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बिहार में सात नवंबर को तीसरे और आख़िरी चरण के लिए वोटिंग शुरू हो गई है. आज 16 ज़िलों की 78 सीटों पर मतदान है जिसमें मुख्य तौर पर सीमांचल और मिथिलांचल के इलाक़े हैं.
बिहार के लगभग आधे मुसलमान इस तीसरे चरण के विधानसभा क्षेत्रों में रहते हैं.
लेकिन ये चरण इसलिए भी ख़ास है क्योंकि यहां की कई सीटों पर मुक़ाबला दो मुख्य पर्टियों के बीच या त्रिकोणीय नहीं बल्कि बहुकोणीय है.
तीसरे चरण में उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक समता पार्टी, असदद्दुीन ओवैसी की एआईएमआईएम, मायावती की बीएसपी और पूर्व सांसद पप्पू यादव की जन अधिकार पार्टी भी मुक़ाबले में है.
साल 2015 में इन 78 सीटों में से 54 सीटें जनता दल यूनाइटेड, राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस गठबंधन को मिली थी. वहीं एनडीए का हिस्सा थे बीजेपी, एलजेपी, आरएलएसपी और जीतन राम मांझी की हिंदुस्तान आवाम पार्टी जो 24 सीटें जीत पाए थे. लेकिन इसमें सबसे ज़्यादा 19 सीटें बीजेपी को मिली थी.
इस बार महागठबंधन में जेडीयू नहीं है और एलजेपी एनडीए के साथ नहीं लड़ रही.
तीसरे चरण के लिए बीजेपी ने 35 उम्मीदवार और जेडीयू ने 37 उम्मीदवार खड़े किए हैं. साथ ही मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी के भी पाँच उम्मीदवार अपनी किस्मत आज़मा रहे हैं.
वहीं राजद ने 46 और कांग्रेस ने 25 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं.
नीतीश सरकार की कैबिनेट के 12 मंत्री तीसरे चरण के चुनाव में उम्मीदवार के तौर पर उतरे हैं. सरायरंजन से विधानसभा स्पीकर रहे विजय कुमार चौधरी, सुपौल से बिजेंद्र प्रसाद यादव, प्रमोद कुमार मोतिहारी से लड़ रहे हैं.
वहीं बिहारीगंज से पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव की बेटी सुभाषिनी यादव कांग्रेस की टिकट पर लड़ रही हैं.
तीसरे चरण में सीमांचल इलाक़ा केंद्र में रहेगा जहां राजद के पारंपरिक वोटर काफ़ी संख्या में है यानी यादव और मुसलमान. लेकिन इस बार कुशवाहा, ओवैसी और पप्पू यादव के गठबंधन ने इस इलाक़े में राजद के लिए थोड़ी मुश्किल खड़ी कर दी है.
2010 के विधानसभा चुनावों में जेडीयू और बीजेपी ने मिलकर 243 में से 206 सीटें जीती थी लेकिन सीमांचल के किशनगंज में जगह नहीं बना पाए थे. तब राजद और कांग्रेस को किशनगंज से चार सीटें मिली थी.
पिछले साल किशनगंज में हुए उपचुनाव में एआईएमआईएम को बिहार में अपनी पहली जीत मिली थी.
वहीं मिथिलाचंल के दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर, मधेपुरा, सहरसा, सुपौल और सीतामढ़ी ज़िलों की 34 सीटों पर चुनाव होगा. मुज़फ़्फ़रपुर, वैशाली की भी छह सीटों पर मतदान होगा. वहीं, पूर्वी और पश्चिमी चंपारण की 12 सीटों पर भी सात नवंबर को वोट डाले जाएंगे.
पिछली बार मिथिलाचंल से बीजेपी सिर्फ़ छह सीटें जीत पाई थी. इसलिए यहां मुक़ाबला बीजेपी के लिए भी कड़ा है.
इस चरण से पहले बीजेपी ने अपने स्टार प्रचारकों को भरपूर इस्तेमाल किया जिसमें राजनाथ सिंह, जेपी नड्डा से लेकर योगी आदित्यनाथ भी प्रचार करने के लिए आए.
जेडीयू ने तीसरे चरण से पहले पार्टी-विरोधी गतिविधियों की वजह से 33 नेताओं को निकाल दिया है. साथ ही नीतीश कुमार ने एक रैली से ये एलान भी किया कि ये उनका आख़िरी चुनाव है.(bbc)