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बेअदबी कांड में डेरा प्रमुख राम रहीम मुख्य साजिशकर्ता
09-Jul-2020 8:46 AM
बेअदबी कांड में डेरा प्रमुख राम रहीम मुख्य साजिशकर्ता

पंजाब के बड़े सियासी घराने की सांसें अटकी

पांच साल पुराने बरगाड़ी बेअदबी कांड में पंजाब पुलिस की एसआईटी ने डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को प्रमुख साजिशकर्ता करार देते हुए नामजद किया है। डेरा प्रमुख के साथ-साथ डेरा सच्चा सौदा की राष्ट्रीय समिति के तीन सदस्यों हर्ष धूरी, प्रदीप कलेर और संदीप बरेटा को भी नामजद किया गया है। बेअदबी कांड में पुलिस की यह अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है और सबसे बड़ा खुलासा भी कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी करने का आदेश डेरा मुख्यालय सिरसा से दिया गया था।

बलात्कार और हत्या के मामले में डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम हरियाणा के रोहतक जिले की सुनारिया जेल में आजीवन कैद काट रहा है। अब पंजाब पुलिस के हाथ उसके गिरेबान तक पहुंचने तय हैं। इसके लिए त्वरित कार्रवाई शुरू हो चुकी है। 'नवजीवन' ने अपनी पिछली रिपोर्ट में भी इशारा किया था कि एसआईटी द्वारा 7 डेरा अनुयायियों की गिरफ्तारी के बाद गुरमीत राम रहीम की मुश्किलें बढ़ेंगीं।

इस बीच सूबे के एक बड़े सियासी घराने की सांसें भी डेरा सच्चा सौदा, जेल में बंद उसके मुखिया और डेरा कमेटी के तीन प्रमुख सदस्यों के बेअदबी कांड में नामजद होने के बाद, अटक गई हैं। दरअसल कई संकेत बताते हैं कि वाया गुरमीत राम रहीम बरगाड़ी बेअदबी कांड के तार उस प्रभावशाली राजनीतिक घराने से जुड़े हुए हैं और अगर डेरा मुखी की जुबान खुली तो यकीनन एकबारगी कई बड़े गैरकांग्रेसी सियासतदानों का वजूद खतरे में पड़ जाएगा। गुरमीत राम रहीम की नजदीकियां अकाली-बीजेपी गठबंधन के पहली कतार के नेताओं से जगजाहिर हैं।


बता दें कि एक जून 2015 को फरीदकोट के गांव बुर्ज जवाहर सिंह वाला के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब का पावन स्वरूप चोरी हुआ था और बाद में उसके अंग (पृष्ठ) क्षत-विक्षत पाए गए थे। तत्कालीन अकाली-बीजेपी गठबंधन सरकार ने मामले की जांच सीबीआई को सौंपी थी, जो किसी सिरे पर नहीं पहुंची। सीबीआई ने क्लोजर रिपोर्ट फाइल कर दी थी, लेकिन कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार ने सत्ता में आने के बाद मामला नए सिरे से खोलने के आदेश दिए थे।

तीन दिन पहले डीआईजी रणबीर सिंह खटड़ा ने नए सिरे से छानबीन के क्रम में सात डेरा अनुयायियों को गिरफ्तार करके रिमांड पर लिया था। गहन पूछताछ में अनुयायियों ने अपना अपराध स्वीकार किया और पुलिस को महत्वपूर्ण साक्ष्य मुहैया करवाए। यह भी बताया कि बेअदबी कांड का मुख्य साजिशकर्ता डेरा सच्चा सौदा, सिरसा का मुखिया गुरमीत राम रहीम और डेरे की राष्ट्रीय समिति के 3 सदस्य हैं। इसी आधार पर डेरा मुखी और तीनों सदस्यों को नामजद किया गया है। इन सभी के खिलाफ अदालत में चालान पेश कर दिया गया है।

डीआईजी रणबीर सिंह खटड़ा के मुताबिक एसआईटी की तरफ से रोहतक की सुनारिया जेल में बंद डेरा प्रमुख से पूछताछ करने के लिए अगली प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। एसआईटी चीफ के अनुसार डेरा और सिख जत्थेबंदियों के बीच चल रहे विवाद के दौरान एक धार्मिक सभा में डेरा अनुयायियों के गले में पहने हुए गुरमीत राम रहीम के नाम और तस्वीर वाले लॉकेट उतरवाए गए थे। इसे डेरा अनुयायियों ने अपना अपमान समझा। उसी का बदला लेने के लिए ही डेरा सिरसा में श्री गुरु ग्रंथ साहिब का पावन स्वरूप चोरी करके उस की बेअदबी करने की साजिश रची गई थी। यह सारा अपराध डेरा सिरसा प्रमुख और राष्ट्रीय समिति के तीन सदस्यों की शह पर किया गया।

गौरतलब है कि पंजाब के गैरबादल परस्त पंथक संगठन शुरू से ही बेअदबी कांड के लिए डेरा सच्चा सौदा और गुरमीत राम रहीम को गुनाहगार बताते रहे हैं और इस बाबत बादलों पर भी गंभीर आरोप लगते रहे हैं। लेकिन डेरा मुखी राजनीतिक संरक्षण के चलते इस मामले में बचता रहा। अलबत्ता इसका जबरदस्त खामियाजा 2017 के विधानसभा चुनाव में शिरोमणि अकाली दल को भुगतना पड़ा। इस मुद्दे पर दल को करारी हार तो मिली ही, पार्टी में एक के बाद एक कई विभाजन भी हुए।

वहीं, कांग्रेस ने बेअदबी कांड को बीते विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ा मुद्दा बनाया था और तब हर चुनावी रैली में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने वादा किया था कि सत्ता में आने के बाद वह आरोपियों को जेल की सलाखों के पीछे डालेंगे। डेरा मुखी को इस अति संवेदनशील मामले में एसआईटी द्वारा नामजद करते ही पंजाब की राजनीति और पंथक हलकों में तूफान आ गया है। सिखों की सर्वोच्च धार्मिक संस्था श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने जोर देकर कहा है कि पंजाब पुलिस अब गुरमीत राम रहीम को प्रोटेक्शन वारंट पर हरियाणा से लाकर सख्ती के साथ गहन पूछताछ करे।(navjiwan)

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