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SRH vs MI डेविड वॉर्नर के हैदराबादी वीर-देखन में छोटे लगें...
04-Nov-2020 10:05 AM
SRH vs MI डेविड वॉर्नर के हैदराबादी वीर-देखन में छोटे लगें...

डेविड वॉर्नर के बल्ले से लगने के बाद गेंद बाउंड्री के बाहर गई. करीब पाँच फ़ीट पाँच इंच के वॉर्नर खुशी में उछले. हवा में पंच मारा. मुट्ठी ऐसे भींची हुई थी मानो उसमें प्लेऑफ़ का टिकट बंद हो, जिसे वो मुश्किल से छीन के लाए हों.

मुंबई इंडियंस के ख़िलाफ़ मंगलवार को सनराइज़र्स हैदराबाद की 10 विकेट से धमाकेदार जीत के बाद भले ही फ़िक्र हवा हो गई हो लेकिन टीम के कप्तान वॉर्नर को बखूबी याद है कि 24 अक्टूबर को किंग्स इलेवन के पंजाब के हाथों मिली हार के बाद उनके अगले दौर में पहुंचने की राह मुश्किल ही मान ली गई थी.

पंजाब के ख़िलाफ़ मैच में 37 ओवर का खेल होने तक हैदराबाद की टीम हावी थी लेकिन आख़िरी तीन ओवर में विकेटों की झड़ी लगी और ये टीम 12 रन से मैच हार गई.

उसके बाद प्लेऑफ़ तक पहुंचने के लिए हैदराबाद को आखिरी तीनों मैच जीतने थे. तो पहले उन्होंने दिल्ली कैपिटल्स को 88 रन से हराया फिर रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर को पांच विकेट से पीटा और अब मुंबई इंडियन्स को पस्त कर असंभव से दिखते लक्ष्य को हासिल कर लिया. वो उम्मीद से अधिक आसानी से.

याद आया साल 2016

डेविड वॉर्नर को इस प्रदर्शन के बाद बार-बार साल 2016 याद आ रहा है. तब हैदराबाद की टीम चैंपियन बनी थी. ये आईपीएल इतिहास की इकलौती ऐसी टीम है जो लीग राउंड में पहले दो स्थान पर न होने के बाद भी ख़िताब जीतने में कामयाब रही.

वॉर्नर ने मुंबई के ख़िलाफ़ मैच के बाद इतिहास का जिक्र करते हुए कहा,"हम 2016 की तरफ देख रहे हैं जब हमें ख़िताब जीतने के लिए हर मैच जीतना था."

उन्होंने आगे कहा,"जब आपकी पीठ दीवार से लगी हो तो आपके पास खोने को कुछ नहीं होता है."

नई कहानी 2020 की है. मुंबई, दिल्ली और बैंगलोर आईपीएल-13 की टॉप टीमें हैं. तीनों ही प्लेऑफ़ में जगह बना चुकी हैं और अगले दौर में दाखिल होते-होते हैदराबाद ने तीनों टीमों पर मनोवैज्ञानिक बढ़त बना ली है.

प्ले ऑफ में पहुंचने के लिए जीत की हैट्रिक जमाने वाली हैदराबादी टीम फिलहाल ऐसी लय में है कि मैदान में उतरने के पहले ही किसी भी विरोधी के हौसले हिला दे.

सितारों को ज़मीन पर लाने वाले खिलाड़ी

काग़ज़ों पर सनराइज़र्स हैदराबाद की टीम सर्वश्रेष्ठ नहीं दिखती. इसके पास मुंबई, बैंगलोर या दिल्ली की तरह स्टार खिलाड़ियों की फौज नहीं है. लेकिन जो खिलाड़ी हैं, वो बड़े-बड़े सितारों की चमक फीकी कर रहे हैं.

मसलन मुंबई इंडियन्स के ख़िलाफ़ मैन ऑफ द मैच चुने गए शाहबाज़ नदीम. मुंबई के ख़िलाफ़ चार ओवर में सिर्फ़ 19 रन देकर दो विकेट लेने वाले नदीम हैदराबाद टीम में आसानी से जगह हासिल नहीं कर पाते हैं. उन्हें इस सीजन में सिर्फ़ पांच मैच खेलने का मौका मिला है. लेकिन सबसे अहम मैच में वो सबसे उपयोगी खिलाड़ी साबित हुए.

यही कहानी संदीप शर्मा की भी है. भुवनेश्वर कुमार चोटिल नहीं होते तो संदीप को प्लेइंग इलेवन में जगह भी शायद ही मिल पाती. लेकिन, अब 13 विकेटों के साथ वो हैदराबाद के सबसे अहम गेंदबाज़ों में शामिल हैं. मुंबई के ख़िलाफ़ मैच में तीन विकेट लेने वाले संदीप शर्मा इस सीजन में रोहित शर्मा को दो बार सस्ते में आउट कर चुके हैं.

वाह-वाह साहा

आईपीएल के 13वें सीजन के बड़े हिस्से में गुमनाम रहने के बाद मैदान पर सितारे की तरह चमकने वाले हैदराबादी खिलाड़ियों में ऋद्धिमान साहा भी हैं.

साहा ने दिल्ली, बैंगलोर और मुंबई के ख़िलाफ़ आखिरी तीन मैचों के पहले सिर्फ़ एक मैच खेला था. उस इकलौते मैच में औसत प्रदर्शन के बाद वो टीम पर बोझ और कमजोर कड़ी बताए जा रहे थे. लेकिन करो या मरो की अहमियत रखने वाले आखिरी तीन मैचों में मौका मिलने पर उन्होंने इसे दोनों हाथ से लपका. इन तीन मैचों में वो दो हाफ़ सेंचुरी की मदद से 184 रन बना चुके हैं.

साहा विकेट के आगे नहीं बल्कि पीछे भी करिश्माई साबित हो रहे हैं. मुंबई के ख़िलाफ़ मैच में नदीम की गेंद पर उन्होंने सूर्य कुमार यादव को स्टंप्स किया तो मैच की कमेंट्री कर रहे पूर्व दिग्गज विकेटकीपर बल्लेबाज़ कुमार संगकारा ने उन्हें 'भारत का सर्वश्रेष्ठ विकेटकीपर' घोषित कर दिया.

फ़िलहाल वो जिस अंदाज़ में बल्लेबाज़ी कर रहे हैं. गेंद को जिस खूबसूरती और आसानी के साथ बाउंड्री के बाहर भेज रहे हैं, उससे उनके चाहने वालों की संख्या में कई गुना इज़ाफ़ा हुआ है.

आईपीएल के किंग ख़ान

हैदराबाद के पास राशिद ख़ान भी हैं. आईपीएल में गेंदबाज़ी के किंग ख़ान.उनकी गेंदें आईपीएल-13 में जो रहस्यजाल बुन रही हैं, उसकी काट कम ही बल्लेबाज़ों के पास है.

उनके खाते में 19 विकेट हैं. उन्होंने आईपीएल-13 में 56 ओवर डाले हैं और हर ओवर में सिर्फ़ 5.28 की औसत से रन दिए हैं. वो इस सीज़न में सबसे किफ़ायती गेंदबाज़ साबित हुए हैं.

हैदराबाद के लिए सिर्फ़ पांच मैचों में 10 विकेट ले चुके जेसन होल्डर का स्ट्राइक रेट प्लेऑफ़ में पहुंची सभी टीमों के गेंदबाज़ों से बेहतर है. उन्होंने हर 12वीं गेंद पर विकेट लिया है. हैदराबाद के लिए इस सीज़न में 380 रन बना चुके मनीष पांडेय भी विरोधियों के लिए सिरदर्द बने रहे हैं.

कप्तान का जवाब नहीं

कप्तान वॉर्नर टीम के सबसे बड़े स्टार हैं और सबसे उम्दा प्रदर्शन भी उन्होंने ही किया है. 529 रन के साथ वो टूर्नामेंट के दूसरे सबसे कामयाब बल्लेबाज़ हैं.

बतौर ओपनर वो विरोधी बॉलिंग अटैक पर काउंटर अटैक करना जानते हैं तो बतौर कप्तान उनमें सही वक़्त पर सही फ़ैसला लेने का हुनर है. मिशेल मार्श, भुवनेश्वर कुमार और विजय शंकर जैसे अहम खिलाड़ियों के चोट की वजह से बाहर होने के बाद भी उन्होंने टीम को बिखरने नहीं दिया है.

वो जॉनी बेयरस्टो जैसे खिलाड़ी को बाहर बिठाने का जोखिम ले रहे हैं. मिडिल ऑर्डर को मजबूत करने के लिए उन्होंने केन विलियम्सन और जेसन होल्डर को वरीयता दी है और बेयरेस्टो की जगह साहा से ओपनिंग करा रहे हैं. ये दांव चल भी रहे हैं.

बल्कि इनकी जगह लेने वाले हर खिलाड़ी से वॉर्नर ने कहीं बेहतर प्रदर्शन कराया है. रणनीति के मोर्चे पर काफी आगे तक सोचने वाले वॉर्नर विरोधी टीम से मुक़ाबले के लिए मैदान पर उतरने के पहले दिमागी बढ़त बनाने की कोशिश में रहते हैं.

मुंबई का मैच ख़त्म होने ही उन्होंने छह नवंबर के मुक़ाबले पर ध्यान लगा दिया. उस दिन हैदराबाद का मुक़ाबला रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर से है.

मुंबई को पस्त करने के बाद वॉर्नर ने कहा, "आरसीबी एक बहुत अच्छी टीम है. उनके पास कई ख़तरनाक़ खिलाड़ी हैं. लेकिन हमने उन्हें 2016 के फाइनल में हराया था. ये भी करो या मरो का मैच होगा. उम्मीद है कि इस मैच की लय बरक़रार रखेंगे."(bbc)

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