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किसी को मृत बताया, किसी का नाम डिलीट
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 7 मई। मतदाता सूची पुनरीक्षण को लेकर एक बार फिर निर्वाचन अमले की बड़ी लापरवाही सामने आई है।विधानसभा चुनाव के बाद किए गए संक्षिप्त पुनरीक्षण में किसी वोटर को मृत बताया, किसी का नाम डिलीट कर दिया गया।
मदर टेरेसा वार्ड के मतदाता सुधीर मंडपे को मृत बताकर वोट डालने से रोका गया। बूथ क्रमांक 10 में सुधीर मंडपे अपने मताधिकार का प्रयोग करने पहुंचे थे। सुधीर अपनी पारी आने पर मतदान अधिकारी क्रमांक तीन के पास पहुंचे, जहां डॉक्यूमेंट देखने के बाद अधिकारी बोले आप तो मर चुके हो। यह सुनकर सुधीर पूछने लगे कि तो क्या मैं भूत हूं? हैरानी की बात तो ये है कि 4 महीने पहले ही सुधीर ने इसी बूथ पर विधानसभा चुनाव के लिए मतदान किया था और 120 दिन के भीतर निर्वाचन आयोग ने उन्हें मृत साबित कर दिया।
सुधीर के मुताबिक उसने चार महीने पहले ही विधानसभा चुनाव में इसी बूथ पर वोट डाला था। इसी तरह से शंकर नगर विद्या मंदिर बूथ नंबर 113 में ट्रेड यूनियन लीडर अरुण कांत शुक्ला अपनी धर्मपत्नी का नाम मतदान सूची कट जाने के विरोध में मतदान करने के लिए खड़े हुए हैं। मतदान अधिकारी किसी प्रकार की मदद करने की स्थिति में नहीं है उनके पास मतदाता कार्ड है और पिछले कई चुनाव से वह वोट देते आ रही हैं। ऐसे कई मतदाता शहर के अलग अलग बूथों में अपनी नाराजगी जताते रहे। तो कुछ के बूथ ही बदल दिए गए थे। काफी मशक्कत के बाद वे वोट डाल सके। दलदल सिवनी अविवा गार्डन निवासी पी सूर्यनारायण के परिवार में चार वोटर हैं। इन सभी के अलग अलग बूथ में नाम मिले।