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सुशांत की आखिरी फिल्म दिल बेचारा को लेकर चेतन भगत ने दी चेतावनी, ओवर स्मार्ट न बनना
21-Jul-2020 5:36 PM
सुशांत की आखिरी फिल्म दिल बेचारा को लेकर चेतन भगत ने दी चेतावनी, ओवर स्मार्ट न बनना

मुंबई, 21 जुलाई (न्यूज 18)। मशहूर लेखक चेतन भगत हाल ही में तब सुर्खियों में छाए थे, जब उन्होंने एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद बॉलीवुड में नेपोटिज्म के मुद्दे पर अपनी राय रखी। सोशल मीडिया पर एक्टिव रहने वाले चेतन ने हाल ही में सुशांत की आखिरी फिल्म दिल बेचारा को लेकर ट्वीट कर समीक्षकों को चेतावनी दी है। चेतन भगत का फिल्म समीक्षकों को लेकर किया गया ये ट्वीट खूब सुर्खियां बटोर रहा है। चेतन के इस ट्वीट पर सोशल मीडिया यूजर्स भी जमकर कमेंट कर रहे हैं।

चेतन भगत ने एक के बाद एक कई ट्वीट्स किए हैं। उन्होंने अपने ट्वीट में समीक्षकों से फिल्म दिल बेचारा के बारे में समझदारी से लिखने की सलाह दी है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि कुछ भी ओवर स्मार्ट बनकर न लिखें। कुछ भी बेकार चीज न लिखें। निष्पक्ष और समझदार बनें।

ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा- सुशांत सिंह राजपूत की आखिरी फिल्म इस हफ्ते रिलीज होगी। मैं सभी स्नोब और अभिजात्य समीक्षकों से अब कहना चाहूंगा कि समझदारी से लिखें। ओवर स्मार्ट बनकर काम न करें। बेकार चीजें न लिखें। निष्पक्ष और समझदार बनें। बेकार तरीकों का इस्तेमाल न करें। आपने वैसे ही कई जिंदगियां बर्बाद कर दी हैं। अब रुकिए। हम लोग देख रहे हैं।

उन्होंने फिर ट्वीट किया और अपना दूसरे ट्वीट करते हुए लिखा- इन समीक्षकों को किराए पर लेने वाले मीडिया संगठनों के लिए, अभिजात्य लोगों को काम पर रखना बहुत ही भयानक रणनीति है, जिन्हें भारत समझ नहीं आता और उन्हें लगता है कि वह भारतीय से ज्यादा अच्छे हैं। अंदर से कुछ और, बाहर से कुछ और लोग यह जरूर सुनिश्चित करेंगे कि आपका संस्थान दिवालिया हो जाए। कई लोगों का पहले हो भी चुका है।

उन्होंने फिर ट्वीट किया और लिखा-भारतीयों को अच्छी अंग्रेजी बोलने वाले लोगों से सत्यापन पसंद है। यह परम प्रशंसा है। यहीं से कुछ आलोचकों ने प्रोफाइल बनाई। वे अच्छी अंग्रेजी बोलते थे लेकिन बुरे लोग थे, सत्यापन के लिए उन्हें देखना बंद करो। ये वो भूरे लोग हैं, जो भारतीयों से नफरत करते हैं।

अपने अगले ट्वीट में चेतन ने कहा-मां कसम, मजा आ गया आपकी मस्त पिक्चर देखकर। मैं आपकी इस जबरदस्त फिल्म देखने के लिए उत्साहित था। यूं तो दोनों लाइनों का अर्थ एक जैसा है। लेकिन अधिकांश भारतीय, यहां तक कि बड़े सितारे भी दूसरी लाइन ही सुनना चाहते हैं। इसलिए कुछ आलोचक ज्यादा महत्वपूर्ण बन गए हैं। इस पर विराम लगाओ।

एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा-प्रिय सितारों, आप करोड़ों लोगों में से 10 या 100 लोगों को बनाते हैं। इस देश में अरबों लोग आपसे प्यार करते हैं। क्या यह काफी नहीं है? क्या आपको वास्तव में फोनी, अंग्रेजी बोलने वाले दुष्ट आलोचकों से मान्यता की जरूरत है, जिन्होंने एक उभरते सितारे को मानसिक तनाव देकर मरने पर मजबूर कर दिया? कृपया, ऐसे लोगों को संरक्षण देना बंद करें।

आपको बता दें कि सुशांत सिंह राजपूत और संजना सांघी की फिल्म दिल बेचारा इसी महीने 24 तारीख को रिलीज होने जा रही है। इस फिल्म का फैंस को भी बेसब्री से इंतजार है।

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