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इंफाल. मणिपुर सरकार ने रेप और मर्डर केस में आरोप मुक्त हुए एक शख्स को सरकारी नौकरी का ऑफर दिया है. जानकारी के मुताबिक, शख्स को साल 2013 में रिसर्च स्टूडेंट के रेप और हत्या के मामले में गिरफ्तार किया गया था. घटना के बाद आक्रोशित भीड़ ने उसका घर भी जला दिया था. न्यायिक प्रक्रिया में देरी के कारण शख्स को 8 साल जेल में गुजारने पड़े थे. हालांकि, सोमवार को कोर्ट ने उसे निर्दोष करार दिया.
कोर्ट का फैसला आने के बाद मुख्यमंत्री बिरेन सिंह ने कहा, 'उसे सरकारी नौकरी दी जाएगी. मुझे मालूम चला कि निर्दोष होने के बाद भी उसे 8 साल सलाखों के पीछे काटने पड़े. न्यायिक प्रक्रिया में देरी के कारण उसकी जिंदगी के कीमती 8 साल बर्बाद हो गए. इतने वक्त में वो कुछ अच्छा कर सकता था और अपने परिवार की जिम्मेदारी उठा सकता था. मुझे ये भी पता चला कि उस घटना के बाद भीड़ ने उस शख्स का घर तक जला दिया था.'
सीएम बिरेन सिंह ने न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में कहा, 'मुझे उम्मीद है कि हमारे इस ऑफर को वो स्वीकार करेगा और अपनी आगे की जिंदगी अच्छे तरीके से बीता पाएगा.'
दरअसल, तौदम जिबल सिंह को रिम्स की पैथोलॉजी डिपार्टमेंट की एक जूनियर रिसर्च स्कॉलर के रेप और हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. 5 अप्रैल 2013 को लड़की की लाश वांगलखेई लोकुल कनाल में मिली थी. घटना के दो दिन पहले से लड़की लापता बताई जा रही थी.
इंफाल ईस्ट सेशन कोर्ट के जज एम. मनोज कुमार ने तौदम जिबल सिंह को सभी आरोपों से मुक्त करते हुए निर्दोष करार दिया है. सीएम बिरेन सिंह ने सोमवार को सेशन कोर्ट से आरोपमुक्त हुए तौदम जिबल सिंह से मुलाकात की.
सीएम ने जिबल को सरकारी नौकरी देने के साथ ही परिवार के लिए नया घर बनवाने का भी वादा किया है. जिबल को वन विभाग में नौकरी दी जाएगी, क्योंकि उसके पिता भी इसी विभाग में कार्यरत रह चुके हैं. (ANI इनपुट के साथ)