खेल

मुझे आतंकियों के वार्ड में ले जाया गया, 16-17 घंटे किया टॉर्चर-श्रीसंत
02-Jul-2020 3:23 PM
मुझे आतंकियों के वार्ड में ले जाया गया, 16-17 घंटे किया टॉर्चर-श्रीसंत

नई दिल्ली, 2 जुलाई । तेज गेंदबाज एस श्रीसंत का जीवन उस वक्त पूरी तरह से बदल गया था, जब साल 2013 में उन्हें आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग केस में गिरफ्तार किया गया था। श्रीसंत को दिल्ली पुलिस उस वक्त पकड़ कर ले गई थी, जब वो टीम के साथ पार्टी कर रहे थे। उस घटना को श्रीसंत ने बुधवार को याद किया और बताया कि कैसे उन्हें पुलिस आतंकवादियों के वार्ड में ले गई और रोजाना उन्हें 16-17 घंटे टॉर्चर किया गया।

क्रिकेट वेबसाइट क्रिकट्रैकर के साथ वीडियो लाइव के दौरान श्रीसंत ने बताया कि उनसे दिल्ली पुलिस रोजाना 16-17 घंटे पूछताछ करती थी और उन्हें उनके परिवार से भी मिलने नहीं दिया गया, जो कि उनके लिए टॉर्चर से कम नहीं था। श्रीसंत ने कहा, अगर तुम मेरी जान लोगे तो इसमें बस कुछ सेकेंड लगेंगे। उस दिन मैच पार्टी चल रही थी और मुझे आतंकियों के वार्ड में ले जाया गया। मुझे लगा जैसे कि मुझे बकरा बनाया गया हो।

श्रीसंत ने आगे कहा, मुझसे 12 दिनों तक 16 से 17 घंटे पूछताछ हुई, मैं उस समय अपने परिवार के बारे में सोचता था। कुछ दिन बाद मेरा भाई मुझसे मिलने आया और फिर मुझे पता चला कि मेरा परिवार सही है। उस मुश्किल वक्त में मेरे परिवार ने मेरा साथ दिया।   श्रीसंत ने कहा कि वो भाग्यशाली हैं कि उनकी जेल जाते और जेल से बाहर आते किसी ने फोटो नहीं खींची। श्रीसंत ने कहा कि उनके बच्चों को कम से कम ऐसी फोटो देखनी नहीं पड़ेंगी।

एस श्रीसंत ने बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की मौत को एक बड़ा झटका बताया। उन्होंने कहा कि वो सुशांत की मौत की खबर सुनकर हैरान रह गए। श्रीसंत ने कहा, मैं उस वक्त ट्रेनिंग कर रहा था और मेरी पत्नी ने मुझे मैसेज भेजा। उस वक्त तो मैंने मैसेज नहीं देखा लेकिन जब मैं अपनी कार में था तो मैंने अपनी पत्नी का वॉयस मेल सुना। मुझे सुनकर लगा कि वो मजाक कर रही है लेकिन फिर जब मैंने और जगह खबरें और तस्वीरें देखी तो मुझे बहुत निराशा हुई।

बता दें श्रीसंत ने एक इंटरव्यू में खुलासा किया था कि वो भी आत्महत्या के बारे में सोचने लगे थे। श्रीसंत ने कहा, मुझे यह कहने में बिल्कुल भी शर्म नहीं है कि मेरी जिंदगी में भी एक समय ऐसा आया था, जब आत्महत्या का विचार आया, मगर मैंने मेरी जिंदगी की सकारात्मक चीजों की तरफ देखा। मैं इसे डार्क फेस नहीं कहूंगा, मगर यह तिहाड़ जेल में रहने से भी बदतर था। एक ऐसा भी समय आया था जब मुझे लाइट बंद करने में भी डर लगता था।(न्यूज18)

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news