राष्ट्रीय
-मनीष कुमार
लखनऊ. अब यूपी पुलिस और परिवहन विभाग उन गाड़ियों का चालान काट रहे हैं जिनपर जातिसूचक कोई शब्द लिखा है. ये बदलाव तब आया जब किसी व्यक्ति ने इण्टीग्रेटेड ग्रिवान्स रिड्रेसल सिस्टस पर इसकी शिकायत की. इसे एक अच्छी शुरुआत की तरह देखा जा रहा है, लेकिन मोटर व्हीकल एक्ट का उल्लंघन अभी भी धड़ल्ले से जारी है. कानून कहता है कि गाड़ियों के नंबर प्लेट पर नंबर के अलावा कुछ भी लिखना गलत है. यहां तक की नंबर के फॉण्ट साइज और उसकी स्टाइल भी नियम के अनुकूल होनी चाहिए लेकिन, क्या ऐसा है?
जाति को छोड़ दें तो नंबर प्लेटों पर बहुत कुछ लिखा होता है. लखनऊ की सड़कों पर आपको सुबह शाम एक कतार से सैकड़ों गाड़ियां देखने को मिल जायेंगी जिनके नंबर प्लेटों पर उत्तर प्रदेश सरकार, यूपी पुलिस, न्यायाधीश, वकील, पत्रकार, डिफेन्स, विधायक और सांसद, यहां तक की छोटा पूर्व और बड़ा विधायक भी दिख जायेगा. केन्द्र सरकार के मोटर रूल्स का ये खुला उल्लंघन है. एक्ट में इसके उल्लंघन का दण्ड भी निर्धारित है लेकिन, इस ओर अभी पुलिस और परिवहन विभाग का शायद ध्यान नहीं गया है. परिवहन विभाग में एडिशनल ट्रांसपोर्ट कमिश्नर (राजस्व) अरविंद पांडेय ने विस्तार से बताया कि क्या गलत है और क्या सही?
सवाल - गाड़ियों के नंबर प्लेट पर क्या क्या नहीं लिख सकते हैं ?
जवाब - देखिये CMVR - CENTRAL MOTOR VEHICLE RULES हमें ये बताता है कि हमारी गाड़ी और उसपर नंबर प्लेट कैसी होनी चाहिए. रूल्स में साफ साफ ये बताया गया है कि गाड़ी की नंबर प्लेट कैसी होनी चाहिए. उसपर निर्धारित फॉर्मेट के अतिरिक्त कुछ भी नहीं लिखा होना चाहिए. मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 177 में इसके लिए दण्ड का प्रावधान किया गया है. पहली बार उल्लंघन करने पर 500 रूपये और दूसरी बार करने पर 1500 रूपये का चालान काटा जायेगा.
सवाल - गाड़ी के नंबर प्लेट के अलावा गाड़ियों के शीशे पर बहुत कुछ लिख दिया जाता है. क्या ऐसा करने पर भी चालान काटा जा सकता है ?
जवाब - देखिये ऐसा कोई प्राहिबिटरी क्लॉज नहीं है कि आप शीशे पर नहीं लिख सकते हैं या गाड़ी के किसी हिस्से पर नहीं लिख सकते हैं लेकिन, कहीं ये प्रॉविजन भी नहीं कि ये लिख सकते हैं. यदि ऐसा कोई करता है तो उसे भी एक्ट की धारा 177 के तहत ही कवर किया जायेगी और कार्रवाई की जायेगी. यानी ऐसा करने पर भी गाड़ी का चालान किया जा सकता है.
ट्रांसपोर्ट कमिश्नर धीरज शाहू से भी न्यूज़ 18 ने बता की. हमने उनसे ये जानना चाहा कि भले ही जाति सूचक शब्द लिखने पर कार्रवाई हो रही है लेकिन, बाकी शब्दों के लिखे जाने पर भी कार्रवाई क्यों नहीं होती ? शाहू ने बताया कि ऐसा नहीं है. प्रवर्तन दल हमेशा ही इस तरह के विशेष अभियान चलाया करता है. साथ ही अब गाड़ियों पर हाई सेक्यूरिटी नंबर प्लेट भी जल्दी लग जायेंगे जिससे ये समस्या खत्म हो जायेगी. आयुक्त धीरज शाहू ने स्पष्ट किया कि इस नियम के उल्लंघन में गाड़ी के सीज़ किये जाने का कोई प्रावधान नहीं है बल्कि सिर्फ जुर्माना ही वसूला जायेगा.
बता दें कि यूपी में जिस नियम के उल्लंघन में गाड़ियों का धड़ाधड़ चालान किया जा रहा है उसकी शिकायत महाराष्ट्र के एक व्यक्ति ने की थी. हर्षल प्रभु नाम के एक व्यक्ति ने शिकायत की थी कि जाति सूचक शब्द लिखना नियमों का उल्लंघन है. इनकी शिकायत के बाद ही गाड़ियों का चालान किया जा रहा है. प्रभु ने ये भी मांग की थी कि ऐसी गाड़ियों को सीज किया जाना चाहिए. हालांकि एक्ट में इस अपराध के लिए गाड़ियों के सीज करने का प्रावधान नहीं है.