ताजा खबर

सेना में सोशल मीडिया बैन को चुनौती देने वाले अधिकारी से कोर्ट ने कहा- आदेश मानें या इस्तीफ़ा दें
16-Jul-2020 9:11 AM
सेना में सोशल मीडिया बैन को चुनौती देने वाले अधिकारी से कोर्ट ने कहा- आदेश मानें या इस्तीफ़ा दें

नई दिल्ली, 16 जुलाई।  दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी को अंतरिम राहत देने से इनकार करते हुए कहा कि या तो संगठन के आदेश का पालन कीजिए या इस्तीफा दे दीजिए.

उन्होंने हाल में भारतीय सेना द्वारा फेसबुक और इंस्टाग्राम समेत 87 एप्लीकेशन और सोशल नेटवर्किंग साइट का इस्तेमाल सशस्त्र बल के कर्मियों के लिए प्रतिबंधित किए जाने को चुनौती दी है.

इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, लेफ्टिनेंट कर्नल पीके चौधरी, जो वर्तमान में जम्मू कश्मीर में तैनात हैं. उन्होंने अपनी याचिका में कहा था कि वे एक सक्रिय फेसबुक यूजर हैं और इसका इस्तेमाल विदेशों में रह रहे अपने परिजनों, खासकर अपनी बेटी से संपर्क में रहने के लिए करते हैं.

याचिका में उन्होंने रक्षा मंत्रालय के जरिये केंद्र सरकार को छह जून की नीति को वापस लेने का निर्देश देने का आग्रह किया है. साथ में यह भी सुनिश्चित करने का आग्रह किया गया है कि मनमाने तरीके से कार्यकारी कार्रवाई के जरिये सशस्त्र बलों के कर्मियों के मौलिक अधिकार खत्म नहीं हों या संशोधित न हों.

याचिका में दावा किया गया है कि यह कार्यकारी कार्रवाई कानून व सेना अधिनियम के प्रावधानों और इसके तहत बनाए गए नियमों के अनुरूप नहीं हैं और असंवैधानिक हैं.

ज्ञात हो कि छह जून की नीति के मुताबिक भारतीय सेना के सभी कर्मियों को आदेश दिया गया है कि वे फेसबुक, इंस्टाग्राम और 87 अन्य ऐप पर अपने एकाउंट बंद करें.

याचिका में दावा किया गया है कि नीति के प्रावधान याचिकाकर्ता की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और निजता का अधिकार समेत संविधान के तहत दिए मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करते हैं.

याचिका में चौधरी ने अदालत से आग्रह किया था कि उन्हें उनका फेसबुक एकाउंट रखने के लिए अंतरिम राहत दी जाए.

जस्टिस राजीव सहाय एंडलॉ और जस्टिस आशा मेनन की पीठ ने कहा कि याचिका पर विचार करने का जब एक भी कारण नहीं मिला है ‘तो अंतरिम राहत देने का सवाल ही नहीं उठता है.’

पीठ ने कहा, ‘खासकर तब जब मामला देश की सुरक्षा से जुड़ा हुआ है.’ लेफ्टिनेंट कर्नल चौधरी ने कहा कि जब वह एकाउंट बंद कर देंगे तो उनके फेसबुक एकाउंट में सभी डेटा, संपर्क और दोस्तों से संपर्क टूट जाएगा जिसे फिर ‘बहाल करना मुश्किल’ होगा.

उच्च न्यायालय ने कहा कि उनके पास विकल्प है और उनसे फेसबुक एकाउंट बंद करने के लिए कहा क्योंकि सैन्यकर्मियों के लिए सोशल नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल प्रतिबंधित करने का निर्णय देश की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए किया गया है.

पीठ ने कहा, ‘नहीं, नहीं. माफ कीजिएगा. आप कृपया इसे बंद कीजिए. आप कभी भी नया एकाउंट बना सकते हैं. ऐसे नहीं चलता है. आप एक संगठन का हिस्सा हैं. आपको इसके आदेशों को मानना होगा.’

अदालत ने यह भी कहा, ‘अगर आपको फेसबुक ज्यादा पसंद है तो इस्तीफा दे दीजिए. देखिए आपके पास विकल्प है, आप चाहे जो करें. आपके पास दूसरे विकल्प भी हैं, जिन्हें बाद में बदला नहीं जा सकता है.’

पीठ ने उनसे कहा कि वह बाद में नया सोशल मीडिया एकाउंट बना सकते हैं.

अदालत ने केंद्र सरकार से कहा है कि वे इस नीति के दस्तावेज पीठ को सीलबंद लिफाफे में जमा करवाएं और इस फैसले को लेने की वजहें भी बताएं.  मामले की अगली सुनवाई 21 जुलाई को होगी.(thewire)

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news