खेल
नई दिल्ली, 23 जून । बल्लेबाजों के लिए चाइनामैन गेंदबाजी का सामना करना आसान नहीं। भारत के चाइनामैन गेंदबाज कुलदीप यादव इसी शैली की बदौलत वनडे इंटरनेशनल में दो बार हैट्रिक जमा चुके हैं। कुलदीप जैसे बॉलिंग एक्शन वाले कलाई के स्पिनरों को चाइनामैन कहने की कहानी बड़ी रोचक है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कम ही गेंदबाज इस स्टाइल के लिए जाने गए।
दरअसल, चाइनामैन बॉलिंग स्टाइल नहीं है, बल्कि यह एक गाली थी। जो बाद में गेंदबाजी की एक शैली बन कर क्रिकेट शब्दावली में शामिल हो गई। चाइनामैन का अर्थ है- चीन का व्यक्ति। क्रिकेट में चीन का कोई प्रभाव नहीं दिखा है, लेकिन मजे की बात है कि क्रिकेट का पहला चाइनामैन गेंदबाज (एलिस एचॉन्ग) चीनी मूल का था। हालांकि, शुरुआती दौर में चाइनामैन गेंदबाजी से जुड़ा पहला नाम दक्षिण अफ्रीका के चार्ली लेवेलिन का रहा, जो 19वीं सदी की समाप्ति के आसपास खेले थे, लेकिन एलिस एचॉन्ग को इसका जनक माना जाता है।
यह वाकया 25 जुलाई 1933 का है, जब मैनचेस्टर में इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच टेस्ट मैच खेला जा रहा था। वेस्टइंडीज की ओर से बाएं हाथ के स्पिनर एलिस एचॉन्ग गेंदबाजी कर रहे थे। एचॉन्ग मूलत: चीन के थे। एचॉन्ग ने कलाई के सहारे एक अप्रत्याशित गेंद डाली, जो ऑफ से लेग की तरफ टर्न हुई। बल्लेबाजी कर रहे वाल्टर रॉबिन्स टर्न को समझ नहीं पाए और स्टंप हो गए।
फिर क्या था, बल्लेबाज रॉबिन्स गुस्से में आ गए। आउट होकर पवेलियन लौटते हुए उन्होंने अंपायर जे. हार्डस्टाफ से कहा, इस ब्लडी चैइनामैन ने मुझे भरमाया...और मैं आउट हो गया। ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर रिची बेनो ने इसका खुलासा किया था। इसी के बाद एचॉन्ग की ऐसी गेंदों को चाइनामैन के तौर पर पहचान मिल गई। और बाद के दिनों में जिस किसी बाएं हाथ के स्पिनर ने कलाई की मदद से टर्न हासिल की, उसे चाइनामैन गेंदबाज कहा गया।
एक लेफ्ट आर्म स्पिनर जब उंगलियों की बजाए कलाई से गेंद को घुमाता है, तो वह चाइनामैन गेंदबाज कहलाता है। चाइनामैन गेंदबाज की गेंद दाएं हाथ के बल्लेबाजों के अंदर आती है, जबकि बाएं हाथ के बल्लेबाज के बाहर की ओर घूमती है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कम ही गेंदबाज हैं, जिन्हें चाइनामैन के रूप में पहचान मिली। इस कड़ी में दक्षिण अफ्रीका के पॉल एडम्स, ऑस्ट्रेलिया के माइकल बेवन, साइमन कैटिच, ब्रेड हॉग, श्रीलंका के लक्षण रंगिका के बाद भारत के कुलदीप यादव इस कड़ी में शामिल हैं। (आजतक)