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नई दिल्ली, 18 अगस्त (आईएएनएस)| भाजपा ने पीएम-केयर्स फंड मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के तुरंत बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी और उनकी पार्टी पर निशाना साधा और राजीव गांधी फाउंडेशन मामले को लेकर पार्टी को घेरने की कोशिश की। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें पीएम-केयर्स फंड को राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष(एनडीआरएफ) में ट्रांसफर करने की मांग की गई थी। भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने यहां पार्टी मुख्यालय में एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा, "अभी तक, कोरोनावायरस से लड़ने के लिए पीएम-केयर्स फंड में 31,00 करोड़ रुपये दिए जा चुके हैं। इनमें से 2000 करोड़ रुपये वेंटीलेटर के लिए दिए गए हैं।"
राजीव गांधी फाउंडेशन से तुलना करने के मुद्दे पर उन्होंने कहा, "फाउंडेशन द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट के अनुसार, यह कहा गया था कि भारत-चीन रिश्ते को बेहतर करने के लिए, यह जरूरी है कि भारत के बाजार को उस देश के लिए खोला जाए।"
प्रसाद ने कहा कि पीएम-केयर्स के अन्य 1,000 करोड़ रुपये को राज्यों को प्रवासी मजदूरों के लिए दिए गए। इसके अलावा 100 करोड़ रुपये कोरोना वैक्सीन रिसर्च के लिए दिए गए।
उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा, "पीएम-केयर्स प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में एक पंजीकृत सार्वजनिक ट्रस्ट है, जिसे कोविड-19 जैसी आपात स्थिति के लिए निर्मित किया गया है।"
उन्होंने कहा, "राजीव गांधी फाउंडेशन एक परिवारिक फाउंडेशन है। आप जानते हैं कि इसने चीन से भी मदद ली है। फाउंडेशन की रिपोर्ट में, वे लोग भारत के बाजार को चीनी उत्पाद के लिए खोले जाने की बात करते हैं।"
राहुल गांधी के 'बेईमानी' के आरोप को पूरी तरह नकारते हुए प्रसाद ने कहा, "मोदी सरकार ईमानदारी से काम कर रही है। यह लोगों का आशीर्वाद है। इसी तरह की ईमानदारी पीएम-केयर्स में दिखती है।"
उन्होंने दावा किया कि भारत ने कोरोनावायरस से लड़ाई में सफलता हासिल की है, और यहां का रिकवरी रेट 70 प्रतिशत से ज्यादा है। रविशंकर प्रसाद बोले कि राहुल गांधी शुरुआत से ही कोरोनावायरस के खिलाफ देश की लड़ाई में एकता को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं।
भाजपा नेता ने कहा, "प्रधानमंत्री ने कहा है कि सभी को डॉक्टर्स, नर्सो, स्वीपर और पुलिस जैसे कोरोना वॉरियर्स के सम्मान में ताली बजानी चाहिए।"
इससे पहले, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी राहुल गांधी पर निशाना साधा था।
एक एनजीओ 'द सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन' ने पीएम-केयर्स फंड के पैसे को एनडीआरएफ में ट्रांसफर किए जाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया।