खेल
नई दिल्ली, 7 सितंबर। कोरोना वायरस के साए में आईपीएल के आयोजन को लेकर बीसीसीआई के सामने काफी चुनौतियां हैं. चेन्नई सुपर किंग्स की टीम के दीपक चाहर और ऋतुराज गायकवाड़ को कोरोना होने की खबर ने सबको हैरान कर दिया था. दोनों खिलाड़ी उबर चुके हैं लेकिन मेडिकल एक्टपर्ट्स के मुताबिक खिलाडिय़ों का नेगेटिव कोरोना टेस्ट इस बात की गारंटी नहीं है कि वह पूरी तरह फिट हो गए हैं. दुनिया भर में खिलाडिय़ों के शरीर पर इस वायरस के असर को लेकर स्टडी की जा रही हैं। बीसीसीआई के सूत्रों ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि कि कारडिया टेस्ट से पता लगाया जा रहा है कोरोना से उबरने वाले खिलाड़ी किस हद तक रिकवर हो चुके हैं औऱ वायरस ने उनके शरीर के किस हिस्से पर असर डाला है. ऐसा इसलिए क्योंकि कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक शरीर से जाने के बाद भी वायरस का असर फेफड़ों पर देखा जा सकता है. हालांकि कोई भी पुख्ता तौर पर यह नहीं बता पाया है कि कोविड-19 का एथलीट के दिल और फेफड़ों पर कितना असर पड़ेगा. कुछ मामलों में बिना लक्षण के पॉजिटिव पाए गए लोगों में दिल की कुछ बीमारियों के लक्षण मिले हैं.
साल 2011 वर्ल्ड कप में भारतीय टीम के हाई परफॉरमेंस के मुताबिक खिलाडिय़ों को वापसी की जल्दी नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा, 'यह जीने-मरने का सवाल है. सिर्फ एक सट्रेस टेस्ट से खिलाड़ी के पूरी तरह ठीक होने का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता. हमें समझना होगा कि यह कि यह एक इंजरी की तरह है. इस बार आईपीएल काफी ज्यादा तापमान वाली जगह खेला जाएगा।
आईपीएल में खिलाडिय़ों पर काफी दबाव होगा. तेज गेंदबाज जिस तरह का दबाव इस दौरान झेलते हैं उसमें कोविड-19 से उबरने के बाद कैसे काम करेगी हम नहीं जानते. हमें रिकवरी के लिए अच्छी मेडिकल टीम की जरूरत है. दुनिया भर में इसे लेकर शोध हो रहे हैं.'