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मुंबई इंडियंस से क्यों ख़ौफ़ खा रही हैं विरोधी टीमें?
05-Nov-2020 8:28 AM
 मुंबई इंडियंस से क्यों ख़ौफ़ खा रही हैं विरोधी टीमें?

पिछले बार की चैंपियन और चार बार आईपीएल के फ़ाइनल में पहुँची मुंबई इंडियंस का जलवा 13वें संस्करण में भी बरक़रार है.

शुक्रवार को मुंबई इंडियंस ने जिस अंदाज़ में दो बार की चैंपियन कोलकाता नाइट राइडर्स को बेहद आसानी से आठ विकेट से मात दी उसके बाद क्रिकेट पंडित भी सोच रहे होंगे कि क्या इस टीम को इस बार भी चैंपियन बनने से रोका जा सकता है? उनकी ऐसी सोच का कारण मुंबई का लगातार शानदार प्रदर्शन है.

मुंबई के गेंदबाज़ों ने कोलकाता के बल्लेबाज़ों को खुलकर खेलने का मौक़ा नही दिया तो क्विंटन डी कॉक तो अकेले ही कोलकाता के गेंदबाज़ों पर भारी पड़े. वह सलामी बल्लेबाज़ के तौर पर मैदान पर उतरे और नाबाद 78 रन बनाकर और जीत दिलाकर ही वापस लौटे.

इससे पहले मुंबई ने अंक तालिका में दूसरे स्थान पर चल रही और इस बार ख़िताब की दावेदार लग रही दिल्ली कैपिटल्स को भी दो गेंद बाकी रहते पाँच विकेट से मात दी थी.

दिल्ली और मुंबई ने अभी तक आठ-आठ मैच खेले हैं लेकिन मुंबई बेहतर रन औसत के कारण 12 अंकों के साथ अंक तालिका में पहले स्थान पर है.

वैसे पिछली चैंपियन मुंबई ने इस बार आईपीएल में पिछली उपविजेता और तीन बार की चैंपियन चेन्नई सुपर किंग्स के ख़िलाफ पाँच विकेट से हार के साथ निराशाजनक शुरुआत की लेकिन उस हार से वह जल्दी ही उबर गई.

इसके बाद मुंबई ने कोलकाता को 49 रन से हराया और फिर बाद रॉयल चैलेंजर्स बैंगलौर से वह सुपर ओवर में हारी. लेकिन इसके बाद मुंबई की जीत का सिलसिला थमा नही है.

अपने चौथे मैच में मुंबई ने ने पंजाब को 48 रन से, पाँचवें मैच में हैदराबाद को 34 रन से, छठे मैच में राजस्थान को 57 रन से, सातवें मैच में दिल्ली को पाँच विकेट से और आठवें मैच में कोलकाता को आठ विकेट से मात दी.

ये सभी जीतें मुंबई को बड़े अंतर से मिलीं. ये बताती हैं कि मुंबई और दूसरी टीमों में कितना फ़र्क है.

मज़बूत है बल्लेबाज़ी

मुंबई की कामयाबी में उसके बल्लेबाजों का बड़ा योगदान है. ख़ुद कप्तान रोहित शर्मा ज़ोरदार बल्लेबाज हैं. साथ ही क्विंटन डी कॉक, सूर्यकुमार यादव, ईशान किशन, किरेन पोलार्ड और हार्दिक पांड्या किसी भी गेंदबाज़ पर भारी पड़ सकते हैं.

समय की माँग के अनुसार कृणाल पांड्या की अपना दमख़म दिखा सकते है.

रोहित शर्मा ने कोलकाता के ख़िलाफ 80 और पंजाब के ख़िलाफ 70 रन की बड़ी पारी खेली है तो राजस्थान और कोलकाता के ख़िलाफ ही 35-35 रन की छोटी लेकिन उपयोगी पारी खेली है.

उनके जोड़ीदार क्विंटन डी कॉक अभी तक तीन अर्धशतक जमा चुके हैं. उन्होंने हैदराबाद के ख़िलाफ 67, दिल्ली के ख़िलाफ 53 और कोलकाता के ख़िलाफ नाबाद 78 रन बनाकर विरोधी गेंदबाजों के ख़िलाफ़ खतरे की घंटी बजा रखी है.

कम नहीं हैं सूर्यकुमार यादव

मुंबई के लिए राहत की बात यह भी है कि अगर सलामी जोड़ी सस्ते में निपट जाए या पहला विकेट जल्दी गिर जाए तो पारी संभालने के लिए सूर्यकुमार यादव जैसा भरोसेमंद बल्लेबाज़ मौजूद है.

उन्होंने कोलकाता के ख़िलाफ़ 47, राजस्थान के ख़िलाफ नाबाद 79 और दिल्ली के ख़िलाफ 53 रन बनाकर 30 साल की उम्र में अपने आपको पुराने चावल जैसा साबित किया है.

सलीम दुर्रानी जो दर्शकों की मांग पर छक्का लगाया करते थे

गरज रहे हैं हार्दिक पांड्या

हार्दिक पांड्या का बल्ला शुरू के कुछ मैचों में नहीं चला तो लगा जैसे वह फ़ॉर्म में नही हैं लेकिन एक बार चले तो ऐसा चले कि चौके-छक्के लगाने में पीछे नहीं रहे.

उन्होंने पंजाब और राजस्थान के ख़िलाफ़ नाबाद 30-30 और कोलकाता के ख़िलाफ नाबाद 21 रन बनाए. एक नज़र में यह बड़े स्कोर नही लगे लेकिन इसके लिए उन्होंने अधिक गेंदों का सामना नहीं किया.

पोलार्ड ने क्रिकेट प्रेमियों को जगाया

इस आईपीएल में अगर राहुल तेवतिया ने दो मैचों में अपनी बल्लेबाजी से दाँतों तले अंगुली दबाने को मजबूर कर दिया तो किरेन पोलार्ड ने बैंगलोर को ख़िलाफ ऐसा ही किया.

उन्होंने केवल 24 गेंदों पर तीन चौके और पाँच छक्के लगाते हुए नाबाद 60 रन बनाए.

उसी मैच में ईशान किशन ने भी केवल 58 गेंदों पर नौ छक्कों की मदद से 99 रन बनाए. ज़रा अंदाज़ा लगाइए कि कैसे गेंद बाउंड्री लाइन के बाहर जा रही होगी.

स्पिनर हैं दमदार, तेज़ गेंदबाज़ हैं धारदार

शुक्रवार को जब कोलकाता के ख़िलाफ मुंबई के तेज़ गेंदबाज़ जसप्रीत बुमराह ने कोलकाता के आंद्रे रसेल को अपने बाउंसर पर आउट किया तो सब हैरान रह गए.

बुमराह अपने सटीक यॉर्कर के लिए जाने जाते हैं लेकिन उन्होंने रसेल का अपनी बाउंसर से चौंकाया और शिकार भी बनाया. उनके बाउंसर पर रसेल बचने के लिए पीछे हटे लेकिन गेंद उनके बैट का बाहरी किनारा लेकर विकेटकीपर क्विंटन डी कॉक के दस्तानों में समा गई.

तब कोलकाता का स्कोर पाँच विकेट खोकर केवल 62 रन था जो बताता है कि मैच में मुंबई के गेंदबाज़ों का कितना दबदबा था. बुमराह ने राजस्थान के ख़िलाफ 20 रन देकर चार विकेट लिए थे.

बुमराह अभी तक 12 विकेट ले चुके हैं. उनके अलावा दूसरे तेज़ गेंदबाज़ ट्रैंट बोल्ट ने अभी तक खेले सभी मैचों में एक या उससे अधिक विकेट लिए हैं. वो भी अभी तक 12 विकेट झटक चुके हैं.

जेम्स पैटिंसन भी अपनी तेज़ी के दम पर नौ विकेट ले चुके हैं. स्पिन में राहुल चहर और कृणाल पांड्या की जोड़ी बेहद किफ़ायती साबित हुई है.

आईपीएल में कमेंट्री कर रहे दिग्गज खिलाड़ियों का मानना है कि ये दोनों भले ही अधिक विकेट नहीं चटका रहे हों लेकिन इनकी कंजूस गेंदबाज़ी का फ़ायदा तेज़ गेंदबाज़ों को मिल रहा है.

अब जब मुंबई जीत के रथ पर सवार है और वह भी शान से तो विरोधी टीमों की नींद उड़नी लाज़मी है.

अभी तक के आंकड़े बताते हैं कि मुंबई अपने सभी खिलाड़ियों के दम पर जीत रही है न कि एक दो खिलाड़ियों के सहारे. यही मुंबई की जीत की कुंजी भी है.(bbc)

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