राष्ट्रीय

डूटा समेत केंद्रीय विश्वविद्यालयों के शिक्षक भी भारत बंद के समर्थन में
08-Dec-2020 9:34 AM
डूटा समेत केंद्रीय विश्वविद्यालयों के शिक्षक भी भारत बंद के समर्थन में

नई दिल्ली, 8 दिसंबर | किसानों के आंदोलन को दिल्ली विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने समर्थन देने का ऐलान किया है। दिल्ली विश्वविद्यालय के अलावा भी कई अन्य केंद्रीय विश्वविद्यालयों के प्राध्यापकों ने किसानों ने समर्थन दिया है। फेडरेशन ऑफ सेंट्रल यूनिवर्सिटीज टीचर्स एसोसिएशन ने समर्थन की घोषणा की है। केंद्रीय विश्वविद्यालय के अध्यापक किसानों द्वारा बुलाए गए भारत बंद का भी समर्थन कर रहे हैं।

दिल्ली विश्वविद्यालय टीचर्स एसोसिएशन (डूटा) के अध्यक्ष राजीव रे ने इस समर्थन की जानकारी देते हुए कहा, "टीचर्स, किसानों के आंदोलन और उनकी मांगों से सहमत हैं। केंद्रीय विश्वविद्यालयों के प्राध्यापक, किसानों द्वारा 8 दिसंबर को बुलाए गए भारत बंद का भी समर्थन कर रहे हैं।"

दिल्ली विश्वविद्यालय के एक अन्य शिक्षक संगठन दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन (डीटीए) ने भी किसान आंदोलन को अपना समर्थन दिया है। डीटीए में शामिल टीचर्स और प्रोफेसर्स ने आंदोलनरत किसानों की मांगों को जायज ठहराया। डीटीए का मानना है कि किसानों की समस्या के समाधान के लिए केंद्र सरकार को बिना शर्त बात करनी चाहिए।

डीटीए का कहना है, "हम आंदोलनकारी किसानों की मांग के समर्थन में उनके साथ खड़े हैं। संगठन के पदाधिकारियों ने इस विषय पर अपनी एक अहम बैठक बुलाई। इस बैठक में यह निर्णय लिया गया है।"

एसोसिएशन के प्रोफेसर हंसराज सुमन, डॉ. नरेंद्र कुमार पांडेय, डॉ. आशा रानी, डॉ. मनोज कुमार सिंह व डॉ. राजेश राव आदि ने बैठक में किसानों की मांगों का समर्थन करते हुए हर संभव सहयोग देने को कहा है।

दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन के प्रभारी प्रोफेसर हंसराज सुमन ने कहा, "पिछले छह दिन से चल रहा किसानों का आंदोलन पूरी तरह से शांतिपूर्ण है, लेकिन सरकार उनके साथ कठोर बर्ताव कर रही है। सरकार उनके आंदोलन को कुचलने, दबाने, उन्हें खदेड़ने के लिए उन पर आंसूगैस के गोले और ठंड में वाटर कैनन से पानी की बौछार कर उन्हें आंदोलन से हटाने की कोशिश रही है। मुद्दे हल करने के बजाय तारीख पर तारीख दे रही है।"

गौरतलब है कि कई किसान संगठन केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश की अनुमति न मिलने पर दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों ने 8 दिसंबर को भारत बंद का आह्वान किया है। किसानों के इस प्रदर्शन और भारत बंद के साथ अब दिल्ली विश्वविद्यालय समेत कई अन्य केंद्रीय विश्वविद्यालयों के प्राध्यापक भी जुड़ गए हैं।

--आईएएनएस

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news