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ऑस्ट्रेलियाई फिल्मनिर्माता को नहीं मिला भारत में प्रवेश
30-Sep-2024 1:10 PM
ऑस्ट्रेलियाई फिल्मनिर्माता को नहीं मिला भारत में प्रवेश

ऑस्ट्रेलियाई फिल्मनिर्माता डेविड ब्रैडबरी को चेन्नई हवाई अड्डे से वापस भेज दिए जाने के बाद भारत में अभिव्यक्ति की आजादी और सरकारी एजेंसियों द्वारा उनकी शक्ति के दुरूपयोग को लेकर एक बार फिर बहस छिड़ गई है.

(dw.com)

डेविड ब्रैडबरी 11 सितंबर, 2024 की रात अपनी 21 साल की बेटी और 14 साल के बेटे के साथ बैंकॉक से कुछ दिनों की यात्रा के लिए भारत पहुंचे थे. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, चेन्नई हवाई अड्डे पर इमीग्रेशन अधिकारियों ने उनके बच्चों को तो जाने दिया, लेकिन उन्हें रोक लिया.

उसके बाद उन्हें हवाई अड्डे पर ही एक कमरे में ले जाया गया, 24 घंटे वहीं पर रखा गया और अंत में बैंकॉक वापस भेज दिया गया. उनके बच्चे भारत में ही रह गए. ब्रैडबरी ने कुछ मीडिया संगठनों से बात की है और उनके बताया है कि अधिकारियों ने उनके प्रति किए गए इस बर्ताव का कारण नहीं बताया, लेकिन उनसे कई साल पहले भारत में किए गए उनके काम के बारे में पूछताछ जरूर की गई.

कौन हैं डेविड ब्रैडबरी
डेविड ब्रैडबरी एक जाने माने फिल्मनिर्माता हैं. उन्होंने कई विषयों पर फिल्में बनाई हैं, जिनमें से दो के लिए उन्हें ऑस्कर पुरस्कारों के लिए मनोनीत भी किया जा चुका है. उन्होंने परमाणु ऊर्जा पर अपनी एक डाक्यूमेंट्री के लिए 2012 में तमिलनाडु के कुडनकुलम में परमाणु ऊर्जा प्लांट के निर्माण के खिलाफ इडिनतकरई में चल रहे प्रदर्शनों को अपने कैमरे में कैद किया था.

73 साल के ब्रैडबरी ने दन्यूजमिनट वेबसाइट को बताया कि हवाई अड्डे पर सादी वर्दी में दो पुरुषों ने उनसे पूछताछ की और विशेष रूप से कुडनकुलम प्रदर्शनों में उनकी भूमिका के बारे में सवाल पूछे. ब्रैडबरी ने वेबसाइट को बताया कि उन्होंने उन अधिकारियों से कहा कि वो इडिनतकरई के लोगों से सहमत थे और उनका मानना है कि ऐसी जगह पर एक नहीं छह परमाणु प्लांट बनाना "पागलपन" था, जहां प्रमुख भूकंप फॉल्टलाइन है और जहां 2004 में सुनामी 1,000 लोगों को बहा ले गई थी.

वेबसाइट के मुताबिक उन्होंने अधिकारियों से यह भी कहा कि अगर भारत सही में एक लोकतंत्र है, तो उसे वंचित लोगों तक पहुंचने और उनकी कहानी में उनका पक्ष सामने रखने के मीडिया के अधिकार को महत्व देना चाहिए. ब्रैडबरी की पार्टनर और उनके बेटे की मां ट्रीना लेन्थाल का कुछ ही महीने पहले देहांत हुआ है. इस यात्रा में ब्रैडबरी अपने बच्चों को बनारस भी ले जाने वाले थे ताकि वे हिंदू धर्म में किसी की मृत्यु को लेकर मानी जाने वाली मान्यताओं को भी समझ सकें.

ब्रैडबरी की गैर-मौजूदगी में उनके बच्चों को यह काम अकेले ही करना पड़ा. उनकी बेटी ने दन्यूजमिनट को बताया कि यात्रा से पहले उनके पिता का वीजा आने में थोड़ी देर हुई थी लेकिन वह अंत में आ गया था. यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है कि अगर ब्रैडबरी को वीजा मिल गया था तो उनको भारत में रुकने क्यों नहीं दिया गया.

क्या थे कुडनकुलम प्रदर्शन
कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा प्लांट भारत का सबसे बड़ा परमाणु ऊर्जा प्लांट है. यह तमिलनाडु के तिरुनेलवेली जिले के कुडनकुलम शहर में स्थित है. इसे बनाने में रूस ने भारत का सहयोग किया है. इसका निर्माण 2002 में शुरू किया गया था और अक्टूबर, 2013 से यहां बिजली बनाई भी जा रही है.

लेकिन 2011 में जापान के फुकुशिमा परमाणु हादसे के बाद कुडनकुलम में भी बन रहे प्लांट के खिलाफ प्रदर्शन शुरू हुए और धीरे धीरे व्यापक हो गए. 2011 में सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका भी डाली गई, जिसमें मांग की गई कि जब तक प्लांट को लेकर सुरक्षा की चिंताएं दूर नहीं हो जाती हैं, तब तक प्लांट का काम रोक दिया जाए. मई, 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने प्लांट के पक्ष में फैसला दिया और कहा कि प्लांट का निर्माण जनहित में है.

सीके/आरपी

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