने कहा, "कांग्रेस ने इस मुद्दे को बहुत ही बड़े पैमाने पर उठाया है. इसका असर कर्नाटक के बाहर भी पड़ेगा. इस बार कांग्रेस विधानसभा चुनाव के बाद से ही लोकसभा में 28 में से 20 सीटें जीतने का लक्ष्य लेकर चल रही है. अपनी स्थिति कमजोर पड़ने पर बीजेपी ने कर्नाटक में मुस्लिम आरक्षण का मुद्दा भी उठाया था. लेकिन दोनों ही मुद्दे कांग्रेस की रणनीति के सामने फीके पड़ते नजर आ रहे हैं."

प्रज्वल रेवन्ना के मामले से बीजेपी ने किनारा कर लिया है और उसका कहना है कि कानून-व्यवस्था राज्य सरकार का मुद्दा है. पिछले दिनों केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था, "बीजेपी का रुख स्पष्ट है, हम नारी शक्ति के साथ खड़े हैं. नरेंद्र मोदी जी की राष्ट्र के प्रति प्रतिबद्धता महिला शक्ति का अपमान बर्दाश्त नहीं करने की है." (dw.com)

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