राष्ट्रीय
दिल्ली/तिरुवनंतपुरम, 29 दिसंबर | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी स्थित पीएमओ में केरल के जैकोबाइट चर्च के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की। इसके एक दिन पहले ही मोदी ने ऑर्थोडॉक्स चर्च के एक धड़े से मुलाकात की थी। मिजोरम के गवर्नर पी.एस. श्रीधरन पिल्लई ने प्रधानमंत्री के साथ बैठक आयोजित करने में मदद की है। बताया जा रहा है कि मोदी ने उन्हें केरल के मालंकारा ऑर्थोडॉक्स और जैकोबाइट चर्च के गुटों के बीच मध्यस्थता करने को कहा है। मोदी ने उन्हें दोनों गुटों के बीच चल रहे मुद्दों का हल निकालने को कहा है।
जैकोबाइट गुट के नेताओं ने प्रधानमंत्री से शिकायत की कि ऑर्थोडॉक्स चर्च के अधिकारी चचरें के अधिग्रहण की होड़ में लगे हैं। उन्होंने इस मामले में उनके हस्तक्षेप का आग्रह किया।
जैकोबाइट गुट के नेताओं ने मोदी को यह भी बताया कि वे केरल में कई क्षेत्रों में बहुमत में हैं, लेकिन ऑर्थोडॉक्स चर्च द्वारा उनके अधिकारों का हनन किया जा रहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री से गुटों के बीच विवादास्पद मुद्दों को सुलझाने में मदद करने का आग्रह किया।
नेताओं ने बाद में मीडिया को बताया कि प्रधानमंत्री ने पिल्लई को चर्चाओं को आगे बढ़ाने और दोनों पक्षों को एक सौहार्दपूर्ण समाधान तक पहुंचने में मदद करने के लिए निर्देशित किया है।
जैकोबाइट और ऑर्थोडॉक्स गुट केरल में चर्चो और अन्य संस्थानों के नियंत्रण के लिए एक-दूसरे के सामने हैं उनमें गतिरोध बना हुआ है।
3 जुलाई, 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने केरल मालंनकारा चर्च के ऑर्थोडॉक्स गुट को चर्च, पैरिश और संस्थानों सहित सभी संपत्तियों का अधिकार देने का फैसला सुनाया था।
18 नवंबर, 2017 को जैकोबाइट गुट द्वारा दायर एक समीक्षा याचिका को अदालत ने खारिज कर दिया और इस तरह से ऑर्थोडॉक्स गुट को 1,100 चर्चो और परगनों सहित संपत्तियों पर अधिकार मिलने का रास्त साफ हुआ।
शीर्ष अदालत के 1958 और 1995 में पहले के फैसले भी ऑर्थोडॉक्स चर्च गुट के पक्ष में गए थे।
इससे पहले पिल्लई ने भी दोनों गुटों में समाधान निकालने की पहल की थी। इसके बाद उन्होंने अब दोनों गुटों के साथ प्रधानमंत्री की बैठक की व्यवस्था की।
इस बीच, पिल्लई ने नई दिल्ली में मिजोरम भवन में जैकोबाइट और ऑर्थोडॉक्स चर्च के प्रतिनिधियों के लिए दोपहर के भोजन का आयोजन किया। दोनों गुटों के नेताओं ने दोपहर के भोजन में भाग जरूर लिया, मगर आपस में नजरें तक नहीं मिलाईं।
पिल्लई ने फोन पर आईएएनएस को बताया, "मैं इस मुद्दे को सुलझाने की कोशिश कर रहा हूं। किसी को दोपहर के भोजन के लिए आमंत्रित करना इस पहल का हिस्सा नहीं है। लेकिन निश्चित रूप से, मुझे खुशी है कि दोनों गुट के नेताओं ने लंच बैठक में भाग लिया।" (आईएएनएस)