ताजा खबर

नोवेल कोरोना दौर में लोक ई-अदालत ‘नोवेल आइडिया’-चीफ जस्टिस
11-Jul-2020 5:09 PM
नोवेल कोरोना दौर में लोक ई-अदालत ‘नोवेल आइडिया’-चीफ जस्टिस

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में देश की पहली ई लोक अदालत  

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 11 जुलाई।
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस पी.आर. रामचंद्र मेनन ने आज देश के पहले ई लोक अदालत का उद्घाटन करते हुए कहा कि नोवेल कोरोना वायरस के इस कठिन दौर में पेंडेंसी कम करने तथा पक्षकारों को राहत पहुंचाने के लिये ई अदालत का आयोजन एक आदर्श विचार है।
 
हाईकोर्ट ऑडिटोरियम में आयोजित इस उद्घाटन समारोह को प्रदेश भर के जिला अदालतों और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर देशभर में देखा गया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी रायपुर से इसमें पूरे समय जुड़े रहे। 

दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए चीफ जस्टिस मेनन ने कहा कि अदालतों के प्रदर्शन की समीक्षा उसके द्वारा निराकृत किये गये मामलों की संख्या से होती है। सन् 2019 में अकेले छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में 45 हजार 230 मामले फाइल किए गए। इनमें से 39448 यानि 87.3 प्रतिशत मुकदमों का निपटारा किया गया। 

सन् 2020 में कोरोना महामारी का दौर शुरू होने से पहले जनवरी से लेकर मार्च तक कोर्ट में 10639 मामले दायर किये गये उनमें से 8736 मामलों में फैसला दिया गया, जो 82.11 प्रतिशत रहा। यही नहीं जब लॉकडाउन के दौरान अदालतों की गतिविधियां ठप पड़ गईं तब भी हमने ग्रीष्मकालीन अवकाश को रद्द करने का निर्णय लिया साथ ही साप्ताहंत में भी कार्य किया। इस अवधि में 5212 केस फाइल किए गए, हाईकोर्ट में 3956 मामलों का निपटारा किया गया। इसका प्रतिशत 75.9 रहा। ये सब सिर्फ 15 जजों ने संभव कर दिखाया। इन सभी निराकृत मामलों में बड़ी संख्या ऐसी थी जिन पर पिछले पांच सालों से ज्यादा समय से सुनवाई चल रही थी। जिला और निचली अदालतों में जरूर मुकदमों के निपटारे का प्रतिशत कम था लेकिन वहां की परिस्थितियों और आधारभूत संरचनाओं को ध्यान में रखें तो उनमें भी अच्छा काम हुआ।
 
पेंडेंसी ज्यादा से ज्यादा निपटे ऐसा उद्देश्य रहा है लेकिन लोक अदालत के बारे में कुछ नहीं हो पा रहा था। पिछली लोक अदालत छह-सात माह पहले हुई थी। इसी बीच छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष जस्टिस प्रशांत मिश्रा मेरे पास आये और उन्होंने ई-अदालत का सुझाव रखा। उन्होंने अपने विचार को विस्तार से समझाया। फिर अन्य जजों से इस बारे में कई दौर की बातचीत हुई। 

कम्प्यूटर कमेटी के चेयरमेन जस्टिस एमएम श्रीवास्तव और सीपीसी शहाबुद्दीन कुरैशी से विचार-विमर्श के बाद मालूम हुआ कि यह संभव है। इस तरह आज यह ई लोक अदालत प्रदेशभर में लगाई जा रही है। यह अत्यन्त महत्वपूर्ण अवसर है। देश की पहली ई लोक अदालत का उद्घाटन करते हुए उन्हें अत्यन्त प्रसन्नता है और इसका श्रेय जस्टिस प्रशांत मिश्रा को जाता है। पूरी योजना उनकी है। मेरा काम केवल सहमति देकर, सबको जोडऩा और प्रोत्साहित करने का रहा है। लॉडाउन के कारण जब सब तरफ गतिविधियां ठप सी हो गई है, आर्थिक गतिविधियों में असर पड़ा है न्यायिक क्षेत्र पर भी प्रभाव पड़ा है। ऐसी स्थिति में यह एक प्रयास है कि हम मुकदमों से जुड़े लोगों की तकलीफों को कुछ कम कर सकें।
 
सालसा (छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण) के कार्यकारी अध्यक्ष जस्टिस मिश्रा ने अध्यक्षयीय उद्बोधन में ई लोक अदालत का विचार आने की पृष्ठभूमि पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि यह ऐतिहासिक मौका है जब वीडियो कांफ्रेंस के जरिये प्रदेशभर की लोक अदालतों में समझौते कर मुकदमों का निपटारा किया जा रहा है। न्यायिक अधिकारियों, अधिवक्ताओं, विधिक अधिकारियों के सहयोग, साथी जजों विशेषकर चीफ जस्टिस के मार्गदर्शन के बिना इसका आयोजन संभव नहीं था। ई अदालत में हमें व्यवधान न हो यह सुनिश्चित करने के लिये सभी जिलों की अदालतों में अतिरिक्त डेटा खरीदकर उपलब्ध कराए गए हैं। 

आज 23 जिलों की 195 बेंच में 3133 मामलों को सुना जा रहा है। हाईकोर्ट में भी दो बेंच लगी है जिनमें 165 प्रकरणों पर सुनवाई हो रही है। जस्टिस मिश्रा ने जिलों के पीठासीन अधिकारियों और पक्षकारों से अपील की कि सभी मामलों में समझौता हो जाए इसका प्रयास करें भले ही इसके लिये आज ज्यादा देर तक काम करना पड़े। जस्टिस मिश्रा ने कहा कि यह एक विचार था जो व्यवहारिक रूप से सामने आ गया है। भविष्य में ऐसी अदालतें और लगेंगीं ऐसा उन्हें विश्वास है। 

मंच पर कम्प्यूटर कमेटी के चेयरमेन जस्टिस मनीद्रमोहन श्रीवास्तव व हाईकोर्ट लीगल एड सर्विस के चेयरमेन जस्टिस गौतम भादुड़ी भी उपस्थित थे।  इसके पहले स्वागत उद्बोधन करते हुए रजिस्ट्रार जनरल नीलम चंद्र साखला ने कहा कि पहली ई अदालत छत्तीसगढ़ के नाम पर दर्ज हो गई है जो ऐतिहासिक अवसर है। कम्प्यूराइजेशन सेक्शन के इंचार्ज व सीपीसी शहाबुद्दीन कुरैशी ने ई लोक अदालत के बारे में संक्षिप्त ब्योरा दिया। 

उद्घाटन समारोह में महाधिवक्ता, बार कौंसिल चेयरमैन, बार एसोसियेशन के पदाधिकारी भी सम्मिलित हुए। जिलों में पीठासीन अधिकारी, न्यायिक अधिकारी, लीगल एड सर्विस वालेंटियर्स, वकील एवं पक्षकार भी ऑनलाइन जुड़े।
 
राज्य विधिक सहायता प्राधिकरण के सचिव सिद्धार्थ अग्रवाल ने आभार प्रदर्शन किया।

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news