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कोहिमा, 30 दिसंबर | राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने मंगलवार को नगालैंड में नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड-इसाक मुइवा (एनएससीएन-आईएम) के पांच कैडरों के खिलाफ एक जबरन वसूली मामले में विशेष अदालत में आरोपपत्र (चार्जशीट) दायर किया। एनआईए के सूत्रों ने कहा कि यह मामला एनएससीएन-आईएम के स्वयंभू कर्नल रायलुंग नसरंगबे और उनकी पत्नी रूथ च्वांग के आवासीय परिसर से अवैध हथियार, गोला-बारूद और विस्फोटक के साथ करीब 1.59 करोड़ रुपये की बरामदगी से संबंधित है।
चार्जशीट में जिन आरोपियों को नामित किया गया है, उनमें स्वयंभू लामसीरालु, झिंगशंगम मुइनाओ और रामिंगल पमे के अलावा स्वयंभू कर्नल रायलुंग नसरंगबे और उनकी पत्नी रूथ च्वांग शामिल हैं।
एनआईए के एक बयान में कहा गया है, "मामले की जांच से एनएससीएन-आईएम की ओर से मणिपुर में सड़क निर्माण परियोजनाओं को अंजाम देने वाली विभिन्न कंपनियों की आपराधिक धमकी से संबंधित एक सुव्यवस्थित जबरन वसूली रैकेट का खुलासा हुआ है।"
एजेंसी ने अपने बयान में यह भी कहा है कि जांच से पता चला है कि एनएससीएन-आईएम ने विभिन्न वित्तीय साधनों और अचल संपत्ति में निवेश के साथ ही आतंकवाद के लिए आय भी अर्जित की है।
भारतीय दंड संहिता के विभिन्न धाराओं के साथ ही विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, शस्त्र अधिनियम, नगालैंड सुरक्षा विनियमन, पासपोर्ट अधिनियम और भारतीय वायरलेस टेलीग्राफी अधिनियम की धारा 120 बी के तहत एनएससीएन (आईएम) के पांच कैडरो के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया गया है।
नागा संगठन के प्रमुख समूह - एनएससीएन-आईएम ने अगस्त 1997 में केंद्र सरकार के साथ युद्धविराम समझौता किया था और तब से संगठन शांति वार्ता में लगा शामिल रहा है।
इस संगठन ने 23 साल पहले संघर्ष विराम संधि पर हस्ताक्षर करने के बाद दिल्ली और यहां तक कि भारत के बाहर भी केंद्र सरकार के साथ लगभग 80 दौर की वार्ता की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने 2015 में एनएससीएन-आईएम के साथ एक फ्रेमवर्क समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।
--आईएएनएस