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बिलासपुर, 26 जून। जिला सहकारी बैंक के 5 कर्मचारियों को भ्रष्टाचार के आरोप में बर्खास्त कर दिया गया है और दो की पदावनति की गई है।
इस फैसले पर ली गई बैठक में कलेक्टर अवनीश शरण, जो उप आयुक्त सहकारिता एवं उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं भी हैं वे मौजूद थे। साथ ही सहकारी बैंक के सीईओ प्रभात मिश्रा उपस्थित थे। बर्खास्त और पदावनत कर्मचारियों पर धान खरीदी में गड़बड़ी, बैंक से फर्जी तरीके से पैसे का आहरण सहित अनेक मामले दर्ज किए गए थे। गड़बड़ी सामने आने के बाद सभी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया था।
जानकारी के मुताबिक करुणेश कुमार चंद्राकर कनिष्ठ लिपिक ने सेवा सहकारी समिति कोरबी, बलौदा में लघु कृषक रामकुमार को शीर्ष कृषक के रूप में अधिक केसीसी लोन दे दिया। जांच में पाया गया कि इस मंजूरी में एक करोड़ 53 लाख 82 हजार 902 रुपए की गड़बड़ी की गई। सीपत के शाखा प्रबंधक वीरेन्द्र कुमार आदित्य की अनियमित स्वीकृति से 95 हजार रुपए का आहरण पंकज भूषण मिश्रा एवं शांतादेवी मिश्रा के संयुक्त खाते से हुआ।
कनिष्ठ लिपिक प्रवीण कुमार शर्मा ने पंकज भूषण मिश्रा एवं शांता देवी मिश्रा के संयुक्त खाते से अलग-अलग तिथियों में 95 हजार रुपए निकाल लिए। प्रकाश चंद कुभंज, लिपिक सह कंप्यूटर ऑपरेटर के खिलाफ खाताधारकों और बैंक के अनपोस्टेड खातों से अनियमित तरीके से राशि ट्रांसफर की।
इसके अलावा भृत्य शशांक शास्त्री पर कार्रवाई की गई जो मई 2018 से बिना सूचना के लगातार अनुपस्थित था।