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नीट के लिए काउंसलिंग कार्यक्रम अभी तक अधिसूचित नहीं: स्वास्थ्य मंत्रालय
06-Jul-2024 10:44 PM
नीट के लिए काउंसलिंग कार्यक्रम अभी तक अधिसूचित नहीं: स्वास्थ्य मंत्रालय

नयी दिल्ली, 6 जुलाई। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को स्पष्ट किया कि वर्ष 2024 के लिए नीट-यूजी और पीजी पाठ्यक्रमों के लिए काउंसलिंग कार्यक्रम अभी तक ‘मेडिकल काउंसलिंग कमेटी’ (एमसीसी) द्वारा अधिसूचित नहीं किया गया है।

राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-स्नातक (नीट यूजी) और स्नातकोत्तर (नीट पीजी) के लिए काउंसलिंग कार्यक्रम की घोषणा स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय के तहत एमसीसी द्वारा अपनी वेबसाइट पर परीक्षा प्रक्रिया के पूरा होने और राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमसी) द्वारा सीटों को अंतिम रूप दिए जाने के आधार पर की जाती है।

मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि 2021, 2022 और 2023 में यूजी सीटों के लिए काउंसलिंग क्रमशः 19/1/2022, 11/10/2022 और 20/7/2023 को शुरू हुई थी।

वर्ष 2024 के लिए एनएमसी ने जून के अंतिम सप्ताह में यूजी और पीजी सीटों को अंतिम रूप देने के लिए अपना कार्यक्रम सूचित किया जिससे संकेत मिलता है कि वह जुलाई के तीसरे सप्ताह तक यूजी सीट और अगस्त के मध्य तक पीजी सीटों को अंतिम रूप दे देगा।

एमसीसी तदनुसार काउंसलिंग कार्यक्रम अधिसूचित करेगा।

मंत्रालय ने नीट-यूजी के लिए काउंसलिंग स्थगित किए जाने के जाने के दावों से संबंधित खबरों की पृष्ठभूमि में कहा, ‘‘इसलिए, यह स्पष्ट किया जाता है कि एमसीसी ने अभी तक वर्ष 2024 के लिए काउंसलिंग कार्यक्रम अधिसूचित नहीं किया है।’’

कथित कदाचार को लेकर विवादों में घिरी नीट-यूजी 2024 परीक्षा को रद्द करने की मांग के बीच केंद्र और राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) ने शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय में कहा था कि गोपनीयता भंग होने के किसी साक्ष्य के बिना इसे रद्द करने का बेहद प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा क्योंकि इससे लाखों ईमानदार अभ्यर्थियों पर ‘‘गंभीर असर’’ पड़ सकता है।

उच्चतम न्यायालय ने नीट-यूजी 2024 परीक्षा की काउंसलिंग प्रक्रिया को स्थगित करने से पिछले महीने इनकार कर दिया था।

राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) सरकारी और निजी संस्थानों में एमबीबीएस, बीडीएस, आयुष और अन्य संबंधित पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए नीट-यूजी का आयोजन करती है। इस साल पांच मई को यह परीक्षा आयोजित की गई थी, जिसमें 571 शहरों के 4,750 परीक्षा केंद्रों पर लगभग 23 लाख परीक्षार्थी शामिल हुए थे। प्रश्नपत्र लीक होने समेत अनियमितताओं के आरोपों के कारण कई शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए तथा विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया। इस संबंध में अदालतों में भी कई मामले दायर किए गए।

नीट-यूजी और पीएचडी प्रवेश परीक्षा ‘नेट’ में कथित अनियमितताओं को लेकर जनाक्रोश के बीच केंद्र ने सुबोध सिंह को एनटीए महानिदेशक पद से हटा दिया था तथा एजेंसी द्वारा पारदर्शी, सुचारू और निष्पक्ष ढंग से परीक्षा का संचालन सुनिश्चित करने के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व प्रमुख आर राधाकृष्णन की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समिति अधिसूचित की थी।

नीट-यूजी कई अनियमितताओं के आरोपों को लेकर जांच के दायरे में है और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग-राष्ट्रीय अर्हता परीक्षा (यूजीसी-नेट) को तब रद्द कर दिया गया जब शिक्षा मंत्रालय को सूचना मिली कि इस परीक्षा की शुचिता के साथ समझौता किया गया है।

दोनों ही मामलों की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा जांच की जा रही है।

दो अन्य परीक्षाएं-सीएसआईआर-यूजीसी नेट और नीट-पीजी एहतियाती कदम के रूप में रद्द कर दी गई थीं। दोनों की नयी तारीखों की घोषणा कर दी गई है। (भाषा)

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