खेल
नई दिल्ली, 2 नवंबर | मौजूदा बैडमिंटन विश्व चैंपियन पीवी सिंधु ने सोमवार को उस समय खेल प्रेमियों को चौंका दिया जब उन्होंने सोशल मीडिया पर कहा, 'आई रिटायर'। उनके इस शब्द के बाद ऐसा लग रहा था कि उन्होंने बैडमिंटन से संन्यास ले लिया है। लेकिन सिंधु ने बाद में कहा कि यह संन्यास उस डर और नेगेटिव सोच से है जिससे वह पिछले काफी समय से परेशान हैं और अब वह इससे छुटकारा पाना चाहती हैं।
रियो ओलंपिक की रजत पदक विजेता सिंधु ने ट्विटर पर लिखा, "डेनमार्क ओपन आखिरी टूर्नामेंट था। आई रिटायर (मैं संन्यास लेती हूं)।"
उन्होंने आगे कहा, " मैं काफी दिनों से सोच रही थी कि मैं अपने विचारों को साफ तौर से रखूं। मैं इस बात को स्वीकार करती हूं कि मैं इससे काफी वक्त से जूझ रही हूं। आप जानते हैं कि मुझे अच्छा महसूस नहीं हो रहा है, इसलिए मैं आज ये संदेश लिखकर बता रही हूं कि अब मैं और ज्यादा इसका सामना नहीं कर सकती।"
सिंधु लिखा, "मैं समझ सकती हूं कि इस बयान को पढ़कर आप हैरान रह जाएंगे या असमंजस में पड़ जाएंगे। लेकिन जब आप मेरे विचार को पूरा पढ़ लेंगे तब मेरे विचारों को समझ पाएंगे और मैं उम्मीद करती हूं कि आप मेरा समर्थन करेंगे।"
मौजूद विश्व चैंपियन ने आगे लिखा, " ये महामारी मेरे लिए आंखे खोल देने वाली घटना थी। मैं खुद को खेल के आखिर तक सबसे मजबूत विपक्षी के लिए ट्रेन कर सकती हूं। मैंने ऐसा पहले भी किया है और अब मैं ऐसा दोबारा भी कर सकती हूं। लेकिन इस अ²श्य वायरस का सामना कैसे करुं जिसने पूरी दुनिया पर ब्रेक लगा दिया है। महीनों से हम अपने घरों में हैं और अभी भी खुद से सवाल कर रहे हैं कि क्या हम बाहर निकलें या नहीं।"
सिंधु ने कहा, " आज, मैं अशांति के इस वर्तमान अर्थ से संन्यास लेना चाहती हूं। मैं इस नकारात्मकता, निरंतर डर, अनिश्चितता से संन्यास लेती हूं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि मैं घटिया स्वच्छता मानकों और वायरस के प्रति हमारे अभावग्रस्त रवैये से छूटकारा पानी चाहती हूं।"
25 वर्षीय महिला बैडमिंटन खिलाड़ी ने लोगों से आह्वान किया कि वे कोरोनोवायरस को हराने की तैयारी करें।
उन्होंने कहा, "आज हम जो चुनाव करते हैं वह हमारे भविष्य और अगली पीढ़ी के भविष्य को परिभाषित करेगा। हम उन्हें निराश नहीं कर सकते।"
--आईएएनएस